नई दिल्ली: इन दिनों पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है जिससे असर आम जनमानस पर देखने को मिल रहा है. लोग सर्दी के कारण ठिठुरने को मजबूर हैं. लोग अपने घरों मे रजाई में दुबके हुए हैं. वहीं ठंड और कोहरे की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी घर से बाहर काम पर जाने वालों और स्कूली बच्चों को हो रही है. दिल्ली मे स्कूल खुले हुए हैं. साथ ही सड़क किनारे गुजर-बसर करने वालों को भी सर्दी का सितम झेलना पड़ रहा है. ये तस्वीर है अरुणा आसफ अली रोड का, जहां आप देख सकते हैं सुबह के दस बजे भी घना कोहरा छाया हुआ है.
गाड़ियों की हेडलाइट अभी भी जल रही है. वहीं इस सड़क के किनारे रहने वाले मजदूर काम पर ना जाकर अलाव जलाकर बैठे हुए हैं. इनका कहना है कि कड़ाके की सर्दी की वजह से वे काम पर नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में सर्दी से बचने के लिए वे अलाव का सहारा लिए हुए हैं. मजदूरों का कहना है कि वे यहीं सड़क के किनारे झुग्गी बनाकर अपने परिवार के साथ रहते हैं औऱ मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं. लेकिन इन दिनों उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. सर्दी के कारण वे काम पर नहीं जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पीडब्ल्यूडी के अधिकारी रोज उनकी झुग्गी हटाने के लिए आ रहे हैं. अब ऐसे हालात मे छोटे छोटे बच्चों को लेकर कहां जाएं.
घने कोहरे का असर सड़क से लेकर रेल औऱ हवाई यातायात पर भी पड़ा है. जहां सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो गई है वहीं लगभग सभी ट्रेने घंटों देरी से चल रही हैं. हवाई जहाज भी विलंब से उड़ रहे हैं. मौसम विभाग के अनुसार इन दिनों पहाड़ों में जबरदस्त बर्फबारी हो रही है, जिसके कारण पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. ये सिलसिला आगे कुछ दिनों तक जारी रहेगी.
राजधानी दिल्ली मे सुबह और रात के समय पारा 4 से 5 डिग्री तक रह रहा है. ऐसे मे बेघरों के लिए सबसे ज्यादा समस्या हो रही है. जिनके लिए दिल्ली सरकार एवं स्वंयसेवी संस्थाएं जगह जगह आश्रय घर बनाए हैं, जहां उनके रहने की पूरी व्यवस्था की गई है. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग सड़कों के किनारे झुग्गियों मे रहते हैं. उन्हें पीडब्ल्यूडी उजाड़ने पर तुला है.
सर्दी के सितम के बीच, बच्चे स्कूल और लोग काम पर निकलने को मजबूर
देश की राजधानी दिल्ली में सर्दी का सितम लगातार जारी है. जहाँ एक तरफ ठंड काफी बढ़ी हुई है, तो वहीं दूसरी तरफ घने कोहरे ने दिल्ली को अपनी आगोश में ले रखा है. इस हाड़ कपां देने वाली सर्दी में, लोग खुद को घरों के अंदर रजाई-कंबल और हीटर के सामने बैठ कर गर्म रखने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस कड़ाके की ठंड में भी लोग रोजी-रोटी के चक्कर में और बच्चे स्कूल जाने के लिए बाहर निकलने को मजबूर हैं. दिल्ली में लगातार कई दिनों से रात से शुरू होने वाला कोहरा, सुबह तक घना बना रहता है. धुंध और ठंड भरी सुबह के बीच जब लोग घरों से काम पर बाहर जाने को निकले तो उन्हें कम विजिबलिटी और ठंड का सामना करना पड़ा. इस वजह से द्वारका, वसंत विहार, महिपालपुर, एयरपोर्ट और दिल्ली कैंट सहित कई इलाके में ट्रैफिक काफी स्लो था, और कई जगह जाम की भी स्थिति नजर आयी.
अगले दो दिन जारी रहेगा शीतलहर
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री अधिकतम तापमान 17 डिग्री के आसपास बना रहेगा. दिल्ली सहित उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में अभी अगले दो दिन शीतलहर की चपेट में रहेंगे. दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी काफी कम दर्ज की गई. दिल्ली की सड़कों के किनारे जगह-जगह लोगों का समूह अलावा जला कर हाथों और शरीर को गर्म करने में लगे हुए हैं. दिल्ली में पड़ रही जबरदस्त ठंड को देखते हुए, दिल्ली एयरपोर्ट पर भी यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए जगह-जगह हीटर लगाए गए हैं. बहरहाल मौसम विभाग के अनुसार अगले 02 दिनों तक दिल्ली वालों को इस शीतलहर से राहत नहीं मिलने जा रही है। इस बीच ठंड की वजह से दिल्ली से आने-जाने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि कई उड़ानें लंबित हुई हैं.
ठंड में बिजली की खपत बढ़ी
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड में बिजली की खपत बढ़ गई है. सोमवार सुबह दिल्ली में बिजली की मांग 4803 मेगावॉट तक पहुंच गई. इस सर्दी में यह बिजली की सर्वाधिक मांग है. बीआरपील क्षेत्र में बिजली की मांग 2074 मेगावॉट रही जबकि बीवाईपीएल इलाके में बिजली की मांग्र 967 मेगावॉट दर्ज की गई. बिजली वितरण कंपनी के अधिकारीयों के मुताबिक इस बार सर्दियों में दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 5500 मेगावॉट तक पहुंच सकती है. बीआरपीएल इलाके में बिजली की मांग 2289 मेगवॉट हो सकती है. वहीं बीवाईपीएल क्षेत्र में यह 1159 मेगावॉट के आंकड़े को छू सकती है. पिछले साल 2021-22 की सर्दियों में राजधानी में बिजली की पीक डिमांड 5104 मेगावॉट पहुंची थी। बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की मांग 2140 मेगावॉट थी, जबकि बीवाईपीएल इलाके में डिमांड 1122 मेगावॉट थी। 2020-21 की सदियों में दिल्ली की पीक पावर डिमांड 5021 मेगवॉट थी। बीआरपीएल में पावर डिमांड 2091 मेगावॉट और बीवाईपीएल क्ष्ेत्र में 1107 मेगावॉट पहुंची थी.
बीएसईएस ने बिजली की पीक डिमांड को पूरा करने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। ठंड के महीनों में बिजली की सुचारू आपूर्ति के लिए, बिजली के पर्याप्त इंतजाम कर लिए गए हैं. लॉन्ग टर्म आधार पर बिजली खरीद समझौतों के तहत, बीएसईएस को पीक डिमांड के हिसाब से पर्याप्त बिजली मिलेगी. इन सर्दियों में बीएसईएस के पास 840 मेगावॉट सौर ऊर्जा है, जबकि 430 मेगावॉट विंड पावर/ पवन ऊर्जा, 127 मेगावॉट रूफटॉप सोलर और 25 मेगावॉट कचरे से बनी बिजली भी उपलब्ध है.
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