नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी के नेतृत्व में गुरुवार को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, उपराज्यपाल वीके सक्सेना से राज निवास में मिला. इस दौरान उन्होंने एलजी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें यह मांग की गई कि दिल्ली सरकार द्वारा कृषि भूमि अधिग्रहण के सर्किल रेट की दरें लागू करने की असमानता को खत्म करके एक समान तय की जाए. साथ ही यह भी कहा गया कि प्रति एकड़ सर्किल रेट कम से कम छह करोड़ रुपये होना चाहिए.
वहीं उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल आश्वासन दिया कि कृषि भूमि अधिग्रहण दरें तय करने के पीछे भ्रष्टाचार होने की आशंका की जांच के मामले को संवेदनशीलता से लिया जाएगा. प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी, पूर्व विधायक देवेंद्र यादव, अनिल भारद्वाज और विजय सिंह लोचव शामिल रहे.
इसके बाद अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि दिल्ली सरकार का कृषि भूमि के नए सर्किल रेट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव, दिल्लीवालों के खिलाफ है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रस्तावित कृषि भूमि का सर्किल रेट, विभिन्न जिलों में अलग-अलग रखा गया है, जिसके कारण दिल्ली के किसानों में भारी असंतोष है. कृषि भूमि का सर्किल रेट एक समान होना चाहिए, क्योंकि इससे पूर्व भी सर्किल रेट एक समान थे. लेकिन दिल्ली सरकार ने भू-माफिया और एक विशेष वर्ग को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से हरित क्षेत्र के गांव, शहरीकृत गांव और ग्रामीण गांव की श्रेणी में बांटकर कृषि भूमि के सर्किल रेट की दरें बढ़ाई हैं.
उन्होंने आगे कहा कि जहां केंद्र सरकार किसानों को बांटने का काम रही है, वहीं दिल्ली सरकार की किसानों के हितों से जुड़े मुद्दे कृषि भूमि सर्किल रेट बढ़ाने की नीति, राजनीतिक स्वार्थ साधकर तय की गई है. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली जिले में सर्किल रेट पांच करोड़ रुपये प्रति एकड़, पूर्वी जिले में 2.25 करोड़ रुपये प्रति एकड़ तय करने की प्रस्तावना है. वहीं उत्तरी व पश्चिमी दिल्ली में प्रति एकड़ तीन करोड़ रुपये और दक्षिण पूर्व दिल्ली में 2.25 करोड़ रुपये प्रति एकड़ सर्किल रेट तय किया गया है.
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दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इससे पहले दिल्ली में सात बार कृषि भूमि का सर्किल रेट बढ़ा, जिसे एक समान रखा गया. यह 1990 में 4.65 लाख रुपये प्रति एकड़, 1997 में 10 लाख रुपये प्रति एकड़, 1998 में शीला दीक्षित सरकार ने 11.20 लाख रुपये प्रति एकड़, 2001 में 15.70 लाख रुपये प्रति एकड़, 2005 में 17.58 लाख रुपये प्रति एकड़ और 2007 में 53 लाख रुपये प्रति एकड़, पूरी दिल्ली में एक समान सर्किल रेट तय किया गया था. दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने प्रस्तावित कृषि भूमि के सर्किल रेट को सात जिलो में अलग-अलग रखा तय किया है, जबकि सर्किल रेट एक समान होना चाहिए. कांग्रेस यह मांग करती है कि पूरी दिल्ली में कृषि भूमि पर सर्किल रेट छह करोड़ रुपये प्रति एकड़ होना चाहिए, क्योंकि दिल्ली से सटे एनसीआर क्षेत्र में दूसरे राज्यों में सर्किल रेट दिल्ली से अधिक है.