नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के जनरल हाउस में पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके की मेम्बरशिप रद्द करने के फैसले को उन्होंने गैर-कानूनी बताया है. उन्होंने कहा है कि DSGMC की मेम्बरशिप से उन्हें कोई नहीं हटा सकता, उन्हें इससे जुड़े सभी कानून समझ आते हैं. साथ ही दिल्ली गुरुद्वारा एक्ट में भी इस विषय में कुछ नहीं है.
बिना जानकारी कैसे किया भ्रष्टाचार!
शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए जीके ने आरोप लगाया कि उनके अध्यक्ष काल के जितने भी भ्रष्टाचार के आरोप उन पर लगाए गए हैं, उन सभी पर तत्कालीन महासचिव मनजिंदर सिंह के हस्ताक्षर हैं.
ऐसे भ्रष्टाचार मैं वह कैसे दोषी हो सकते हैं जिसमें उनको कुछ पता ही ना हो. उन्होंने कहा कि मैंने दिल्ली कमेटी से 14 अलग-अलग किस्म के कागज मांगे लेकिन इसमें कोई भी जानकारी मुझे मुहैया नहीं कराई गया. मैं आज भी अपने ऊपर लगे आरोपों पर सवाल जवाब के लिए तैयार हूं.
पोस्टर लगाने के सवाल पर बोले
इस सवाल पर कि मनजिंदर सिंह सिरसा ने मनजीत सिंह जीके के कथित कारनामों को लेकर पूरी दिल्ली में पोस्टर लगाने की बात कही है. जीके ने कहा कि वह ऐसे पोस्टरों से नहीं डरते. चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि ट्रंप भी आ रहे हैं सिरसा चाहे तो यह पोस्टर ट्रंप को भी दे सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सिरसा को अपने पोस्टर भी लगवाने चाहिए जिसमें वह हरिनगर के उस स्कूल का खुलासा करेंगे जिसे एक डील के तहत निजी हाथों को दे दिया गया.
कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे
जीके ने साफ किया कि अगर कोई गैरकानूनी काम होगा तो वह उस को चुनौती देने के लिए कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाने में संकोच नहीं करेंगे. इसी क्रम में उन्होंने कहा कि वो अपने ऊपर लगे हर आरोप की जांच के लिए तैयार है और अगर उन पर ₹1 की भी चोरी का आरोप सही साबित होता है तो वह उसके बदले ₹2 गुरु की गोलक में जमा कराएंगे.