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कांग्रेस के चक्रव्यूह में फंसेगी BJP, दिग्गजों को मैदान में उतार बढ़त की तैयारी में हैं राहुल?

दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर एक वर्तमान और तीन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चुनाव मैदान में पार्टी ने उतारे हैं. इनके अलावा एक प्रत्याशी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. मकसद साफ है बीजेपी को कड़ी टक्कर देकर ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना है.

कांग्रेस के चक्रव्यूह में फसेगी BJP? दिग्गजों को मैदान में उतार बढ़त की तैयारी में हैं राहुल
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Published : Apr 25, 2019, 5:50 PM IST

Updated : Apr 25, 2019, 7:54 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी की सातों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस बार टक्कर कांटे की है. सातों सीटों पर बीजेपी के सांसद काबिज है. जिन्हें टक्कर देने के लिए इस बार कांग्रेस ने सात सीटों में से 6 पर पार्टी के वर्तमान और पूर्व अध्यक्षों को चुनाव मैदान में उतारा है. मकसद साफ है बीजेपी को कड़ी टक्कर देकर ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना है.

पश्चिमी दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार महाबल मिश्रा से खास बातचीत
कांग्रेस प्रत्याशियों की बात करें, दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर एक वर्तमान और तीन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चुनाव मैदान में पार्टी ने उतारे हैं. इनके अलावा एक प्रत्याशी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.

शीला दीक्षित से कांग्रेस को उम्मीदें
उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रही शीला दीक्षित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. इससे पहले भी वो एक बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं. साल 1998 में उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हरा कर सत्ता पर कब्जा किया था. इसके बाद 15 साल तक दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी. इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को उम्मीद है कि शीला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी इसी तरह का करिश्मा दिखाएगी.

जेपी अग्रवाल भी रह चुके हैं प्रदेश अध्यक्ष
चांदनी चौक सीट से चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.

अरविंदर सिंह लवली
पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रहे अरविंदर सिंह लवली भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. उनके कार्यकाल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की 70 सीट में से पार्टी के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी. यहां तक लवली भी चुनाव हार गए.

अजय माकन
नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं अजय माकन के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. उत्तर पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे राजेश लिलोठिया वर्तमान में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.

महाबल मिश्रा की ईटीवी भारत से खास बातचीत
इस बारे में जब पश्चिमी दिल्ली सीट से प्रत्याशी महाबल मिश्रा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी आज रोड पर आ गए हैं. चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई और इस तरह हजारों की तादाद में लोगों से नौकरियां छीन ली गई. ये कितना उचित है? एक तरफ ऐसी सरकार है जो नौकरियां छीन रही है. जबकि बीजेपी सरकार नौकरियां देने के नाम पर सत्ता में आई थी.

महाबल कहते हैं कांग्रेस ने दिल्ली में बीजेपी के सातों सांसदों के मुकाबले अपने अनुभवी और जुझारू नेताओं को मैदान में उतारा है. ये जनता की नब्ज को समझते हैं और ये चुनाव नतीजे में पता चल जाएगा. दिल्ली की जनता 5 साल में ठगा महसूस कर रही है. जो उनसे वादे किए गए थे 15 लाख एकाउंट में आएगा, नौकरियां मिलेंगी, कुछ भी नहीं हुआ. अब जनता झांसे में नहीं आने वाली.

चुनाव मैदान में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को लेकर महाबल मिश्रा ने कहा कि वो मैदान में तो उतरे हैं, लेकिन अनुभवहीन है. उन्हें कोई जानता नहीं हैं. दिल्ली में पिछले 15 सालों में कांग्रेस ने जो विकास कार्य किया है वो पिछले 4 सालों में आम आदमी पार्टी ने नेस्तनाबूत कर दिया है. जो सरकार अपनी उपलब्धियां गिना रही है और फीता काट रही है, वो सब कांग्रेस सरकार की देन है.

नई दिल्ली: राजधानी की सातों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस बार टक्कर कांटे की है. सातों सीटों पर बीजेपी के सांसद काबिज है. जिन्हें टक्कर देने के लिए इस बार कांग्रेस ने सात सीटों में से 6 पर पार्टी के वर्तमान और पूर्व अध्यक्षों को चुनाव मैदान में उतारा है. मकसद साफ है बीजेपी को कड़ी टक्कर देकर ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना है.

पश्चिमी दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार महाबल मिश्रा से खास बातचीत
कांग्रेस प्रत्याशियों की बात करें, दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर एक वर्तमान और तीन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चुनाव मैदान में पार्टी ने उतारे हैं. इनके अलावा एक प्रत्याशी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.

शीला दीक्षित से कांग्रेस को उम्मीदें
उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रही शीला दीक्षित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. इससे पहले भी वो एक बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं. साल 1998 में उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हरा कर सत्ता पर कब्जा किया था. इसके बाद 15 साल तक दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी. इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को उम्मीद है कि शीला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी इसी तरह का करिश्मा दिखाएगी.

जेपी अग्रवाल भी रह चुके हैं प्रदेश अध्यक्ष
चांदनी चौक सीट से चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.

अरविंदर सिंह लवली
पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रहे अरविंदर सिंह लवली भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. उनके कार्यकाल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की 70 सीट में से पार्टी के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी. यहां तक लवली भी चुनाव हार गए.

अजय माकन
नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं अजय माकन के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. उत्तर पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे राजेश लिलोठिया वर्तमान में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.

महाबल मिश्रा की ईटीवी भारत से खास बातचीत
इस बारे में जब पश्चिमी दिल्ली सीट से प्रत्याशी महाबल मिश्रा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी आज रोड पर आ गए हैं. चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई और इस तरह हजारों की तादाद में लोगों से नौकरियां छीन ली गई. ये कितना उचित है? एक तरफ ऐसी सरकार है जो नौकरियां छीन रही है. जबकि बीजेपी सरकार नौकरियां देने के नाम पर सत्ता में आई थी.

महाबल कहते हैं कांग्रेस ने दिल्ली में बीजेपी के सातों सांसदों के मुकाबले अपने अनुभवी और जुझारू नेताओं को मैदान में उतारा है. ये जनता की नब्ज को समझते हैं और ये चुनाव नतीजे में पता चल जाएगा. दिल्ली की जनता 5 साल में ठगा महसूस कर रही है. जो उनसे वादे किए गए थे 15 लाख एकाउंट में आएगा, नौकरियां मिलेंगी, कुछ भी नहीं हुआ. अब जनता झांसे में नहीं आने वाली.

चुनाव मैदान में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को लेकर महाबल मिश्रा ने कहा कि वो मैदान में तो उतरे हैं, लेकिन अनुभवहीन है. उन्हें कोई जानता नहीं हैं. दिल्ली में पिछले 15 सालों में कांग्रेस ने जो विकास कार्य किया है वो पिछले 4 सालों में आम आदमी पार्टी ने नेस्तनाबूत कर दिया है. जो सरकार अपनी उपलब्धियां गिना रही है और फीता काट रही है, वो सब कांग्रेस सरकार की देन है.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली की सातों सीट पर काबिज भाजपा के सांसदों को टक्कर देने के लिए इस बार कांग्रेस ने सात सीटों में से छह पर पार्टी के वर्तमान और पूर्व अध्यक्षों को चुनाव मैदान में उतारा है. मकसद भाजपा को कड़ी टक्कर देकर अधिक से अधिक सीटें छीनना है.




Body:कांग्रेस दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक वर्तमान व तीन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चुनाव मैदान में हैं. यह सभी विरोधी पार्टियों को टक्कर देने की स्थिति में बताए जा रहे हैं. इनके अलावा एक प्रत्याशी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.

उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रही शीला दीक्षित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. इससे पहले भी वह एक बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं. वर्ष 1998 में उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को हरा कर सत्ता पर कब्जा जमाया था. इसके बाद 15 साल तक दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी. इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को उम्मीद है कि शीला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी इसी तरह का करिश्मा दिखाएगी.

चांदनी चौक सीट से चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रहे अरविंदर सिंह लवली भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. उनके कार्यकाल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की 70 सीट में से पार्टी के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी. यहां तक लवली भी चुनाव हार गए. नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं अजय माकन के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. उत्तर पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे राजेश लिलोठिया वर्तमान में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.

अब देखना यह है कि कांग्रेस के एक वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और तीन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा एक कार्यकारी अध्यक्ष का लोकसभा चुनाव में कितना जादू चलता है.

इस संबंध में हमने कांग्रेस के पश्चिमी दिल्ली सीट से प्रत्याशी महाबल मिश्रा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी आज रोड पर आ गए हैं. चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई और इस तरह हजारों की तादाद में लोगों से नौकरियां छीन गई. यह कितना उचित है? एक तरफ ऐसी सरकार है जो नौकरियां छीन रही है. जबकि भाजपा सरकार नौकरियां देने के नाम पर सत्ता में आई थी.

महाबल कहते हैं कांग्रेस ने दिल्ली में भाजपा के सातों सांसदों के मुकाबले में कांग्रेस ने अपने अनुभवी और जुझारू नेताओं को मैदान में उतारा है. ये जनता की नब्ज को समझते हैं और चुनाव नतीजे में यह पता चल जाएगा. दिल्ली की जनता 5 साल में ठगा महसूस कर रही है. जो उनसे वादे किए गए थे 15 लाख एकाउंट में आएगा, नौकरियां मिलेंगी, कुछ भी नहीं हुआ. अब वह झांसे में नहीं आने वाली है.

चुनाव मैदान में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को लेकर महाबल मिश्रा ने कहा कि वह मैदान में तो उतरे है, लेकिन अनुभवहीन है. उन्हें कोई जानता नहीं है. दिल्ली में पिछले 15 सालों में कांग्रेस ने जो विकास कार्य किया है वह पिछले 4 सालों में आम आदमी पार्टी ने उसे नेस्तनाबूत कर दिया है. जो सरकार अपनी उपलब्धि गिना रही है व फीता काट रही है, वह सब कांग्रेस सरकार की देन है.

समाप्त, आशुतोष झा


Conclusion:
Last Updated : Apr 25, 2019, 7:54 PM IST
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