नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) 5 नवंबर को अपना जवाब दाखिल करेगा. शुक्रवार को हुई सुनवाई में सत्येंद्र जैन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने अपना पक्ष रखा.
उन्होंने कहा जैन के नाम पर ना तो कोई कंपनी है और ना ही वह कंपनी में किसी पद पर है. ऐसे में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता. उन्हें जमानत दी जानी चाहिए. (bail plea of satyendra jain) इससे पहले गुरुवार को जैन की तरफ से पहले सुनवाई को लेकर एक आवेदन दाखिल किया गया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. कोर्ट इस मामले में अब 5 नवंबर को सुनवाई करेगा.
राउस एवेन्यू कोर्ट स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल, सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की तरफ से एन हरिहरन ने अपना पक्ष रखा और सत्येंद्र जैन को जमानत दिए जाने की मांग की है. इस मामले में वैभव जैन व अंकुश जैन के वकील अपनी दलीलें पूरी कर चुके हैं.
बता दें, इससे पहले जैन की जमानत याचिका की सुनवाई विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल कर रहीं थी. इस दौरान ईडी ने कोर्ट बदलने की मांग को लेकर आवेदन जिला न्यायाधीश विनय कुमार के पास दाखिल किया. आवेदन पर विचार करते हुए जिला प्रधान न्यायाधीश ने जमानत याचिका की सुनवाई और फैसले पर रोक लगाते हुए कोर्ट स्थानांतरण की अनुमति दी थी. इसको लेकर जैन ने हाईकोर्ट में भी अपील की थी लेकिन हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद विशेष न्यायाधीश इसकी सुनवाई कर रहे हैं.
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जैन की तरफ से जल्दी सुनवाई को लेकर आवेदन दाखिल किया गया था. दरअसल दिवाली से पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 31 अक्टूबर की तिथि तय की थी. लेकिन बचाव पक्ष की मांग थी कि जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई हो, जिसके लिए कोर्ट में आवेदन को स्वीकार कर 28 अक्टूबर की तिथि तय कर दी थी.
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