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शुक्रवार को बिजली की डिमांड 5559 मेगावाट तक पहुंची, इस सीजन में रही सर्वाधिक

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 5, 2024, 4:56 PM IST

Electricity demand in Delhi: राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को बिजली की डिमांड 5559 मेगावाट तक पहुंच गई जो इस सीजन की सर्वाधिक मांग है.

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इस सीजन में बिजली की डिमांड शुक्रवार को 5559 मेगावाट तक पहुंच गई. 5 जनवरी 2024 को सुबह 11 बजे बिजली की सर्वाधिक डिमांड दर्ज की गई. वहीं आने वाले दिनों में बिजली की डिमांड 5700 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है. हालांकि बिजली कंपनी की तरफ से दावा किया गया है कि राजधानी में बिजली की कोई कमी नहीं होगी.

राजधानी दिल्ली में भीषण ठंड पड़ रही है वहीं दूसरी तरफ बिजली की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है. इस बीच बिजली की डिमांड ने शुक्रवार को सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. पीक आवर में बिजली की डिमांड 5559 मेगावाट तक पहुंच गई. जानकारी के मुताबिक सर्दियों में यह अब तक की सबसे अधिक डिमांड है. एक तरफ जहां बीआरपीएल के क्षेत्र में बिजली की मांग 2379 मेगावाट हो गई वहीं दूसरी तरफ आईपीएल क्षेत्र में बिजली की मांग 1103 मेगावाट पहुंच गई.

ये भी पढ़ें: Solar Energy: सौर ऊर्जा को अपनाकर बिजली की खपत को कर सकते हैं कम, जानें सरकार का उद्देश्य

कुल मिलाकर इस सर्दी में दिल्ली की सर्वाधिक मांग 5700 मेगावाट तक पहुँच सकती है. इससे पहले 6 जनवरी 2023 को बिजली की सबसे अधिक डिमांड थी. उस वक्त बिजली की मांग 5226 मेगावाट पहुंची थी. वहीं पिछले कुछ सालों की बात करें तो 2018-19 में यह डिमांड 4457 मेगावाट, 2019-20 में 5343 मेगावाट जबकि 2020-21 में यह मांग थोड़ी घटी और 5021 मेगावाट तक रही. जबकि 2021-2022 में यह मांग बढ़कर 51004 मेगावाट और 2022-23 में यह मांग 5226 मेगावाट तक पहुंच गई.

बिजली कंपनी बीएसईएस ने बिजली की डिमांड को पूरा करने के लिए पहले से तैयारी कर ली है. अभी यही जानकारी दी जा रही है कि राजधानी में बिजली की कोई कमी नहीं रहेगी. जानकारी के अनुसार विभिन्न पावर प्लांट से लॉन्ग टर्म के आधार पर मिलने वाली नियमित बिजली के अलावा इस बार दिल्ली के लोगों को पूरी मात्रा में अक्षय ऊर्जा भी मिलेगी.

पहले के सालों में इतनी तकनीकी नहीं होने की वजह से बिजली की खपत का सही-सही अनुमान नहीं लग पाता था. लेकिन अब तकनीक के माध्यम से बिजली की डिमांड में जो भी उतार-चार होता है उसकी जानकारी मिलती रहती है. अनुमान लगाते वक्त वेदर फोरकॉस्टिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाता है. बिजली की डिमांड का सही अनुमान लगाने के लिए बीएसईएस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की भी मदद ली है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में कनॉट प्लेस का सोलर ट्री बना आकर्षण का केंद्र, आर्टिफिशियल पेड़, छत और फर्श से भी पैदा होगी बिजली

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इस सीजन में बिजली की डिमांड शुक्रवार को 5559 मेगावाट तक पहुंच गई. 5 जनवरी 2024 को सुबह 11 बजे बिजली की सर्वाधिक डिमांड दर्ज की गई. वहीं आने वाले दिनों में बिजली की डिमांड 5700 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है. हालांकि बिजली कंपनी की तरफ से दावा किया गया है कि राजधानी में बिजली की कोई कमी नहीं होगी.

राजधानी दिल्ली में भीषण ठंड पड़ रही है वहीं दूसरी तरफ बिजली की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है. इस बीच बिजली की डिमांड ने शुक्रवार को सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. पीक आवर में बिजली की डिमांड 5559 मेगावाट तक पहुंच गई. जानकारी के मुताबिक सर्दियों में यह अब तक की सबसे अधिक डिमांड है. एक तरफ जहां बीआरपीएल के क्षेत्र में बिजली की मांग 2379 मेगावाट हो गई वहीं दूसरी तरफ आईपीएल क्षेत्र में बिजली की मांग 1103 मेगावाट पहुंच गई.

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कुल मिलाकर इस सर्दी में दिल्ली की सर्वाधिक मांग 5700 मेगावाट तक पहुँच सकती है. इससे पहले 6 जनवरी 2023 को बिजली की सबसे अधिक डिमांड थी. उस वक्त बिजली की मांग 5226 मेगावाट पहुंची थी. वहीं पिछले कुछ सालों की बात करें तो 2018-19 में यह डिमांड 4457 मेगावाट, 2019-20 में 5343 मेगावाट जबकि 2020-21 में यह मांग थोड़ी घटी और 5021 मेगावाट तक रही. जबकि 2021-2022 में यह मांग बढ़कर 51004 मेगावाट और 2022-23 में यह मांग 5226 मेगावाट तक पहुंच गई.

बिजली कंपनी बीएसईएस ने बिजली की डिमांड को पूरा करने के लिए पहले से तैयारी कर ली है. अभी यही जानकारी दी जा रही है कि राजधानी में बिजली की कोई कमी नहीं रहेगी. जानकारी के अनुसार विभिन्न पावर प्लांट से लॉन्ग टर्म के आधार पर मिलने वाली नियमित बिजली के अलावा इस बार दिल्ली के लोगों को पूरी मात्रा में अक्षय ऊर्जा भी मिलेगी.

पहले के सालों में इतनी तकनीकी नहीं होने की वजह से बिजली की खपत का सही-सही अनुमान नहीं लग पाता था. लेकिन अब तकनीक के माध्यम से बिजली की डिमांड में जो भी उतार-चार होता है उसकी जानकारी मिलती रहती है. अनुमान लगाते वक्त वेदर फोरकॉस्टिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाता है. बिजली की डिमांड का सही अनुमान लगाने के लिए बीएसईएस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की भी मदद ली है.

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