नई दिल्ली: पर्यावरण प्रदूषण को लेकर लगातार अपनी प्रतिबद्धता दिखाने वाला दिल्ली परिवहन निगम अब अंतर राज्य इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू कर रहा है. दिल्ली परिवहन निगम राजधानी से 200 किलोमीटर की दूरी तक आने वाले शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की सेवाएं शुरू करेगा.
परिवहन निगम शुरुआती दौर में 50 बसों का एक बेड़ा चंडीगढ़ देहरादून और जयपुर के लिए अपनी सेवाएं शुरू करेगा. अंतर राज्य बस सेवा में बुकिंग के लिए पेटीएम रेडबस जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. परिवहन निगम दिल्ली के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के चलन को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को विस्तार दे रहा है.
दो राज्यों में चलनेवाली यह पहली बस सेवा होगीः डीटीसी के ग्रीनसिल मोबिलिटी के सीईओ देवेंद्र चावला ने बताया कि यह दो राज्यों के बीच चलने वाली पहली इलेक्ट्रिक सेवा होगी. मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में भी इस दिशा में पहल की गई है. हालांकि, अंतर राज्य बसों की सेवाएं अभी किसी भी राज्य में उपलब्ध नहीं है.
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उन्होंने बताया कि आईएसबीटी कश्मीरी गेट पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है. इसमें बसों की चार्जिंग समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके अलावा इको लॉज भी विकसित किया जा रहा है, जहां वातानुकूलित स्थान पर लोगों को जलपान इत्यादि की व्यवस्था कराई जाएगी.
अगला लक्ष्य 500 किलोमीटर की दूरी पर बसे शहरः चावला ने बताया कि साल के अंत तक दिल्ली से लखनऊ आगरा और अमृतसर के लिए भी सेवाएं शुरू की जाएंगी. 500 किलोमीटर की दूरी पर बसे शहरों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन और बेस Vl वाहनों का एक बेड़ा तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जल्द इन शहरों के लिए प्रत्येक घंटे में एक बस उपलब्ध होगी. यात्रियों की सुविधा के लिए बसों का टाइम टेबल पालन किया जाएगा.
साथ ही सुरक्षा को लेकर भी इंतजाम किए जाएंगे. बता दें वर्तमान में डीटीसी द्वारा दिल्ली से नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद तक सेवा संचालित की जाती है. वहीं दिल्ली में सिटी बसों का संचालन भी डीटीसी करता है. शहर के अंदर संचालित डीटीसी बसों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए मार्शल भी तैनात रहते हैं.
धीरे-धीरे बदलेगा डीटीसी बसों का बेड़ाः उन्होंने बताया कि डीटीसी की बसें जो अपनी समय अवधि पूरी कर चुकी हैं उन्हें एक-एक कर हटाया जा रहा है. उनकी जगह पर इलेक्ट्रिक वाहनों को तवज्जो दी जा रही है. अप्रैल में 100 नई इलेक्ट्रिक बसें भी डीटीसी को मिल जाएंगी. इसके अलावा मेट्रो द्वारा संचालित की जा रही इलेक्ट्रिक बसों का भी अधिग्रहण बीटीसी द्वारा कर लिया जाएगा. क्लस्टर बसों द्वारा हुई दुर्घटनाओं के मामले में भी संज्ञान लेते हुए उन्होंने बताया कि उन बसों के रख-रखाव की रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही जो बसें पुरानी हो गई है उन्हें हटाकर नए इलेक्ट्रिक वाहन से स्थानांतरित किया जाएग.