नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बुजुर्गों की मुफ्त तीर्थ यात्रा 15 जून से शुरू हो सकती है. दिल्ली सरकार ने पंजाब के लिए पहली तीर्थ यात्रा शुरू करने के लिए आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) से 15 जून के लिए ट्रेन की मांग की है.
दिल्ली सरकार ने पहली तीर्थ यात्रा अमृतसर के स्वर्ण मंदिर, बाघा बॉर्डर और आनंदपुर साहिब कराने का निर्णय लिया है.
पिछले साल किया था मुफ्त तीर्थ यात्रा का ऐलान
केजरीवाल सरकार ने पिछले साल ही बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा का ऐलान किया था. इसमें सिर्फ बुजुर्गों को ही एक अटेंडेंट के साथ तीर्थ यात्रा के लिए भेजा जाएगा. इन यात्राओं के लिए सभी 70 विधानसभाओं के बुजुर्गों को अपने-अपने विधायकों के जरिए आवेदन करने को कहा गया था.
1000 बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा
इन प्राप्त आवेदनों में से 1000 बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा के लिए भेजा जाएगा. पहली यात्रा के बाद दूसरी, तीसरी और अन्य रूटों के लिए जो बुजुर्गों ने आवेदन किया था. बाद में उन्हें भी भेजने पर विचार किया जाएगा. बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने के लिए जो रिलीजियस रूट बनाए गए हैं, वह पांच अलग-अलग राज्यों में है. इसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, यूपी, राजस्थान और हिमाचल शामिल है.
तीर्थ यात्रा की शुरुआत पंजाब से होगी. इस दौरान बुजुर्ग यात्रियों को पहले अमृतसर के गोल्डन टेंपल, बाघा बॉर्डर और आनंदपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन कराए जाएंगे. जैसे-जैसे एक-एक रूट के लिए कम से कम 1000 बुजुर्गों का आवेदन मिलेगा फिर जांच के बाद अगर वे फिट पाए जाते हैं तो उन्हें यात्रा पर भेजा जाएगा.
इन जगहों की होगी यात्रा
यह तीर्थ यात्रा 3 दिन और 2 रात तक की होगी. यात्रा के लिए जो रूट तय किए गए हैं, उनमें मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ, पुष्कर-अजमेर, अमृतसर-बाघा बॉर्डर-आनंदपुर साहिब और वैष्णो देवी शामिल हैं.
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना है नाम
सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना नाम दिया गया है. तीर्थ यात्रा योजना का लाभ उठाने के लिए आयु 60 साल या अधिक होना अनिवार्य है. हर बुजुर्ग के साथ एक 18 साल या उससे अधिक उम्र का एक सहायक तीर्थ यात्रा पर जा सकता है. सरकारी अधिकारी और एम्पलाइज तीर्थ यात्रा योजना में भाग नहीं ले सकते हैं.