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एमजे अकबर की मानहानि मामले को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई आज - journalist Priya Ramani case news

पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर किए गए मानहानि के मामले पर कोर्ट आज सुनवाई करेगी. एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

MJ Akbar against journalist Priya Ramani
पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर
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Published : Sep 19, 2020, 8:29 AM IST

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट आज पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर किए गए मानहानि के मामले पर सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी की वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि एमजे अकबर ने उन्हें जानबूझकर टारगेट किया. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा इस मामले पर सुनवाई करेंगे.

आपराधिक मानहानि मामले पर सुनवाई आज



प्रिया रमानी को टारगेट करने का आरोप


पिछले 14 सितंबर को रेबेका जॉन ने कहा था कि एमजे अकबर के खिलाफ कई लोगों ने ट्वीट किया, लेकिन अभी तक केवल प्रिया रमानी को छोड़कर किसी दूसरे के खिलाफ केस दायर नहीं किया गया. प्रिया रमानी को ही जानबूझकर टारगेट किया गया.

उन्होंने कोर्ट के समक्ष गवाहों वीनू संदल, तपन चाकी, जोयिता बासु औऱ सुनील गुजराल के क्रास-एग्जामिनेशन को पढ़ते हुए कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के व्याख्या 4 के तहत ये प्रमाणित करना जरूरी है कि जिन प्रकाशनों का दृष्टांत दिया गया है, वे दूसरों की नजर में छवि खराब करते हों.

उन्होंने कहा था कि अधिकांश गवाहों ने कहा कि प्रिया रमानी के ट्वीट की वजह से एमजे अकबर की छवि खराब हुई, लेकिन उसे दूसरों के ट्वीट से नहीं जोड़ा गया. ऐसा कैसे हो सकता है कि गवाहों ने एमजे अकबर के खिलाफ केवल प्रिया रमानी के ट्वीट को पढ़ा और दूसरी महिलाओं के नहीं.


14 महिलाओं के ट्वीट में यौन प्रताड़ना का जिक्र

रेबेका जॉन ने कहा था कि रमानी के खिलाफ गवाही देनेवाले लोग एमजे अकबर के प्रति समर्पित हैं. केवल प्रिया रमानी के ट्वीट्स को उद्धृत करने का मतलब कि गवाह झूठ बोल रहे हैं. रेबेका जॉन ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों को उद्धृत किया था.

उन्होंने कहा था कि कोर्ट को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि 14 महिलाओं ने इसके बारे में ट्वीट किया था. जिसमें यौन प्रताड़ना का जिक्र है. उन्होंने गजाला वहाब के बयानों को उद्धृत करते हुए कहा कि मी-टू मूवमेंट ने महिलाओं को लीगल फ्रेमवर्क से बाहर एक प्लेटफार्म दिया.


जनता के हित में सच बोला


पिछले 8 सितंबर को सुनवाई के दौरान रेबेका जॉन ने कहा था कि अगर प्रिया रमानी चुप रहतीं तो ठीक नहीं होता. उन्होंने कहा था कि एमजे अकबर ने कोर्ट में केस दर्ज कर उन लोगों का मुंह बंद कराने की कोशिश की है, जिन्होंने उनके खिलाफ बोला था.

उन्होंने कहा था कि प्रिया रमानी ने जनता के हित में सच बोला. प्रिया रमानी को इसलिए टारगेट किया जा रहा था, ताकि एमजे अकबर के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों से ध्यान हटाया जा सके. रेबेका जॉन ने मुंबई के ओबेराय होटल की पूरी कहानी बताई. उन्होंने कहा कि प्रिया रमानी को इंटरव्यू में बुलाकर व्यक्तिगत सवाल पूछे गए और अल्कोहल मिले पेय पीने को कहा गया जिसे रमानी ने इनकार कर दिया.



अक्टूबर 2018 में दायर किया था केस


एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था.

25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे. कोर्ट ने प्रिया रमानी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की स्थाई छूट दी थी.

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट आज पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर किए गए मानहानि के मामले पर सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी की वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि एमजे अकबर ने उन्हें जानबूझकर टारगेट किया. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा इस मामले पर सुनवाई करेंगे.

आपराधिक मानहानि मामले पर सुनवाई आज



प्रिया रमानी को टारगेट करने का आरोप


पिछले 14 सितंबर को रेबेका जॉन ने कहा था कि एमजे अकबर के खिलाफ कई लोगों ने ट्वीट किया, लेकिन अभी तक केवल प्रिया रमानी को छोड़कर किसी दूसरे के खिलाफ केस दायर नहीं किया गया. प्रिया रमानी को ही जानबूझकर टारगेट किया गया.

उन्होंने कोर्ट के समक्ष गवाहों वीनू संदल, तपन चाकी, जोयिता बासु औऱ सुनील गुजराल के क्रास-एग्जामिनेशन को पढ़ते हुए कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के व्याख्या 4 के तहत ये प्रमाणित करना जरूरी है कि जिन प्रकाशनों का दृष्टांत दिया गया है, वे दूसरों की नजर में छवि खराब करते हों.

उन्होंने कहा था कि अधिकांश गवाहों ने कहा कि प्रिया रमानी के ट्वीट की वजह से एमजे अकबर की छवि खराब हुई, लेकिन उसे दूसरों के ट्वीट से नहीं जोड़ा गया. ऐसा कैसे हो सकता है कि गवाहों ने एमजे अकबर के खिलाफ केवल प्रिया रमानी के ट्वीट को पढ़ा और दूसरी महिलाओं के नहीं.


14 महिलाओं के ट्वीट में यौन प्रताड़ना का जिक्र

रेबेका जॉन ने कहा था कि रमानी के खिलाफ गवाही देनेवाले लोग एमजे अकबर के प्रति समर्पित हैं. केवल प्रिया रमानी के ट्वीट्स को उद्धृत करने का मतलब कि गवाह झूठ बोल रहे हैं. रेबेका जॉन ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों को उद्धृत किया था.

उन्होंने कहा था कि कोर्ट को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि 14 महिलाओं ने इसके बारे में ट्वीट किया था. जिसमें यौन प्रताड़ना का जिक्र है. उन्होंने गजाला वहाब के बयानों को उद्धृत करते हुए कहा कि मी-टू मूवमेंट ने महिलाओं को लीगल फ्रेमवर्क से बाहर एक प्लेटफार्म दिया.


जनता के हित में सच बोला


पिछले 8 सितंबर को सुनवाई के दौरान रेबेका जॉन ने कहा था कि अगर प्रिया रमानी चुप रहतीं तो ठीक नहीं होता. उन्होंने कहा था कि एमजे अकबर ने कोर्ट में केस दर्ज कर उन लोगों का मुंह बंद कराने की कोशिश की है, जिन्होंने उनके खिलाफ बोला था.

उन्होंने कहा था कि प्रिया रमानी ने जनता के हित में सच बोला. प्रिया रमानी को इसलिए टारगेट किया जा रहा था, ताकि एमजे अकबर के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों से ध्यान हटाया जा सके. रेबेका जॉन ने मुंबई के ओबेराय होटल की पूरी कहानी बताई. उन्होंने कहा कि प्रिया रमानी को इंटरव्यू में बुलाकर व्यक्तिगत सवाल पूछे गए और अल्कोहल मिले पेय पीने को कहा गया जिसे रमानी ने इनकार कर दिया.



अक्टूबर 2018 में दायर किया था केस


एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था.

25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे. कोर्ट ने प्रिया रमानी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की स्थाई छूट दी थी.

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