नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने मुख्यमंत्री तीर्थ योजना की ट्रेनें रद्द करने को बीजेपी की बौखलाहट बताया. उन्होंने कहा कि 22 नवंबर को रेलवे की तरफ से एक पत्र आया था और उसमें इसे लेकर प्रस्ताव था कि 1 दिसंबर से 28 जनवरी तक के लिए रेलवे तैयार है. इसके लिए सबके टिकट भी कंफर्म हो चुके थे, लेकिन अचानक 1 दिन पहले पत्र लिखकर इसके लिए मना किया गया जो राजनीति से प्रेरित है.
इसे लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में गोपाल राय ने कहा कि 12 रूटों पर ट्रेनें चल रही थीं. इसके लिए रेलवे की तरफ से हमें चार ट्रेनें दी गईं थीं और 4 रूटों पर अभी भी चार ट्रेनें यात्रियों को लेकर गईं हैं. उन्होंने सवाल किया कि रेलवे को बताना चाहिए कि इन ट्रेनों को अब कहां लगा रहे हैं.
30 हजार ने कराया था रजिस्ट्रेशन
गोपाल राय ने बताया-
दिसंबर-जनवरी में इस यात्रा पर जाने के लिए 30,877 बुजुर्गों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. जिसमें से रेलवे की तरफ से रामेश्वरम और द्वारकाधीश की यात्रा के लिए टिकट दे दिए गए. अब अचानक यात्रा रोक दी गई है. यूं अचानक यात्रा रोकना बताता है कि आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता से बीजेपी बौखलाहट में है.
इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गोपाल राय ने बीजेपी से 5 सवाल पूछे-
- बुजुर्गों की पहले से बुक ट्रेनों को क्यों रोका गया?
- चार ट्रेनें जो 12 जुलाई से इस यात्रा के लिए बुक थीं, उन चार ट्रेनों को तीर्थ यात्रा से हटाकर कहां लगाया गया है?
- 22 नवंबर को केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के पास प्रस्ताव क्यों भेजा कि ट्रेनें उपलब्ध हैं?
- आपको बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा से डर क्यों लग रहा है?
- क्या बीजेपी के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा, जो बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा पर राजनीति कर रहे हैं?
'कम हो जाएंगे बीजेपी के आधे वोट'
इस सवाल पर कि क्या इस यात्रा के रोके जाने से आम आदमी पार्टी को चुनावी नुकसान होगा, गोपाल राय ने कहा कि हमारा तो नहीं होगा, लेकिन बीजेपी के आधे वोट जरूर कम हो जाएंगे.