नई दिल्ली: नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद से ताबड़तोड़ चालान काटे जा रहे हैं. अन्य राज्यों की तुलना में दिल्ली में ज्यादा गाड़ियां हैं, इसलिए ज्यादा परेशानी हो रही है. जब से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ है वाहन चालकों में खौफ ज्यादा है. दिल्ली सरकार भी फिलहाल इस संबंध में स्थिति समझने को लेकर स्पष्ट नहीं है.
वाहनों का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर ताबड़-तोड़ चालान काटने की खबरें आ रही हैं.
हालांकि सेंट्रल मोटर व्हीकल नियम के मुताबिक अगर आप ट्रैफिक पुलिस को मांगने पर फौरन ये सब सर्टिफिकेट नहीं दिखाते हैं तो ये जुर्म नहीं है, लेकिन चालान को लेकर जब अदालत में इन दस्तावेज को प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे तो निर्धारित जुर्माना देना पड़ सकता है. देश के अन्य महानगरों की कुल गाड़ियों की संख्या से अधिक दिल्ली में गाड़ियों की संख्या है, इसलिए परेशानी अधिक उत्पन्न हो गयी है.
नतीजा है कि जब से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ है वाहन चालकों में खौफ ज्यादा है. दिल्ली सरकार भी फिलहाल इस संबंध में स्थिति समझने को लेकर स्पष्ट नहीं है.
जुर्माने पर स्टडी कर रही है दिल्ली सरकार
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस द्वारा नए नियम के तहत काटे जा रहे चालान को लेकर कहा कि अभी दिल्ली सरकार इस पर स्टडी कर रही है.
देश के कुछ राज्यों ने जिस तरह अपने यहां नए नियम को लागू नहीं किया है, उनकी समझ के अनुसार ऐसा संभव नहीं है क्योंकि नया मोटर व्हीकल एक्ट पूरे देश में लागू होता है और केंद्र सरकार की दखल के बिना इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकता.
जिन राज्य सरकारों ने इनमें बदलाव किया है, अभी लागू नहीं किया है, उन्हें भी करना पड़ेगा. दिल्ली सरकार वाहन चालकों की समस्या को देखते हुए अभी वर्तमान स्थिति पर स्टडी कर रही है. उसके बाद कोई फैसला लेगी.
बता दें कि 1 सितंबर से लागू नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के बाद ट्रैफिक पुलिस ने नए एक्ट के तहत चालान काटने शुरू किए हैं. पुलिस के मुताबिक शराब पीकर गाड़ी चलाने, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात करने वालों, रेड लाइट जंप करने वालों, ओवर स्पीड चलने वालों, सीट बेल्ट ना पहनने वालों और नाबालिग ड्राइवरों पर खास नजर रखी जा रही है.