नई दिल्ली: दिल्ली में सरकार द्वारा संचालित फ्री योगा क्लासेस बंद हो गयी हैं. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि केजरीवाल सरकार ने फ्री योगा क्लासेस को लेकर दिल्ली की जनता एवं योगा टीचर्स को गुमराह किया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बिना प्रशासनिक एवं आर्थिक स्वकृति के दिल्ली में फ्री योगा क्लास लगाने की योजना की घोषणा की और जब उस पर प्रशासनिक आपत्ति हुई तो, आपत्ति का निराकरण करने के स्थान पर नगर निगम चुनाव के बीच विवाद को और बढ़ाते हुये मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट की अवहेलना कर मुख्यमंत्री ने निजी साधनों से योगा टीचर्स को तनख्वाह के चेक बांटे.
बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर ने कहा कि इस चेक वितरण के कार्यक्रम का मूल उद्देश्य जनता एवं योगा टीचर्स को यह दिखाना था कि उनकी सरकार योगा के प्रति कितनी गंभीर है ताकि इसका चुनाव में लाभ मिल सके. इधर, नगर निगम चुनाव खत्म हुये और उधर केजरीवाल सरकार योगा क्लास के मुद्दे को भूल गयी. सरकार ने योगा क्लासेज के लिये प्रशासनिक एवं आर्थिक स्वकृति प्राप्त करने का कोई प्रयास नहीं किया, जिसका नतीजा यह है कि आज दिल्ली में फ्री योगा क्लास योजना ठप्प हो गई है.
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दिसंबर 2021 में दिल्ली की योगशाला नाम से कार्यक्रम शुरू किया गया था, जिसमें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के पार्कों या सार्वजनिक स्थानों पर 25 से ज्यादा लोग इकट्ठे होकर अगर दिल्ली सरकार को मिस्ड कॉल करें, तो दिल्ली सरकार एक प्रशिक्षक भेजती है और उनको प्रतिदिन फ्री में योग सिखाती और करवाती थी. करीब 590 स्थानों पर रोजाना योग की क्लासेज चलती थी. इनमें करीब 17 हजार लाभार्थी रोजाना आ रहे थे.
गत वर्ष नवंबर महीने में जब योगा शिक्षकों को देने के लिए फंड की कमी आड़े आई तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निजी क्षेत्र के लोगों को आर्थिक सहायता देने की अपील की. उसके बाद कुछ दिनों तक योग की क्लासेस चली लेकिन इस महीने से यह पूरी तरह बंद हो गयी है.
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