नई दिल्ली/नोएडा : बौद्धिक संपदा और उससे जुड़े अधिकारों के बारे में जनसामान्य को ज्ञान होना और उसका युक्तियुक्त और विधिक प्रयोग किया जाना वर्तमान समय की आवश्यकता है. ये बातें बौद्धिक अधिकार संपदा- हैंड्स ऑन ट्रेनिंग पेटेंट प्रायर आर्ट सर्च (पेटेंट पूर्व खोज कला) विषय पर शनिवार को गौतम बुद्ध विश्ववविद्यालय के बौद्धिक अधिकार संपदा के द्वारा आयोजित कार्यशाला में व्यक्त की गई. ये बातें विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में खुराना एंड खुराना, बौद्धिक संपदा अधिकार की विशेषज्ञ मिस पौलमी सरकार ने कार्यशाला में कही.
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ एव मुख्य वक्ता ने बौद्धिक संपदा क्या है, बौद्धिक संपदा अधिकार क्या है? पेटेंट क्या है, डिजाइन क्या है ? इन विषय वस्तुओं को सुस्पष्ट करते हुए विषय विशेषज्ञ ने पेटेंट कार्यालय, उनका गठन, उनकी कार्यशैली, तथा पेटेंट और डिजाइन प्रार्थना पत्र देने, विहित शुल्क भुगतान करने की प्रक्रिया, उस पर आपत्ति प्रस्तुत किये जाने और आपत्ति के निस्तारण और अन्ततः पंजीकरण के प्रक्रिया के विषय मे विस्तार पूर्वक चर्चा की.
कार्यशाला में मुख्य रूप से प्रतिभागियों को किसी नवीन उत्पाद के पेटेंट प्राप्त करने के लिए किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, किन- किन सावधानियों का ध्यान रखना पड़ता हैं, उत्पाद के विशिष्टियों तथा उन्हें पूर्व पंजीकृत पेटेंट से किस प्रकार भिन्न और विशिष्ट किया जा सकता है?, इन समस्त विषयों एवं प्रक्रियाओं से प्रशिक्षित किया.
ये भी पढ़ें : पत्नी से झगड़े के बाद दो साल के बच्चे को छत से फेंका, खुद भी कूदा
कार्यशाला का आयोजन आईपीआर जी.बी.यू. द्वारा किया गया. इस कार्यशाला की समन्वयक डॉ. शक्ति शाही (चेयरपर्सन, आईपीआर सेल, जीबीयू) रही. कार्यशाला में आईपीआर सेल के सदस्य डॉ भूपेंद्र चौधरी, डॉ राकेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ संतोष कुमार तिवारी, डॉ. विनय लिटोरिया व डॉ. तन्वी वत्स उपस्थित रहे. उक्त कार्यशाला में लगभग 100 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता सुनिश्चित किया, जो विभिन्न विधाओं जैसे विधि, बियोटेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट आदि विषयों से संबंधित रहे. कार्यक्रम के सफल आयोजन पर विश्ववद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरके सिन्हा और कुलसचिव डॉ. विश्वास कुमार त्रिपाठी ने आईपीआर सेल के सदस्यों को शुभकामनाएं प्रेषित की और भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों के लिए प्रेरित किया.