नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने का ऐलान किया, मगर अभी तक उस दिशा में कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं शुरू हुई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर एतराज जताते हुए मांग किया है कि केंद्र सरकार सिर्फ इस मुद्दे को अगर चुनावी स्टंट बनाना चाहती है तो यह गलत है. संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए जल्द से जल्द रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू कर देना चाहिए. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि रजिस्ट्री के लिए प्राप्त आवेदन के 3 दिन के भीतर संपत्ति मालिक को उसके रजिस्ट्री मिल जाए.
'आवास देने में डीडीए रहा विफल'
दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 5 सालों में दिल्ली सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास और उसको पक्का करने के लिए काफी कुछ किया है. देश की राजधानी दिल्ली में लोग रोजी रोटी के लिए आए और उन्हें आवास देने में डीडीए विफल रहा.
'5 साल में हुआ विकास'
नतीजा है कि अनाधिकृत कॉलोनियां विकसित हुई. केजरीवाल ने कहा 70 साल के इतिहास में इतना विकास कार्य कभी नहीं हुआ जितना 5 सालों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने किया है. उन्होंने वर्ष 2009 से 2014 के दौरान कच्ची कॉलोनियों में सड़क, सीवर, पानी, नाली आदि के विकास कार्य का जिक्र करते हुए कहा कि तब 1186 करोड़ रुपये खर्च हुए. जबकि वर्ष 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तब से लेकर आज तक 8147 करोड़ रुपये विकास कार्यों में खर्च हो चुके हैं.
'यह दिल्ली की जनता के साथ धोखा होगा'
सीएम केजरीवाल ने कहा कि भाजपा इसी से परेशान है और अब चुनाव से ठीक पहले उन्हें कच्ची कॉलोनी में रहने वाले लोगों की याद आ गई. यह पहला चुनाव होगा जो काम पर होगा. भाजपा कॉलोनी में वोट मांगने लायक नहीं बची है. इसीलिए चुनाव से पहले उसको कॉलोनियों की याद आई. कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले सिर्फ 100 लोगों को रजिस्ट्री मिलेगी. बाकी को बाद में. केजरीवाल ने कहा कि मेरी केंद्र सरकार से मांग है कि सभी लोगों को रजिस्ट्री दिया जाए. वरना चुनाव के बाद कहेंगे अगले चुनाव के समय लोगों को दिया जाएगा. इसका मतलब यही होगा कि यह फोटो खिंचवाने और चुनावी लाभ लेने के लिए भाजपा शासित केंद्र सरकार ने ऐसा किया है. यह दिल्ली की जनता के साथ धोखा होगा.
बता दें कि राजधानी में करीब 1797 अनाधिकृत कॉलोनियां है. कुछ समय पूर्व केंद्र सरकार इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई थी. उस समिति की रिपोर्ट के आधार पर कॉलोनियों में रहने वालों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिया जाएगा.