नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगे के अपमान में जेल में बंद दीप सिद्धू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. एडिशनल सेशंस जज नीलोफर आबिदा परवीन ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 15 अप्रैल को फैसला सुनाने का आदेश दिया.
मीडिया इंटरव्यू में दीप सिद्धू के इरादों का खुलासा
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा कि दीप सिद्धू ने मीडिया को जो बयान दिया. उससे उसके इरादों का साफ-साफ पता चलता है. पुलिस के मुताबिक, दीप सिद्धू ने कहा था कि '26 जनवरी आ रहा है, ज्यादा से ज्यादा लोग लाओ, अपने ट्रैक्टर लाओ. हम जब 26 नवंबर को आए थे, तो बैरिकेड तोड़ कर आए थे' दिल्ली पुलिस ने कहा कि दीप सिद्धू ने अपने इंटरव्यू में अपने इरादों का खुलासा कर दिया था. ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
एक तरफ शांति की बात और दूसरी तरफ हिंसा भड़का रहा था
दिल्ली पुलिस ने कहा कि दीप सिद्धू निशान साहिब का झंडा फहराने के बाद जोर-जोर से चिल्ला कर कहने लगा कि किसानों के नेताओं को यहां आना चाहिए और यह देखना चाहिए कि हमने एक इतिहास रच डाला है. हमने शांति से कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि एक तरफ दीप सिद्धू शांति की बात कर रहा था और दूसरी तरफ हिंसा भड़का रहा था.
ट्रांसक्रिप्ट को पेश करने में पिक एंड चूज का इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस की दलील का विरोध करते हुए दीप सिद्धू के वकील अभिषेक गुप्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस ट्रांसक्रिप्ट को पेश करने में पीक एंड चूज का इस्तेमाल कर रही है. अभिषेक गुप्ता ने कहा कि हमने वीडियो और भाषण के पूरे ट्रांस्क्रिप्ट कोर्ट में पेश कर दिए हैं. कोर्ट को देखना है कि दीप सिद्धू ने हिंसा को भड़काया या इसने केवल विरोध प्रकट किया.
दीप सिद्धू ने लालकिला जाने का आह्वान नहीं किया था
पिछले 8 अप्रैल को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दीप सिद्धू के वीडियो की ट्रांसक्रिप्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान अभिषेक गुप्ता ने FIR को पढ़ते हुए कहा था कि 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे करीब एक हजार लोग लालकिले की ओर बढ़ने लगे. उन्होंने कहा था कि FIR के मुताबिक, लोगों की भीड़ ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की. उन्होंने कहा था कि इस FIR में उन लोगों का ही नाम आना चाहिए जो लोग हिंसा में शामिल रहे. दीप सिद्धू को भी दिल्ली पुलिस ने आरोपी बनाया है, लेकिन वो किसी किसान संगठन का सदस्य नहीं है. दीप सिद्धू ने ट्रैक्टर रैली निकालने या लालकिला जाने के लिए कोई आह्वान नहीं किया था. इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि दीप सिद्धू ने बैरिकेड तोड़े या हिंसा में शामिल था.
दीप सिद्धू के लालकिले पर पहुंचने के बाद हिंसा शुरू हुई
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि दीप सिद्धू दोपहर एक बजकर 54 मिनट पर लालकिले पहुंचा. दिल्ली पुलिस ने कहा कि दीप सिद्धू ने हिंसा भड़काने और उकसाने का काम किया था. इस हिंसा में 144 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हुए. कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिशें की. पुलिसकर्मियों पर हमले दीप सिद्धू के लालकिले पर पहुंचने के बाद शुरू हुए. उसके बाद वह तेजी से चिल्लाने लगा और भीड़ को उकसाने लगा.
भारत को बदनाम करने का मकसद था
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जब लालकिला रैली के रूट में नहीं था तो वे वहां कैसे गए. अगर कृषि कानूनों के खिलाफ उनका शांतिपूर्ण प्रदर्शन था तो वे लालकिला कैसे और क्यों गए? दीप सिद्धू का एजेंडा केवल भारत को बदनाम करना था. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि क्या पुलिसकर्मियों का कोई मौलिक अधिकार नहीं था. क्या भारत को बदनाम करना मौलिक अधिकार है. इस पर अभिषेक गुप्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि इस दलील में दम नहीं है. उन्होंने कहा था कि वो इस संबंध में रिकॉर्ड किए गए वीडियो पेश कर सकते हैं. उसके बाद कोर्ट ने उनसे वीडियो के ट्रांस्क्रिप्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे.
पहले खारिज हो चुकी है जमानत याचिका
बता दें कि पिछले 26 फरवरी को कोर्ट ने दीप सिद्धू की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. पिछले 23 फरवरी को कोर्ट ने दीप सिद्धू को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हरियाणा के करनाल से पिछले 9 फरवरी को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दीप के खिलाफ वीडियोग्राफी सबूत हैं.
सिद्धू पर लोगों को भड़काने का आरोप
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, सिद्धू ने लोगों को भड़काया, जिसके चलते लोगों ने सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाया. पुलिस ने कहा था कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया. लाल किले पर झंडा फहराया गया. दीप सिद्धू दंगों में सबसे आगे था. लाल किले पर 140 पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ. उनके सिर पर तलवारों से चोटें आईं. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वीडियो में साफ दिख रहा कि दीप सिद्धू झंडे और लाठी के साथ लाल किले में घुस रहा था. वो जुगराज सिंह के साथ था।