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कुत्ता काटने पर दिल्ली में मुआवजा देने की मांग, पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने CM केजरीवाल और LG को लिखा पत्र

Demand for compensation for dog bite, former Union Minister vijay goyal: पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने दिल्ली के एलजी को पत्र लिखकर दिल्ली में भी कुत्तों के काटने पर राज्य सरकार द्वारा मुआवजा दिए जाने की बात की है. दिल्लीवासियों को आवारा कुत्तों के आतंक से बचाना राज्य सरकार का काम है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 17, 2023, 4:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने को लेकर मुआवजा की मांग की जा रही है. इसे लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना व मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र लिखा है. पत्र लिखकर उन्होंने आवारा कुत्तों के आतंक के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग के साथ ही राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की. उनकी मांग है कि दिल्ली में भी कुत्तों के काटने पर राज्य सरकार मुआवजा दे.

10,000 रुपS का मुआवजा: गोयल ने अपने पत्र में आवारा कुत्तों के बड़ी संख्या में काटने की समस्या पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया. न्यायालय के निर्णय के हिसाब से यदि कोई आवारा कुत्ता किसी को काट लेता है तो फिर हर दांत के निशान के बदले सरकार को 10,000 रुपS का मुआवजा देना होगा. इसके अलावा यदि 0.2 सेंटीमीटर मांस भी बाहर आ गया हो तो उसके एवज में कम से कम 20 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा.

गोयल ने कहा कि वे दिल्ली में आवारा कुत्तों के आतंक के खिलाफ जो आन्दोलन चला रहे हैं, उसमें उनकी यही मांग थी कि जिन लोगों को कुत्ते काटते हैं. वे राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. अतः उनको मुआवजा मिलना चाहिए. गोयल ने कहा कि अभी देश भर में करीब 7 करोड़ कुत्ते हैं, जिसमें 4 करोड़ मामले कुत्तों के काटने के एक साल में आते हैं. दिल्ली में ही रोज 2000 कुत्ते लोगों को काटते हैं. अकेले सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कुत्तों के काटने के प्रतिदिन 250 से ज्यादा मामले आते हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस का खुलासा, डॉक्टर ने सरकारी अस्पतालों में रखा था अपना एजेंट

राज्य सरकार निभाए अपनी जिम्मेदारी: गोयल ने कहा कि राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारी को लेकर आंखें मूंद बैठी है. बच्चे और सीनियर सिटीजन्स आवारा कुत्तों के शिकार हो रहे हैं. लोगों ने पार्कों में डंडे लेकर घूमना शुरू कर दिया है और कुत्तों को अब वे नफरत की निगाह से देखते हैं. गोयल ने कहा कि उनका जो आवारा कुत्तों के आतंक के खिलाफ आन्दोलन है. उसकी मुख्य मांग यही है कि आवारा कुत्तों की नसबन्दी की जाए. अभी यह काम कई एनजीओ को दिया गया है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार एनजीओ ईमानदारी से अपना काम नहीं कर रही है. हाल ही में बाघ बकरी चाय कम्पनी के मालिक भी आवारा कुत्ते के हमले के कारण बुरी तरह जख्मी होकर मृत्यु को प्राप्त हुए.

ये भी पढ़ें: BJP vs AAP: दिल्ली BJP नेता का AAP पर हमला, गाने के जरिए सीएम केजरीवाल को बताया 'झूठवाल'

नई दिल्ली: दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने को लेकर मुआवजा की मांग की जा रही है. इसे लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना व मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र लिखा है. पत्र लिखकर उन्होंने आवारा कुत्तों के आतंक के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग के साथ ही राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की. उनकी मांग है कि दिल्ली में भी कुत्तों के काटने पर राज्य सरकार मुआवजा दे.

10,000 रुपS का मुआवजा: गोयल ने अपने पत्र में आवारा कुत्तों के बड़ी संख्या में काटने की समस्या पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया. न्यायालय के निर्णय के हिसाब से यदि कोई आवारा कुत्ता किसी को काट लेता है तो फिर हर दांत के निशान के बदले सरकार को 10,000 रुपS का मुआवजा देना होगा. इसके अलावा यदि 0.2 सेंटीमीटर मांस भी बाहर आ गया हो तो उसके एवज में कम से कम 20 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा.

गोयल ने कहा कि वे दिल्ली में आवारा कुत्तों के आतंक के खिलाफ जो आन्दोलन चला रहे हैं, उसमें उनकी यही मांग थी कि जिन लोगों को कुत्ते काटते हैं. वे राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. अतः उनको मुआवजा मिलना चाहिए. गोयल ने कहा कि अभी देश भर में करीब 7 करोड़ कुत्ते हैं, जिसमें 4 करोड़ मामले कुत्तों के काटने के एक साल में आते हैं. दिल्ली में ही रोज 2000 कुत्ते लोगों को काटते हैं. अकेले सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कुत्तों के काटने के प्रतिदिन 250 से ज्यादा मामले आते हैं.

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राज्य सरकार निभाए अपनी जिम्मेदारी: गोयल ने कहा कि राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारी को लेकर आंखें मूंद बैठी है. बच्चे और सीनियर सिटीजन्स आवारा कुत्तों के शिकार हो रहे हैं. लोगों ने पार्कों में डंडे लेकर घूमना शुरू कर दिया है और कुत्तों को अब वे नफरत की निगाह से देखते हैं. गोयल ने कहा कि उनका जो आवारा कुत्तों के आतंक के खिलाफ आन्दोलन है. उसकी मुख्य मांग यही है कि आवारा कुत्तों की नसबन्दी की जाए. अभी यह काम कई एनजीओ को दिया गया है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार एनजीओ ईमानदारी से अपना काम नहीं कर रही है. हाल ही में बाघ बकरी चाय कम्पनी के मालिक भी आवारा कुत्ते के हमले के कारण बुरी तरह जख्मी होकर मृत्यु को प्राप्त हुए.

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