नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जिस पर राजनीति भी तेज हो गई है. सभी पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने मजदूरों की स्थिति को लेकर केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला है.
-
लॉकडाउन के कारण दिल्ली का मजदूर लाचार हो चुका है, उसके पास कमाने को काम नहीं; खाने को राशन नहीं और अगर बीमार पड़ गया तो सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं। इसी तरह लॉकडाउन के कारण हर वर्ग प्रताड़ित हुआ है: श्री @devendrayadvinc #SpeakUpDelhi pic.twitter.com/Ac8D475B3F
— Congress (@INCIndia) June 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">लॉकडाउन के कारण दिल्ली का मजदूर लाचार हो चुका है, उसके पास कमाने को काम नहीं; खाने को राशन नहीं और अगर बीमार पड़ गया तो सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं। इसी तरह लॉकडाउन के कारण हर वर्ग प्रताड़ित हुआ है: श्री @devendrayadvinc #SpeakUpDelhi pic.twitter.com/Ac8D475B3F
— Congress (@INCIndia) June 9, 2020लॉकडाउन के कारण दिल्ली का मजदूर लाचार हो चुका है, उसके पास कमाने को काम नहीं; खाने को राशन नहीं और अगर बीमार पड़ गया तो सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं। इसी तरह लॉकडाउन के कारण हर वर्ग प्रताड़ित हुआ है: श्री @devendrayadvinc #SpeakUpDelhi pic.twitter.com/Ac8D475B3F
— Congress (@INCIndia) June 9, 2020
हर वर्ग हुआ प्रताड़ित
देवेंद्र यादव ट्विटर पर वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण दिल्ली का मजदूर लाचार हो चुका है. उसके पास कमाने को काम नहीं, खाने को राशन नहीं और अगर बीमार पड़ गया तो सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं. इसी तरह लॉकडाउन के कारण हर वर्ग प्रताड़ित हुआ है.
कोरोना के बढ़ते मामले पर अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में अभी कुल 31000 मामले सामने आए हैं. 900 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मंगलवार को उपराज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई. जिसमें सरकार की तरफ से कोरोना के जो आंकड़े दिए गए, वह चौंकाने वाले हैं.
जुलाई में 80 हजार बेड की होगी जरूरत
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए वह दिखाते हैं कि आने वाले समय में दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है. 15 जून को 44000 केस होने की संभावना है. 30 जून तक एक लाख, 15 जुलाई तक सवा दो लाख केस हो जाएंगे और 31 जुलाई तक सारे 5.32 लाख केस हो जाएंगे. इसे देखते हुए हमें सिर्फ दिल्ली वालों के लिए 80000 बेड की जरूरत पड़ेगी. यह एक बड़ी चुनौती है.