नई दिल्ली: राजधानी की सातों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस बार टक्कर कांटे की है. सातों सीटों पर बीजेपी के सांसद काबिज है. जिन्हें टक्कर देने के लिए इस बार कांग्रेस ने सात सीटों में से 6 पर पार्टी के वर्तमान और पूर्व अध्यक्षों को चुनाव मैदान में उतारा है. मकसद साफ है बीजेपी को कड़ी टक्कर देकर ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना है.
शीला दीक्षित से कांग्रेस को उम्मीदें
उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रही शीला दीक्षित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. इससे पहले भी वो एक बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं. साल 1998 में उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हरा कर सत्ता पर कब्जा किया था. इसके बाद 15 साल तक दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी. इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को उम्मीद है कि शीला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी इसी तरह का करिश्मा दिखाएगी.
जेपी अग्रवाल भी रह चुके हैं प्रदेश अध्यक्ष
चांदनी चौक सीट से चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
अरविंदर सिंह लवली
पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रहे अरविंदर सिंह लवली भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. उनके कार्यकाल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की 70 सीट में से पार्टी के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी. यहां तक लवली भी चुनाव हार गए.
अजय माकन
नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं अजय माकन के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. उत्तर पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे राजेश लिलोठिया वर्तमान में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
महाबल मिश्रा की ईटीवी भारत से खास बातचीत
इस बारे में जब पश्चिमी दिल्ली सीट से प्रत्याशी महाबल मिश्रा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी आज रोड पर आ गए हैं. चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई और इस तरह हजारों की तादाद में लोगों से नौकरियां छीन ली गई. ये कितना उचित है? एक तरफ ऐसी सरकार है जो नौकरियां छीन रही है. जबकि बीजेपी सरकार नौकरियां देने के नाम पर सत्ता में आई थी.
महाबल कहते हैं कांग्रेस ने दिल्ली में बीजेपी के सातों सांसदों के मुकाबले अपने अनुभवी और जुझारू नेताओं को मैदान में उतारा है. ये जनता की नब्ज को समझते हैं और ये चुनाव नतीजे में पता चल जाएगा. दिल्ली की जनता 5 साल में ठगा महसूस कर रही है. जो उनसे वादे किए गए थे 15 लाख एकाउंट में आएगा, नौकरियां मिलेंगी, कुछ भी नहीं हुआ. अब जनता झांसे में नहीं आने वाली.
चुनाव मैदान में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को लेकर महाबल मिश्रा ने कहा कि वो मैदान में तो उतरे हैं, लेकिन अनुभवहीन है. उन्हें कोई जानता नहीं हैं. दिल्ली में पिछले 15 सालों में कांग्रेस ने जो विकास कार्य किया है वो पिछले 4 सालों में आम आदमी पार्टी ने नेस्तनाबूत कर दिया है. जो सरकार अपनी उपलब्धियां गिना रही है और फीता काट रही है, वो सब कांग्रेस सरकार की देन है.