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हर साल 2.5 ट्रिलियन डॉलर का चूना लगाते हैं साइबर अपराधी, अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन

साइबर क्राइम को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन दिल्ली में किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल द्वारा आयोजित इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन जम्मू कश्मीर की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने बुधवार को किया.

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Published : Nov 21, 2019, 3:40 AM IST

Updated : Nov 21, 2019, 6:18 AM IST

साइबर क्राइम से निपटने के उपाय

नई दिल्ली: देशभर में जिस तरीके से साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं वह एक चिंता का विषय बन गए हैं. एक आंकड़े के मुताबिक प्रत्येक वर्ष साइबर अपराधी दुनिया में लगभग 2.5 ट्रिलियन डॉलर पर हाथ साफ कर रहे हैं. यह आंकड़ा कई देशों की जीडीपी से बड़ा है.

साइबर क्राइम से निपटने के उपाय

ऐसे अपराध से किस तरीके से बचा जाए, इसे लेकर एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन दिल्ली में किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल द्वारा आयोजित इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन जम्मू कश्मीर की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने बुधवार को किया.

अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन
साइबर एक्सपर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के वकील पवन दुग्गल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबरस्पेस में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो बेहद ही हैरान करने वाले हैं. लोगों को इन अपराधों की ज्यादा जानकारी नहीं है, जिसकी वजह से वह जालसाजों का शिकार हो जाते हैं.

ऐसे अपराध से लोगों को बचाने के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. इसमें साइबर लॉ, साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम को लेकर चर्चा की जाएगी. पिछले 6 साल से अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है.

55 सेशन में 200 लोग लेंगे भाग
पवन दुग्गल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में दुनिया भर के लोग एकत्रित होते हैं. वह अपने देशों में चल रहे साइबर अपराध एवं उससे निपटने के लिए किए गए इंतजामों की जानकारी आपस में साझा करते हैं. इसका मुख्य मकसद यह जानना होता है कि आज दूसरे देशों में किस प्रकार साइबर अपराध से लड़ा जा रहा है.

उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में 2 दिन के भीतर कुल 55 सेशन आयोजित किए जाएंगे जिसमें 200 से ज्यादा साइबर एक्सपर्ट भाग ले रहे हैं. उन्होंने बताया एक्सपर्ट आज की चुनौतियां और उनके हल के बारे में जानकारी देंगे.

भारत को सुरक्षित बनाना है मकसद
पवन दुग्गल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का मुख्य मकसद भारत में सुरक्षित साइबर स्पेस बनाना है. भारत में लगातार साइबर क्राइम बढ़ रहा है. शिक्षित और प्रशिक्षित लोग भी इसका शिकार हो जाते हैं. इस कांफ्रेंस के जरिए अपराध के तरीके लोगों तक पहुंचेंगे जो दुनिया भर में चल रहे हैं. इससे लोग जागरूक होंगे और उसके जरिए ही इस अपराध से लड़ा जा सकता है.

पुलिस फोर्स को भी लेना चाहिए प्रशिक्षण
पवन दुग्गल ने बताया कि आज भारत में पुलिस भी साइबर अपराध से निपटने के लिए पूरी तरीके से प्रशिक्षित नहीं है. दिल्ली में भले ही हाईटेक पुलिस है, लेकिन इसके बावजूद वह पूरी तरीके से साइबर अपराध से निपटने में सक्षम नहीं है. ऐसे में पुलिसकर्मियों को बेहतर प्रशिक्षण की आवश्यकता है ताकि वह साइबर अपराध से लड़ सकें.

नई दिल्ली: देशभर में जिस तरीके से साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं वह एक चिंता का विषय बन गए हैं. एक आंकड़े के मुताबिक प्रत्येक वर्ष साइबर अपराधी दुनिया में लगभग 2.5 ट्रिलियन डॉलर पर हाथ साफ कर रहे हैं. यह आंकड़ा कई देशों की जीडीपी से बड़ा है.

साइबर क्राइम से निपटने के उपाय

ऐसे अपराध से किस तरीके से बचा जाए, इसे लेकर एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन दिल्ली में किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल द्वारा आयोजित इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन जम्मू कश्मीर की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने बुधवार को किया.

अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन
साइबर एक्सपर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के वकील पवन दुग्गल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबरस्पेस में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो बेहद ही हैरान करने वाले हैं. लोगों को इन अपराधों की ज्यादा जानकारी नहीं है, जिसकी वजह से वह जालसाजों का शिकार हो जाते हैं.

ऐसे अपराध से लोगों को बचाने के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. इसमें साइबर लॉ, साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम को लेकर चर्चा की जाएगी. पिछले 6 साल से अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है.

55 सेशन में 200 लोग लेंगे भाग
पवन दुग्गल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में दुनिया भर के लोग एकत्रित होते हैं. वह अपने देशों में चल रहे साइबर अपराध एवं उससे निपटने के लिए किए गए इंतजामों की जानकारी आपस में साझा करते हैं. इसका मुख्य मकसद यह जानना होता है कि आज दूसरे देशों में किस प्रकार साइबर अपराध से लड़ा जा रहा है.

उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में 2 दिन के भीतर कुल 55 सेशन आयोजित किए जाएंगे जिसमें 200 से ज्यादा साइबर एक्सपर्ट भाग ले रहे हैं. उन्होंने बताया एक्सपर्ट आज की चुनौतियां और उनके हल के बारे में जानकारी देंगे.

भारत को सुरक्षित बनाना है मकसद
पवन दुग्गल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का मुख्य मकसद भारत में सुरक्षित साइबर स्पेस बनाना है. भारत में लगातार साइबर क्राइम बढ़ रहा है. शिक्षित और प्रशिक्षित लोग भी इसका शिकार हो जाते हैं. इस कांफ्रेंस के जरिए अपराध के तरीके लोगों तक पहुंचेंगे जो दुनिया भर में चल रहे हैं. इससे लोग जागरूक होंगे और उसके जरिए ही इस अपराध से लड़ा जा सकता है.

पुलिस फोर्स को भी लेना चाहिए प्रशिक्षण
पवन दुग्गल ने बताया कि आज भारत में पुलिस भी साइबर अपराध से निपटने के लिए पूरी तरीके से प्रशिक्षित नहीं है. दिल्ली में भले ही हाईटेक पुलिस है, लेकिन इसके बावजूद वह पूरी तरीके से साइबर अपराध से निपटने में सक्षम नहीं है. ऐसे में पुलिसकर्मियों को बेहतर प्रशिक्षण की आवश्यकता है ताकि वह साइबर अपराध से लड़ सकें.

Intro:नई दिल्ली
देशभर में जिस तरीके से साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं वह एक चिंता का विषय बन गए हैं. एक आंकड़े के मुताबिक प्रत्येक वर्ष साइबर अपराधी दुनिया में लगभग 2.5 ट्रिलियन डॉलर पर हाथ साफ कर रहे हैं. यह आंकड़ा कई देशों की जीडीपी से बड़ा है. ऐसे अपराध से किस तरीके से बचा जाए, इसे लेकर एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन दिल्ली में किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल द्वारा आयोजित इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन जम्मू कश्मीर की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने बुधवार को किया.


Body:साइबर एक्सपर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के वकील पवन दुग्गल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबरस्पेस में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो बेहद ही हैरान करने वाले हैं. लोगों को इन अपराधों की ज्यादा जानकारी नहीं है, जिसकी वजह से वह जालसाजों का शिकार हो जाते हैं. ऐसे अपराध से लोगों को बचाने के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. इसमें साइबर लॉ, साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम को लेकर चर्चा की जाएगी. पिछले 6 साल से अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है.


55 सेशन में 200 लोग लेंगे भाग
पवन दुग्गल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में दुनिया भर के लोग एकत्रित होते हैं. वह अपने देशों में चल रहे साइबर अपराध एवं उससे निपटने के लिए किए गए इंतजामों की जानकारी आपस में साझा करते हैं. इसका मुख्य मकसद यह जानना होता है कि आज दूसरे देशों में किस प्रकार साइबर अपराध से लड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में 2 दिन के भीतर कुल 55 सेशन आयोजित किए जाएंगे जिसमें 200 से ज्यादा साइबर एक्सपर्ट भाग ले रहे हैं. उन्होंने बताया एक्सपर्ट आज की चुनौतियां और उनके हल के बारे में जानकारी देंगे.


भारत को सुरक्षित बनाना है मकसद
पवन दुग्गल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का मुख्य मकसद भारत में सुरक्षित साइबर स्पेस बनाना है. भारत में लगातार साइबरक्राइम बढ़ रहा है. शिक्षित और प्रशिक्षित लोग भी इसका शिकार हो जाते हैं. इस कांफ्रेंस के जरिए अपराध के तरीके लोगों तक पहुंचेंगे जो दुनिया भर में चल रहे हैं. इससे लोग जागरूक होंगे और उसके जरिए ही इस अपराध से लड़ा जा सकता है.


Conclusion:पुलिस फोर्स को भी लेना चाहिए प्रशिक्षण
पवन दुग्गल ने बताया कि आज भारत में पुलिस भी साइबर अपराध से निपटने के लिए पूरी तरीके से प्रशिक्षित नहीं है. दिल्ली में भले ही हाईटेक पुलिस है, लेकिन इसके बावजूद वह पूरी तरीके से साइबर अपराध से निपटने में सक्षम नहीं है. ऐसे में पुलिसकर्मियों को बेहतर प्रशिक्षण की आवश्यकता है ताकि वह साइबर अपराध से लड़ सकें.
Last Updated : Nov 21, 2019, 6:18 AM IST
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