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Farmers Protest: जानिए विदेशी फंडिंग को लेकर किसानों ने क्या कहा...

किसान आंदोलन के ऊपर फंडिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जिसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने टिकरी बॉर्डर पर किसानों से बातचीत की. किसान यूनियन के सदस्यों ने बताया कि आंदोलन को फंडिंग पंजाब-हरियाणा के किसान कर रहे हैं. विदेशों से फंडिंग की बात झूठ है, यह सिर्फ आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश है.

farmers gave opinion about foreign funding on kisan movement
किसान आंदोलन
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Published : Dec 4, 2020, 5:20 PM IST

नई दिल्लीः 26 नवंबर से लगातार कृषि बिल के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के किसान डटे हुए हैं. किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कानूनों को लेकर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं आंदोलन को सफलतापूर्वक चलाने के लिए हो रही फंडिंग को लेकर कई तरह की खबरें सामने आ रही हैं.

किसानों ने कहा- विदेशी फंडिंग की बात झूठ.

इस पूरी खबर के ऊपर ईटीवी भारत की टीम ने टिकरी कलां में किसान आंदोलन समिति के सदस्यों से बातचीत की. इस दौरान किसानों ने बताया कि आंदोलन में हो रही फंडिंग को लेकर लगातार झूठ फैलाया जा रहा है. विदेशों से किसी प्रकार की कोई फंडिंग नहीं हो रही है. बकायदा फंडिंग को लेकर लिखित में रिकॉर्ड भी मेंटेन किया जा रहा है.

कहां से हो रही है किसान आंदोलन को फंडिंग..?

टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियन के सदस्यों ने ईटीवी भारत को बताया कि पूरे आंदोलन को फंडिंग पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा हो रही है. हरियाणा और पंजाब के हर एक गांव से न सिर्फ राशन आ रहा है, बल्कि किसान आंदोलन के समर्थन में लोग पैसे भी दे रहे हैं. विदेशों से किसी प्रकार की फंडिंग नहीं हो रही है.

farmers gave opinion about foreign funding on kisan movement
आंदोलन में शामिल किसान.

बकायदा फंडिंग को लेकर रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है. हर रोज जो भी राशि एकत्रित होती है, उसका खर्च मंच और दूसरी जरूरी चीजों में किया जाता है. बचे हुए पैसों को जरूरत के मुताबिक किसानों में बांट दिया जाता है.

हर कोई कर रहा है किसान का समर्थन

टिकरी बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान समिति के सदस्यों ने बताया कि आंदोलन का आज हर कोई समर्थन कर रहा है. हरियाणा के गांवों से बकायदा किसानों को जरूरत के हिसाब से न सिर्फ राशन मिल रहा है, बल्कि मदद भी मिल रही है. साथ ही साथ पंजाब से जब किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली के लिए निकले थे. तो काफी सारे पेट्रोल पंप मालिकों ने किसानों के ट्रैक्टर में पेट्रोल भरने के लिए भी पैसे नहीं लिए.

farmers gave opinion about foreign funding on kisan movement
धरना स्थल पर मौजूद किसान.

किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश

किसान आंदोलन समिति के सदस्यों ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि जिस तरह से अफवाह फैलाई जा रही है कि आंदोलन को बाहर के देशों और खालिस्तान समर्थकों से फंडिंग हो रही है. वह सिर्फ आंदोलन को बदनाम करने की एक असफल कोशिश है और कुछ नहीं. आज सारा देश किसानों के साथ खड़ा है और हम किसानों के विरोध में पास करे गए इस काले कानून को वापस करा कर ही मानेंगे. चाहे हमें कितनी ही लंबी लड़ाई क्यों ना लड़नी पड़े.

नई दिल्लीः 26 नवंबर से लगातार कृषि बिल के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के किसान डटे हुए हैं. किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कानूनों को लेकर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं आंदोलन को सफलतापूर्वक चलाने के लिए हो रही फंडिंग को लेकर कई तरह की खबरें सामने आ रही हैं.

किसानों ने कहा- विदेशी फंडिंग की बात झूठ.

इस पूरी खबर के ऊपर ईटीवी भारत की टीम ने टिकरी कलां में किसान आंदोलन समिति के सदस्यों से बातचीत की. इस दौरान किसानों ने बताया कि आंदोलन में हो रही फंडिंग को लेकर लगातार झूठ फैलाया जा रहा है. विदेशों से किसी प्रकार की कोई फंडिंग नहीं हो रही है. बकायदा फंडिंग को लेकर लिखित में रिकॉर्ड भी मेंटेन किया जा रहा है.

कहां से हो रही है किसान आंदोलन को फंडिंग..?

टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियन के सदस्यों ने ईटीवी भारत को बताया कि पूरे आंदोलन को फंडिंग पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा हो रही है. हरियाणा और पंजाब के हर एक गांव से न सिर्फ राशन आ रहा है, बल्कि किसान आंदोलन के समर्थन में लोग पैसे भी दे रहे हैं. विदेशों से किसी प्रकार की फंडिंग नहीं हो रही है.

farmers gave opinion about foreign funding on kisan movement
आंदोलन में शामिल किसान.

बकायदा फंडिंग को लेकर रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है. हर रोज जो भी राशि एकत्रित होती है, उसका खर्च मंच और दूसरी जरूरी चीजों में किया जाता है. बचे हुए पैसों को जरूरत के मुताबिक किसानों में बांट दिया जाता है.

हर कोई कर रहा है किसान का समर्थन

टिकरी बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान समिति के सदस्यों ने बताया कि आंदोलन का आज हर कोई समर्थन कर रहा है. हरियाणा के गांवों से बकायदा किसानों को जरूरत के हिसाब से न सिर्फ राशन मिल रहा है, बल्कि मदद भी मिल रही है. साथ ही साथ पंजाब से जब किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली के लिए निकले थे. तो काफी सारे पेट्रोल पंप मालिकों ने किसानों के ट्रैक्टर में पेट्रोल भरने के लिए भी पैसे नहीं लिए.

farmers gave opinion about foreign funding on kisan movement
धरना स्थल पर मौजूद किसान.

किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश

किसान आंदोलन समिति के सदस्यों ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि जिस तरह से अफवाह फैलाई जा रही है कि आंदोलन को बाहर के देशों और खालिस्तान समर्थकों से फंडिंग हो रही है. वह सिर्फ आंदोलन को बदनाम करने की एक असफल कोशिश है और कुछ नहीं. आज सारा देश किसानों के साथ खड़ा है और हम किसानों के विरोध में पास करे गए इस काले कानून को वापस करा कर ही मानेंगे. चाहे हमें कितनी ही लंबी लड़ाई क्यों ना लड़नी पड़े.

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