नई दिल्ली: अपराधियों को पकड़ने एवं सड़क पर होने वाली वारदात को रोकने के लिए प्रत्येक थाने के क्षेत्र में पुलिस पिकेट लगाई जाती है. इस पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी होती है कि वहां से गुजरने वाले वाहनों की जांच करे. अगर किसी पर उन्हें शक होता है तो उसकी गाड़ी के दस्तावेजों की जांच करे. लेकिन कई पिकेट पर पुलिसकर्मी आराम करते हुए दिखते हैं. इसी तरह गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी होती है कि वह अलर्ट रहें. जिस क्षेत्र में वह गश्त कर रहे हैं, वहां पर कोई अपराध नहीं होना चाहिए. अगर कोई गलत गतिविधि में लिप्त है तो वहां उसको पकड़ना उनकी जिम्मेदारी होती है.
दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि थाने में जो पुलिसकर्मी सक्रिय भूमिका नहीं निभाते, ऐसे पुलिसकर्मियों को पिकेट ड्यूटी दी जाती है. कई बार पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मी ईमानदारी से वहां अपनी ड्यूटी करते हैं. वहीं ऐसा भी देखने में आता है कि कुछ पुलिसकर्मी पिकेट पर खड़े होकर मोबाइल इस्तेमाल कर रहे होते हैं. उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया है कि पिकेट ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के मोबाइल थाने में जमा कर लेने चाहिए. उन्हें केवल एक सरकारी मोबाइल देना चाहिए जिससे वो पिकेट पर टाइम पास न करें. अगर पूरी सक्रियता के साथ पिकेट पर पुलिसकर्मी ड्यूटी करेंगे तो अपराधी अवश्य पकड़ में आएंगे. इसके साथ ही अधिकारियों को पिकेट पर तैनात जवानों के लिए गर्मी, सर्दी और बारिश में उचित प्रबंध भी करना चाहिए ताकि वो ठीक से काम कर सकें.
रिपोर्ट कार्ड से बढ़ेगी जिम्मेदारी
पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि पुलिस कमिश्नर द्वारा इन पुलिसकर्मियों के रिपोर्ट कार्ड तैयार करवाने से उनकी जिम्मेदारी बढ़ेगी. ये पता चलेगा कि पिकेट जांच या गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों ने कितने बदमाश पकड़े हैं. कितनी गाड़ियों की उन्होंने जांच की है. कितनी चोरी की गाड़ियों या झपटमारों में पकड़ने में वो कामयाब रहे. अभी तक इनकी जवाबदेही नहीं होती थी, जिसकी वजह से वह सामान्य ड्यूटी कर लेते थे. लेकिन अब पुलिस कमिश्नर के आदेश पर जब उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा तो वो गंभीरता से बेहतर काम करेंगे.
स्पेशल स्टॉफ को भी महत्वपूर्ण टास्क
पुलिस कमिश्नर ने प्रत्येक जिले के स्पेशल स्टॉफ को भी सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं. जिले के महत्वपूर्ण अपराधों की जांच में अहम भूमिका निभाने के साथ उन्हें घोषित बदमाशों और जेल से हाल में छूटकर आये बदमाशों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि अभी के समय में अधिकांश जिलों के स्पेशल स्टॉफ निष्क्रिय हो रखे हैं. केवल स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच बदमाशों की धरपकड़ कर रही है. इसलिए स्पेशल स्टॉफ को अलर्ट रखकर अपराधियों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
दिल्ली में कुल थानों की संख्या- 180
दिल्ली में पुलिस के जिले- 15
दिल्ली में लगती है रोजाना पिकेट- 300 से ज्यादा
पुलिसकर्मियों की संख्या- 86000
थानों में पुलिसकर्मियों की संख्या- 35000
स्पेशल स्टॉफ की संख्या- 15