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'ये अंग्रेजों की सरकार है', रेलवे प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ कर्मचारियों का हल्ला-बोल

नई दिल्ली स्टेशन पर एक तरफ जहां ट्रेन से पहुंचे यात्रियों का फूल मालाओं से स्वागत हो रहा था तो वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी इसके खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. यही नहीं इससे पहले गाजियाबाद स्टेशन पर भी रेलवे कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया था.

रेलवे प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शन
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Published : Oct 4, 2019, 10:58 PM IST

नई दिल्ली: निजीकरण के विरोध में आज एक बार फिर दिल्ली में रेल कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अलग-अलग यूनियनों के बैनर तले सुबह से ही विरोध प्रदर्शन चल रहा था. शाम 4 बजे जब पहली बार तेजस एक्सप्रेस लखनऊ से चलकर नई दिल्ली पहुंची तो इसका नारेबाजी से ही स्वागत हुआ. नई दिल्ली स्टेशन पर एक तरफ जहां ट्रेन से पहुंचे यात्रियों का फूल मालाओं से स्वागत हो रहा था तो वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी इसके खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. यही नहीं इससे पहले गाजियाबाद स्टेशन पर भी रेलवे कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया था.

रेलवे प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शन

सुरक्षा के किए गए कड़े इंतजाम
उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन के बैनर तले यहां नई दिल्ली के प्लेटफार्म नंबर एक पर कर्मचारी निजीकरण के विरोध में पोस्टर बैनर लेकर पहले से ही तैयार थे. शाम 4:00 बजे प्लेटफार्म नंबर 16 पर रेलगाड़ी के आने की सूचना मिली तो इन्होंने उसी तरफ रुख कर लिया. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और जीआरपी को इसकी जानकारी पहले से ही थी. लिहाजा, यहां सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए थे.

पदाधिकारियों पर लगाए आरोप
पदाधिकारियों ने बताया कि निजीकरण का विरोध वह बहुत पहले से कर रहे हैं और लगातार करते रहेंगे. रेल मंत्री पीयूष गोयल और मौजूदा बीजेपी सरकार को कोसते हुए कर्मचारियों ने कहा कि सरकार मजदूर विरोधी है.
उन्होंने कहा कि निजीकरण से ना सिर्फ जातियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है बल्कि हजारों कर्मचारियों की उस मेहनत को भी दांव पर लगाया जा रहा है जिसके बलबूते रेलवे आज इतनी आगे तक पहुंची है. उन्होंने मांग की कि रेलवे को अपने निजीकरण से जुड़े सभी फैसले वापस लेने चाहिए.

बता दें कि शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेजस एक्सप्रेस को लखनऊ रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर दिल्ली के लिए रवाना किया था. यह ट्रेन मंगलवार को छोड़कर हफ़्ते के 6 दिन लखनऊ से दिल्ली के बीच चलेगी.

नई दिल्ली: निजीकरण के विरोध में आज एक बार फिर दिल्ली में रेल कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अलग-अलग यूनियनों के बैनर तले सुबह से ही विरोध प्रदर्शन चल रहा था. शाम 4 बजे जब पहली बार तेजस एक्सप्रेस लखनऊ से चलकर नई दिल्ली पहुंची तो इसका नारेबाजी से ही स्वागत हुआ. नई दिल्ली स्टेशन पर एक तरफ जहां ट्रेन से पहुंचे यात्रियों का फूल मालाओं से स्वागत हो रहा था तो वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी इसके खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. यही नहीं इससे पहले गाजियाबाद स्टेशन पर भी रेलवे कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया था.

रेलवे प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शन

सुरक्षा के किए गए कड़े इंतजाम
उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन के बैनर तले यहां नई दिल्ली के प्लेटफार्म नंबर एक पर कर्मचारी निजीकरण के विरोध में पोस्टर बैनर लेकर पहले से ही तैयार थे. शाम 4:00 बजे प्लेटफार्म नंबर 16 पर रेलगाड़ी के आने की सूचना मिली तो इन्होंने उसी तरफ रुख कर लिया. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और जीआरपी को इसकी जानकारी पहले से ही थी. लिहाजा, यहां सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए थे.

पदाधिकारियों पर लगाए आरोप
पदाधिकारियों ने बताया कि निजीकरण का विरोध वह बहुत पहले से कर रहे हैं और लगातार करते रहेंगे. रेल मंत्री पीयूष गोयल और मौजूदा बीजेपी सरकार को कोसते हुए कर्मचारियों ने कहा कि सरकार मजदूर विरोधी है.
उन्होंने कहा कि निजीकरण से ना सिर्फ जातियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है बल्कि हजारों कर्मचारियों की उस मेहनत को भी दांव पर लगाया जा रहा है जिसके बलबूते रेलवे आज इतनी आगे तक पहुंची है. उन्होंने मांग की कि रेलवे को अपने निजीकरण से जुड़े सभी फैसले वापस लेने चाहिए.

बता दें कि शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेजस एक्सप्रेस को लखनऊ रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर दिल्ली के लिए रवाना किया था. यह ट्रेन मंगलवार को छोड़कर हफ़्ते के 6 दिन लखनऊ से दिल्ली के बीच चलेगी.

Intro:पहले virodh.hd नाम से भेजी गई वीडियो को इसमें लगा लें.

नई दिल्ली:
निजीकरण के विरोध में आज एक बार फिर दिल्ली में रेल कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की. नई दिल्ली पर अलग-अलग यूनियनों के बैनर तले सुबह से ही विरोध प्रदर्शन चल रहा था. शाम 4 बजे जब पहली बार तेजस एक्सप्रेस लखनऊ से चलकर नई दिल्ली पहुंची तो इसका नारेबाजी से ही स्वागत हुआ.


Body:नई दिल्ली स्टेशन पर एक तरफ जहां ट्रेन से पहुंचे यात्रियों का फूल मालाओं से स्वागत हो रहा था तो वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी इसके खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. यही नहीं इससे पहले गाजियाबाद स्टेशन पर भी रेलवे कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया था.

उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन के बैनर तले यहां नई दिल्ली के प्लेटफार्म नंबर एक पर कर्मचारी निजीकरण के विरोध में पोस्टर बैनर लेकर पहले से ही तैयार थे. शाम 4:00 बजे प्लेटफार्म नंबर 16 पर रेलगाड़ी के आने की सूचना मिली तो इन्होंने उसी तरफ रुख कर लिया. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और जीआरपी को इसकी जानकारी पहले से ही थी. लिहाजा, यहां सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए थे.

पदाधिकारियों ने बताया कि निजीकरण का विरोध वह बहुत पहले से कर रहे हैं और लगातार करते रहेंगे. रेल मंत्री पीयूष गोयल और मौजूदा भारतीय जनता पार्टी सरकार को कोसते हुए कर्मचारियों ने कहा कि सरकार मजदूर विरोधी है. उन्होंने कहा कि निजी करण से न सिर्फ जातियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है बल्कि हजारों कर्मचारियों की उस मेहनत को भी दांव पर लगाया जा रहा है जिसके बलबूते रेलवे आज इतनी आगे तक पहुंची है. उन्होंने मांग की कि रेलवे को अपने निजीकरण से जुड़े सभी फैसले वापस लेने चाहिए.


Conclusion:बता दें कि शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेजस एक्सप्रेस को लखनऊ रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर दिल्ली के लिए रवाना किया था. यह ट्रेन मंगलवार को छोड़कर हफ़्ते के 6 दिन लखनऊ से दिल्ली के बीच चलेगी.
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