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पूर्वी दिल्ली से महेश गिरी का पत्ता साफ? हर्षवर्धन समेत इन दो नामों पर है अटकलों का बाजार गर्म

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने अपने सभी उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस अब तक प्रत्याशियों की घोषणा में पीछे हैं. दिल्ली की सातों सीटों पर फिलहाल तो बीजेपी का कब्जा है, लेकिन इस बार हर एक सीट पर कई उम्मीदवारों ने दावेदारी ठोकी है.

पूर्वी दिल्ली से महेश गिरी को पत्ता साफ? हर्षवर्धन समेत इन दो नामों पर है अटकलों का बाजार गर्म
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Published : Mar 20, 2019, 12:26 AM IST

Updated : Mar 20, 2019, 12:22 PM IST

नई दिल्ली: चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ राजनीतिक गलियों में भी खासा शोर सुनाई दे रहा है. राजधानी में भी गठबंधन के शोर के बीच आम आदमी पार्टी ने सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी में अभी भी मंथन का दौर जारी है.

पूर्वी दिल्ली से महेश गिरी का पत्ता साफ? हर्षवर्धन समेत 2 नामों पर अटकलों का बाजार गर्म

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने अपने सभी उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस अब तक प्रत्याशियों की घोषणा में पीछे हैं. दिल्ली की सातों सीटों पर फिलहाल तो भाजपा का कब्जा है, लेकिन इस बार हर एक सीट पर कई उम्मीदवारों ने दावेदारी ठोकी है.

एक सीट पर कई दावेदार
पूर्वी दिल्ली से अभी महेश गिरी सांसद हैं, लेकिन चर्चा है कि इस बार पार्टी अपने मौजूदा सांसद पर विश्वास करने के मूड में नहीं है. इसी तरह पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से डॉ. हर्षवर्धन विधायक रह चुके हैं, इसी सीट को लेकर हर्षवर्धन दोबारा वापसी करना चाहते हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वो चांदनी चौक में अपनी प्रचार अभियान शुरू कर चुके हैं. इसके बाद जिन 2 अन्य नामों पर चर्चा है, वो हैं दिल्ली भाजपा के जेनरल सेक्रेटरी कुलजीत चहल और भाजपा के स्थानीय नेता अभय सिन्हा.

कौन होगा पूर्वांचल से दावेदार
पूर्वी दिल्ली पूर्वांचल बहुल इलाकों में से एक है. यहां 30-35 फीसदी पूर्वांचली आबादी है, इसलिए ऐसी चर्चा है कि भाजपा यहां से किसी पूर्वांचली नेता को उतार सकती है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी स्थानीय पूर्वांचली नेता अभय सिन्हा के नाम पर विचार कर रही है. अभय सिन्हा लम्बे समय से पूर्वांचली लोगों की राजनीति करते रहे हैं. वे भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा में भी कई पदों पर रह चुके हैं. अगर पार्टी स्थानीय जनसांख्यिकी में पूर्वांचली मतों को प्राथमिकता देती है, तो अभय सिन्हा की उम्मीदवारी पर मुहर लग सकता है.

किस दावेदार के लगे हैं हर जगह पोस्टर
हालांकि, कुलजीत सिंह चहल की दावेदारी भी मजबूत है. पूर्वी दिल्ली के पूरे इलाके से लेकर भाजपा कार्यालय और भाजपा मुख्यालय तक कुलजीत चहल के होर्डिंग लगे देखे जा सकते हैं. दिल्ली भाजपा की टीम में कुलजीत चहल की अच्छी पकड़ है.

नई दिल्ली: चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ राजनीतिक गलियों में भी खासा शोर सुनाई दे रहा है. राजधानी में भी गठबंधन के शोर के बीच आम आदमी पार्टी ने सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी में अभी भी मंथन का दौर जारी है.

पूर्वी दिल्ली से महेश गिरी का पत्ता साफ? हर्षवर्धन समेत 2 नामों पर अटकलों का बाजार गर्म

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने अपने सभी उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस अब तक प्रत्याशियों की घोषणा में पीछे हैं. दिल्ली की सातों सीटों पर फिलहाल तो भाजपा का कब्जा है, लेकिन इस बार हर एक सीट पर कई उम्मीदवारों ने दावेदारी ठोकी है.

एक सीट पर कई दावेदार
पूर्वी दिल्ली से अभी महेश गिरी सांसद हैं, लेकिन चर्चा है कि इस बार पार्टी अपने मौजूदा सांसद पर विश्वास करने के मूड में नहीं है. इसी तरह पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से डॉ. हर्षवर्धन विधायक रह चुके हैं, इसी सीट को लेकर हर्षवर्धन दोबारा वापसी करना चाहते हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वो चांदनी चौक में अपनी प्रचार अभियान शुरू कर चुके हैं. इसके बाद जिन 2 अन्य नामों पर चर्चा है, वो हैं दिल्ली भाजपा के जेनरल सेक्रेटरी कुलजीत चहल और भाजपा के स्थानीय नेता अभय सिन्हा.

कौन होगा पूर्वांचल से दावेदार
पूर्वी दिल्ली पूर्वांचल बहुल इलाकों में से एक है. यहां 30-35 फीसदी पूर्वांचली आबादी है, इसलिए ऐसी चर्चा है कि भाजपा यहां से किसी पूर्वांचली नेता को उतार सकती है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी स्थानीय पूर्वांचली नेता अभय सिन्हा के नाम पर विचार कर रही है. अभय सिन्हा लम्बे समय से पूर्वांचली लोगों की राजनीति करते रहे हैं. वे भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा में भी कई पदों पर रह चुके हैं. अगर पार्टी स्थानीय जनसांख्यिकी में पूर्वांचली मतों को प्राथमिकता देती है, तो अभय सिन्हा की उम्मीदवारी पर मुहर लग सकता है.

किस दावेदार के लगे हैं हर जगह पोस्टर
हालांकि, कुलजीत सिंह चहल की दावेदारी भी मजबूत है. पूर्वी दिल्ली के पूरे इलाके से लेकर भाजपा कार्यालय और भाजपा मुख्यालय तक कुलजीत चहल के होर्डिंग लगे देखे जा सकते हैं. दिल्ली भाजपा की टीम में कुलजीत चहल की अच्छी पकड़ है.

Intro:दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस भाजपा ने अभी तक अपने प्रत्याशियों का चुनाव नहीं किया है। भाजपा के लिए यह फैसला कुछ मुश्किल दिख रहा है।


Body:दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने अपने सभी उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस अब तक प्रत्याशियों की घोषणा में पीछे हैं। दिल्ली की सातों सीटों पर अभी भाजपा काबिज है। लेकिन इनमें से कई सीटें ऐसी हैं, जहां उम्मीदवारी को लेकर पेंच फंसा हुआ है। पूर्वी दिल्ली इन्हीं में से एक है। यहां से अभी महेश गिरी सांसद हैं लेकिन चर्चा है कि इसबार पार्टी अपने मौजूदा सांसद पर विश्वास करने के मूड में नहीं है।

कृष्णा नगर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की ही विधानसभा है, जहां से हर्षवर्धन विधायक रह चुके हैं। ऐसी खबरें थीं कि हर्षवर्धन फिर से पूर्वी दिल्ली लौटना चाहते हैं। लेकिन अब वे अपने लोकसभा क्षेत्र चांदनी चौक में ही चुनावी अभियान शुरू कर चुके हैं, ऐसे में चर्चा यही है कि हर्षवर्धन अपने पुराने क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद जिन दो अन्य नामों पर चर्चा है, वो हैं दिल्ली भाजपा के जेनरल सेक्रेटरी कुलजीत चहल और भाजपा के स्थानीय नेता अभय सिन्हा।

पूर्वी दिल्ली पूर्वांचल बहुल इलाकों में से एक है। यहां 30-35 फीसदी पूर्वांचली आबादी है। इसलिए ऐसी चर्चा है कि भाजपा यहां से किसी पूर्वांचली नेता को उतार सकती है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी स्थानीय पूर्वांचली नेता अभय सिन्हा के नामपर विचार कर रही है। अभय सिन्हा लम्बे समय से पूर्वांचली लोगों की राजनीति करते रहे हैं। वे भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा में भी कई पदों पर रह चुके हैं। अगर पार्टी स्थानीय जनसांख्यिकी में पूर्वांचली मतों को प्राथमिकता देती है, तो अभय सिन्हा की उम्मीदवारी पर मुहर लग सकता है।

हालांकि कुलजीत सिंह चहल की दावेदारी भी मजबूत है। पूर्वी दिल्ली के पूरे इलाके से लेकर भाजपा कार्यालय और भाजपा मुख्यालय तक कुलजीत चहल के होर्डिंग लगे दिख सकते हैं। दिल्ली भाजपा की टीम में कुलजीत चहल की अच्छी पकड़ है। ऐसे में अगर उनकी दावेदारी पर मुहर लग जाए, तो अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए।


Conclusion:
Last Updated : Mar 20, 2019, 12:22 PM IST

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