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DTC Bus Issue: महिलाओं के आरोप - सीएम की कार्रवाई के बाद भी महिला यात्रियों को देख कर ड्राइवर नहीं रोकते बस

दिल्ली में डीटीसी बस में एक ड्राइवर द्वारा महिलाओं को न चढ़ाने का मुद्दा काफी सुर्खियों में है. वहीं, ईटीवी भारत ने कुछ महिलाओं से बात की, जिसमें यह जानने की कोशिश की गई कि इन महिलाओं का बस स्टॉप और बस में ड्राइवर और लोगों का क्या व्यवहार रहता है. इन महिलाओं का कहना था कि आज भी ड्राइवर महिला यात्रियों को देखकर बस नहीं रोकते.

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Published : May 21, 2023, 7:56 AM IST

डीटीसी बस के मुद्दे पर महिला यात्रियों की राय

नई दिल्लीः दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और क्लस्टर बसों में महिलाओं को दिल्ली सरकार ने फ्री सफर करने की सुविधा दी है. लेकिन कई बार देखा गया है कि महिलाओं को देखकर ड्राइवर बस नहीं रोकते हैं. तिलक ब्रिज के पास बस स्टॉप पर तीन महिला यात्रियों ने एक कलस्टर बस रोकनी चाही. वे बस के पीछे भागीं लेकिन चालक ने बस आगे बढ़ा दी. इसका किसी ने मोबाइल से वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. इस वीडियो को लेकर सीएम केजरीवाल ने आरोपी ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश भी दिए. वहीं, ईटीवी भारत ने बस स्टॉप और बस में होनेवाले व्यवहार को लेकर कुछ महिला यात्रियों से बात की.

आइटीओ पर बस का इंतजार कर रही एक महिला ने बताया कि यह सही बात है कि महिलाओं को देखने बाद कई डीटीसी के ड्राइवर बस को नहीं रोकते हैं. महिलाओं ने आरोप लगाया कि कुछ बस ड्राइवर महिलाओं पर कमेंट पास करते हैं. कहते हैं कि 10 रुपये का टिकट नहीं ले सकतीं. कई महिलाओं ने नाम न साझा करने की शर्त पर बताया कि उनको बसों में महिला सीट भी नहीं दी जाती है. बसों में महिला सुरक्षा के लिए तैनात मार्शल भी इसे लेकर पुरुष सवारियों को कुछ नहीं कहते हैं.

ITO के नजदीकी बस स्टॉप पर अपनी 5 साल की बेटी के साथ खड़ी कृति ने बताया कि उन्होंने बस वाले को हाथ देकर रोकने का इशारा किया, लेकिन ड्राइवर ने बस को नहीं रोकी. उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब ड्राइवर ने देखने के बाद भी बस को नहीं रोका. कई बार ड्राइवर महिलाओं को बस में बिठाते नहीं हैं. कृति ने बताया कि वसंत कुंज बस स्टॉप पर उनके साथ ऐसा बहुत बार हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर दिली सरकार ने महिलाओं के लिए यह सुविधा दी है कि वो बसों में मुफ्त सफर कर सकती हैं, ड्राइवर्स को उसे मानना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः Anti Sikh Riots: सीबीआई ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

मेडिकल की पढ़ाई करने वाली राशि ने बताया कि डीटीसी ड्राइवर ज्यादातर तब बस नहीं रोकते, जब स्टैंड पर केवल महिलाएं हों. उन्होंने बताया कि ऐसा केवल ITO बस स्टैंड पर ही नहीं गोविंदपुरी बस स्टॉप पर भी कई बार हुआ है. राशि ने कहा कि इसके कारण उनको बसों के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने सभी महिलाओं के लिए डीटीसी की बसों में सफर मुफ्त कर रखा है. यह योजना 2019 में शुरू की गई थी और इसके तहत अब तक दिल्ली सरकार की बसों में 112 करोड़ से ज्यादा बार महिलाएं पिंक पास का इस्तेमाल कर चुकी हैं. दिल्ली में फिलहाल डीटीसी और क्लस्टर बस मिलाकर कुल 7379 बसें हैं. इन बसों में प्रतिदिन औसतन 41 लाख लोग यात्रा करते हैं. इनमें महिला यात्रियों की हिस्सेदारी करीब 31 फीसदी है.

ये भी पढ़ेंः Molesting Case: महिला IAS अधिकारी से छेड़छाड़ करने वाला IRS गिरफ्तार, कोर्ट से मिली जमानत

डीटीसी बस के मुद्दे पर महिला यात्रियों की राय

नई दिल्लीः दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और क्लस्टर बसों में महिलाओं को दिल्ली सरकार ने फ्री सफर करने की सुविधा दी है. लेकिन कई बार देखा गया है कि महिलाओं को देखकर ड्राइवर बस नहीं रोकते हैं. तिलक ब्रिज के पास बस स्टॉप पर तीन महिला यात्रियों ने एक कलस्टर बस रोकनी चाही. वे बस के पीछे भागीं लेकिन चालक ने बस आगे बढ़ा दी. इसका किसी ने मोबाइल से वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. इस वीडियो को लेकर सीएम केजरीवाल ने आरोपी ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश भी दिए. वहीं, ईटीवी भारत ने बस स्टॉप और बस में होनेवाले व्यवहार को लेकर कुछ महिला यात्रियों से बात की.

आइटीओ पर बस का इंतजार कर रही एक महिला ने बताया कि यह सही बात है कि महिलाओं को देखने बाद कई डीटीसी के ड्राइवर बस को नहीं रोकते हैं. महिलाओं ने आरोप लगाया कि कुछ बस ड्राइवर महिलाओं पर कमेंट पास करते हैं. कहते हैं कि 10 रुपये का टिकट नहीं ले सकतीं. कई महिलाओं ने नाम न साझा करने की शर्त पर बताया कि उनको बसों में महिला सीट भी नहीं दी जाती है. बसों में महिला सुरक्षा के लिए तैनात मार्शल भी इसे लेकर पुरुष सवारियों को कुछ नहीं कहते हैं.

ITO के नजदीकी बस स्टॉप पर अपनी 5 साल की बेटी के साथ खड़ी कृति ने बताया कि उन्होंने बस वाले को हाथ देकर रोकने का इशारा किया, लेकिन ड्राइवर ने बस को नहीं रोकी. उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब ड्राइवर ने देखने के बाद भी बस को नहीं रोका. कई बार ड्राइवर महिलाओं को बस में बिठाते नहीं हैं. कृति ने बताया कि वसंत कुंज बस स्टॉप पर उनके साथ ऐसा बहुत बार हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर दिली सरकार ने महिलाओं के लिए यह सुविधा दी है कि वो बसों में मुफ्त सफर कर सकती हैं, ड्राइवर्स को उसे मानना चाहिए.

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मेडिकल की पढ़ाई करने वाली राशि ने बताया कि डीटीसी ड्राइवर ज्यादातर तब बस नहीं रोकते, जब स्टैंड पर केवल महिलाएं हों. उन्होंने बताया कि ऐसा केवल ITO बस स्टैंड पर ही नहीं गोविंदपुरी बस स्टॉप पर भी कई बार हुआ है. राशि ने कहा कि इसके कारण उनको बसों के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने सभी महिलाओं के लिए डीटीसी की बसों में सफर मुफ्त कर रखा है. यह योजना 2019 में शुरू की गई थी और इसके तहत अब तक दिल्ली सरकार की बसों में 112 करोड़ से ज्यादा बार महिलाएं पिंक पास का इस्तेमाल कर चुकी हैं. दिल्ली में फिलहाल डीटीसी और क्लस्टर बस मिलाकर कुल 7379 बसें हैं. इन बसों में प्रतिदिन औसतन 41 लाख लोग यात्रा करते हैं. इनमें महिला यात्रियों की हिस्सेदारी करीब 31 फीसदी है.

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