नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर ने निजी अस्पताल में कोरोना का इलाज कराने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका हाईकोर्ट से वापस ले ली है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई का क्षेत्राधिकार दिल्ली हाईकोर्ट नहीं है, वे इसके लिए बांबे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं.
दीपक कोचर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं
सुनवाई के दौरान वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि 59 वर्षीय दीपक कोचर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और उन्हें इसके इलाज के लिए एनसीआई झज्जर में शिफ्ट किया गया है. याचिका में कहा गया था कि दीपक कोचर को किडनी में स्टोन, प्रोस्टेट बड़ा होने के अलावा कई दूसरी बीमारियां भी हैं. याचिका में मांग की गई थी कि ईडी को निर्देश दिया जाए कि वो दीपक कोचर को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराएं.
मुंबई से दिल्ली लाया गया था
कोर्ट ने कहा कि आप इस मामले को बांबे के कोर्ट में लेकर जाएं. दिल्ली हाईकोर्ट को इस याचिका पर सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है. बता दें कि दीपक कोचर को हाल ही में आईसीआईसीआई से वीडियोकॉन को लोन देने के मामले में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में पूछताछ के लिए मुंबई से दिल्ली लाया गया था. मुंबई की कोर्ट ने दीपक कोचर को 19 सितंबर तक की ईडी हिरासत में भेजा है.
वेणुगोपाल धूत को तीन सौ करोड़ लोन देने का मामला
बता दें कि मार्च 2019 में ईडी ने दीपक कोचर के दफ्तर पर छापा मारा था जिसमें डायरी, हार्ड डिस्क और साढ़े दस लाख रुपये जब्त किए गए थे. दीपक कोचर की कंपनी का नाम पैसिफिक कैपिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड है. सीबीआई की ओर से केस दर्ज करने बाद ईडी ने फरवरी 2019 में चंदा कोचर और दीपक कोचर के अलावा वीडियोकॉन ग्रूप के मैनेजिंग डायरेक्टर वेणुगोपाल धूत को आरोपी बनाया था. तीनों पर आरोप है कि वेणुगोपाल धूत को आईसीआईसीआई बैंक से तीन सौ करोड़ लोन देने के लिए चंदा कोचर ने दीपक कोचर के जरिये धन लिया.
2009 में दिया गया था लोन
ईडी के मुताबिक चंदा कोचर के नेतृत्व वाली कमेटी ने सितंबर 2009 में वेणुगोपाल की कंपनी को तीन सौ करोड़ रुपये का लोन दिया. उसके बाद वीडियोकॉन इंटरनेशन इलेक्ट्रॉनिक्स नामक कंपनी ने लोन मिलने के अगले ही दिन चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी के खाते में 64 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. ईडी के मुताबिक कोचर परिवार ने मुंबई में वीडियोकॉन ग्रुप से एक अपार्टमेंट लिया जिसकी कीमत बाजार भाव से काफी कम थी.