नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में 10 जुलाई से शुरू होने वाली ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा को लेकर आज से मॉक टेस्ट शुरू किया गया है. वहीं इस मॉक टेस्ट की शुरुआत ही खामियों भरी रही. छात्रों से मिली शिकायत के अनुसार थर्ड ईयर के छात्रों को सेकंड ईयर का प्रश्न पत्र मिला, तो वहीं विषयों में भी हेर-फेर रहा.
प्रश्नों की संख्या भी काफी ज्यादा रही और इन सबसे बढ़कर ये रहा कि मॉक टेस्ट के दौरान वेबसाइट कई बार क्रैश हुई. इसे देखते हुए छात्रों और शिक्षकों में काफी आक्रोश है और उन्होंने डीयू प्रशासन से मांग की है कि इस तरह परीक्षा का मजाक बनाने के बजाय बेहतर होगा कि परीक्षा रद्द कर दी जाए.
'छात्रों में मानसिक तनाव'
डीयू में आज से शुरू हुए मॉक टेस्ट में कई खामियां रही. इनसे एक ओर छात्र मानसिक तौर पर परेशान हुए, वहीं शिक्षकों में भी इससे खासी नाराजगी है. डीयू के शिक्षक आनंद प्रकाश ने बताया कि मॉक टेस्ट को लेकर लगातार छात्रों की शिकायत आ रही है. उन्होंने बताया कि पिछले करीब एक महीने से ओपन बुक परीक्षा की घोषणा होने के बाद से ही छात्र मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं.
अब कई खामियों के साथ आयोजित इस मॉक टेस्ट ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है. उन्होंने कहा कि आज के मॉक टेस्ट में केवल परीक्षा के नाम पर छात्रों की भावनाओं से खिलवाड़ हुआ है क्योंकि ये परीक्षा कई खामियों से भरी रही.
विषयों में भी रहा हेर-फेर
उन्होंने बताया कि केमिस्ट्री ऑनर्स के थर्ड ईयर के छात्र को फिजिकल साइंस सेकंड ईयर का पेपर मिला है. इसी तरह कॉमर्स थर्ड ईयर के छात्र को सेकंड ईयर का पेपर मिला. साइंस के बच्चे को हिस्ट्री और हिस्ट्री के छात्र को इकोनॉमिक्स का पेपर दिया जा रहा है. ऐसे में उनका कहना है कि डीयू प्रशासन ने मॉक टेस्ट लिया है या टेस्ट के नाम पर खिलवाड़ किया है.
उन्होंने कहा कि परीक्षा के लिए जारी दिशा-निर्देश में स्पष्ट कहा गया था कि प्रश्नपत्र में केवल पांच प्रश्न आएंगे, लेकिन मॉक टेस्ट में प्रश्नपत्र अच्छा खासा लंबा रहा, जिससे छात्र और परेशान हो गए हैं. ऐसे में उन्होंने मांग की है कि परीक्षा को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए.
'व्हाट्सएप विश्वविद्यालय' का बहिष्कार
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी की ओर से सचिव पद के उम्मीदवार रहे योगित राठी ने इस मॉक टेस्ट को मॉकरी करार दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रों की परीक्षा का मजाक बनाकर रख दिया है. साथ ही कहा कि एलएलबी और बीकॉम फाइनल ईयर के छात्रों के लिए कोई सैंपल पेपर नहीं था.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम इस व्हाट्सएप विश्वविद्यालय का बहिष्कार करते हैं और मांग करते हैं कि ये परीक्षा तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए.
एनएसयूआई ने जताई नाराजगी
वहीं एनएसयूआई के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने भी इस मॉक टेस्ट को लेकर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मॉक टेस्ट के दौरान कई बार साइट क्रैश हुई है. कई छात्र क्वेश्चन पेपर डाउनलोड ही नहीं कर पाए और जिन्होंने प्रश्न पत्र डाउनलोड किया वो भी गलत डाउनलोड हुआ है. ऐसे में उन्होंने कहा कि जब मॉक टेस्ट में ये हाल है तो जब परीक्षा होगी उस समय क्या हाल क्या होगा.
परीक्षा निरस्त करने की मांग
छात्रों और शिक्षकों के मॉक टेस्ट को लेकर मिली प्रतिक्रिया के बाद अकादमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य भी दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से ऑनलाइन हो रही परीक्षा को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.
वहीं इसको लेकर एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर राजेश झा ने कहा कि मॉक टेस्ट में आई खामियां बताती हैं कि अभी विश्वविद्यालय प्रशासन की तकनीकी प्रणाली इतनी सशक्त नहीं है कि वो इतने बड़े स्तर पर ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर सके. इसलिए बेहतर होगा की इसका कोई अन्य विकल्प निकाला जाए.