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दिव्यांगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है- दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि दिव्यांग लोगों को 'अनंतकाल से' कल्याणकारी योजनाओं से बाहर रखा गया है और इसमें 'कोई बहस नहीं' कि उन्हें हाशिये पर रखा गया.

Divyang were marginalized - Delhi High Court
दिव्यांगों को हाशिये पर रखा गया- दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Jul 22, 2020, 10:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दिव्यांगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है. दिव्यांग गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर केंद्र को इस सच्चाई का पता नहीं है तो हम बता रहे हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी.

दिव्यांगों को हाशिये पर रखा गया- दिल्ली हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने दिए सुझाव

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इसमें बहस की कोई गुंजाईश नहीं है कि दिव्यांगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि शुरु में दिव्यांगता प्रमाणपत्र के आधार पर दिव्यांगों को एक महीने का राशन उपलब्ध कराए. उन दिव्यांगों के बारे में जानकारी जुटाकर उन्हें राशन कार्ड उपलब्ध कराने की कोशिश की जाए. उसके बाद दिव्यांगों को राशन कार्ड के आधार पर खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन दिया जाए. कोर्ट के इस सुझाव के बाद केंद्र सरकार की ओर से वकील मोनिका अरोड़ा ने कहा कि वो इन सुझावों पर केंद्र सरकार का निर्देश लेकर कोर्ट को बताएंगी. उसके बाद कोर्ट ने 29 जुलाई को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.

दिव्यांगों को मुफ्त राशन देने की मांग

पिछले 7 जुलाई को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड की तरफ से दायर की है. याचिका में कहा गया है कि दिव्यांग गरीबों को मुफ्त में वैसे ही राशन उपलब्ध कराया जाए जैसे कोरोना संकट के दौरान प्रवासी मजदूरों को उपलब्ध कराया गया. याचिकाकर्ता की ओर से वकील संतोष रुंगटा ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दिव्यांगों को उनके प्रमाण पत्र या आधार कार्ड के जरिए मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशानिर्देश जारी किया जाए. याचिका में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा कानून की धारा 1 और 10 के तहत 5 फ़ीसदी दिव्यांग जनों को इसका लाभ दिए जाने का प्रावधान है.



दिव्यांगों को 3 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान

याचिका में कहा गया है कि दिव्यांगजन समाज के वंचित तबकों में से एक हैं और उन्हें अपनी जीविका के लिए काफी कम अवसर प्राप्त होते हैं. इसलिए उन्हें अंत्योदय अन्न योजना और खाद्य सुरक्षा योजना के तहत बाहर करना खाद्य सुरक्षा कानून के उद्देश्यों के विरुद्ध है. याचिका में कहा गया है कि राइट ऑफ पर्सन विथ डिसेबिलिटी एक्ट के तहत यह प्रावधान है कि सरकार की सभी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में दिव्यांगों को 3 फ़ीसदी आरक्षण दिया जाएगा.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दिव्यांगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है. दिव्यांग गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर केंद्र को इस सच्चाई का पता नहीं है तो हम बता रहे हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी.

दिव्यांगों को हाशिये पर रखा गया- दिल्ली हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने दिए सुझाव

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इसमें बहस की कोई गुंजाईश नहीं है कि दिव्यांगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि शुरु में दिव्यांगता प्रमाणपत्र के आधार पर दिव्यांगों को एक महीने का राशन उपलब्ध कराए. उन दिव्यांगों के बारे में जानकारी जुटाकर उन्हें राशन कार्ड उपलब्ध कराने की कोशिश की जाए. उसके बाद दिव्यांगों को राशन कार्ड के आधार पर खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन दिया जाए. कोर्ट के इस सुझाव के बाद केंद्र सरकार की ओर से वकील मोनिका अरोड़ा ने कहा कि वो इन सुझावों पर केंद्र सरकार का निर्देश लेकर कोर्ट को बताएंगी. उसके बाद कोर्ट ने 29 जुलाई को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.

दिव्यांगों को मुफ्त राशन देने की मांग

पिछले 7 जुलाई को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड की तरफ से दायर की है. याचिका में कहा गया है कि दिव्यांग गरीबों को मुफ्त में वैसे ही राशन उपलब्ध कराया जाए जैसे कोरोना संकट के दौरान प्रवासी मजदूरों को उपलब्ध कराया गया. याचिकाकर्ता की ओर से वकील संतोष रुंगटा ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दिव्यांगों को उनके प्रमाण पत्र या आधार कार्ड के जरिए मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशानिर्देश जारी किया जाए. याचिका में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा कानून की धारा 1 और 10 के तहत 5 फ़ीसदी दिव्यांग जनों को इसका लाभ दिए जाने का प्रावधान है.



दिव्यांगों को 3 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान

याचिका में कहा गया है कि दिव्यांगजन समाज के वंचित तबकों में से एक हैं और उन्हें अपनी जीविका के लिए काफी कम अवसर प्राप्त होते हैं. इसलिए उन्हें अंत्योदय अन्न योजना और खाद्य सुरक्षा योजना के तहत बाहर करना खाद्य सुरक्षा कानून के उद्देश्यों के विरुद्ध है. याचिका में कहा गया है कि राइट ऑफ पर्सन विथ डिसेबिलिटी एक्ट के तहत यह प्रावधान है कि सरकार की सभी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में दिव्यांगों को 3 फ़ीसदी आरक्षण दिया जाएगा.

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