नई दिल्ली: दिल्ली सरकार (Delhi Government) द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की की जा रही खरीद (Low Floor Buses Purchase) मामले में भाजपा (Delhi BJP) द्वारा लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोप, अब तूल पकड़ते जा रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर भाजपा लगातार दिल्ली सरकार को घेर रही है. इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सवाल उठाने और उपराज्यपाल से मिलकर जांच की मांग करने के बाद भाजपा, अब इसे लेकर सड़क पर आ गई है.
BJP नेताओं ने की CBI जांच की मांग
शनिवार को ITO चौराहे पर दर्जन भर से ज्यादा भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया और इस मामले में CBI जांच की मांग की. ईटीवी भारत से बातचीत में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद विजय गोयल ने कहा कि इस मामले में एंटी करप्शन ब्रांच, विजिलेंस और परिवहन विभाग के सचिव ने भी अपनी जांच में भ्रष्टाचार की बात कही है.
'एलजी द्वारा गठित कमेटी का कोई मतलब नहीं'
बता दें कि सवाल उठने के बाद दिल्ली सरकार ने इस खरीद की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है और इस मामले में उपराज्यपाल ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. हालांकि, विजय गोयल ने कहा कि इस कमेटी की जांच कोई मायने नहीं रखती. हम चाहते हैं कि की सीबीआई जांच हो और जब तक यह जांच नहीं होती, तब तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा दें.
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'सात साल में कम हो गईं 3000 बसें'
इस विरोध-प्रदर्शन में पूर्व मेयर जयप्रकाश और विश्वास नगर से विधायक ओपी शर्मा भी शामिल रहे. जय प्रकाश ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि केजरीवाल सरकार के सात साल के शासनकाल में डीटीसी के बेड़े से 3000 बसें कम हो गईं और जब 1000 बसें आने को थीं, तो इसमें भ्रष्टाचार हो गया. वहीं, ओपी शर्मा ने कहा कि हमने दिल्ली विधानसभा में भी इसे लेकर सवाल उठाया था.
एनुअल मेंटेनेंस को लेकर उठ रहे सवाल
बता दें कि 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद मामले में भाजपा एनुअल मेंटेनेंस को लेकर सवाल उठा रही है. 890 करोड़ रुपये की इस खरीद में 350 करोड़ एनुअल मेंटेनेंस के रूप में दिए जाने की बात थी. जबकि, ये बसें तीन साल की वारंटी के साथ मिलने वाली थीं. इसे लेकर ही भाजपा सवाल उठा रही है कि जब बसें तीन साल की वारंटी पर आ रही हैं, तो फिर शुरू दिन से ही एनुअल मेंटेनेंस के नाम पर पैसे देने का क्या मतलब है.