नई दिल्ली: 1 अप्रैल से पूरे देश भर में कई बदलाव होने जा रहे हैं. केंद्र सरकार के द्वारा बढ़ाई गई इंपोर्ट ड्यूटी की दरें लागू होने जा रही हैं. जिसके बाद पूरे देश भर में कई सारे इलेक्ट्रॉनिक समान महंगे हो जाएंगे. साथ ही हवाई यात्रा और नई गाड़ी खरीदना भी महंगा हो जाएगा. ऐसे में इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने और इन सब चीजों के महंगे होने से देश की अर्थव्यवस्था पर क्या कुछ असर पड़ेगा. इसी पर ईटीवी भारत ने अर्थशास्त्री आकाश जिंदल से बातचीत की.
क्या होगा मंहगा
बातचीत के दौरान आकाश जिंदल ने कहा कि 1 अप्रैल से कई चीजों के दाम बढ़ने की संभावना है. उसके साथ इन्फ्लेशन रेट भी बढ़ सकते हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर में लागत बढ़ने से गाड़ियों की कीमत बढ़ेगी. साथ इंपोर्ट ड्यूटी भी इलेक्ट्रिकल आइटम्स पर बढ़ेगी. जिससे कुछ मोबाइल, चार्जर और उससे जुड़ी एक्सेसरीज महंगी हो सकती है. एयर सिक्योरिटी फीस भी कल से बढ़ सकती है. इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में सफर महंगा होगा.
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टैक्स में मिले राहत
कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद हालात चिंताजनक बन गए हैं. ऐसे में अगर चीजों के दामों में बढ़ोतरी होती है तो उसका सीधा तौर पर प्रतिकूल असर बाजारों पर और आर्थिक स्तर पर पड़ेगा. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सरकार को टैक्स की दरों में राहत देनी चाहिए.
अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत
देशभर के लिए यह समय तकलीफ का समय है. कोरोना काल की वजह से भारत की इकोनामी पर बहुत ज्यादा बुरा असर पड़ा है. लेकिन सरकार के द्वारा अर्थव्यवस्था को दोबारा रिवाइव करने की कोशिश किया जा रहा है. जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव में है, ऐसे में हमें इकोनामिक ग्रोथ की तरफ ध्यान देने की जरूरत है.
इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाना गलत
उन्होंने कहा कि वर्तमान हालातों को देखते हुए चीजो के ऊपर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाना गलत है. जरूरत के सामान को सस्ता किया जाए. चीजों के दाम कम रहने या फिर सस्ते रहने से रोजगार के क्षेत्र में बढ़ोतरी हो सकती है. जीडीपी को बढ़ाने में लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.