नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से 15 फरवरी से मार्च माह के बीच बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. इस परीक्षा में देश भर से लाखों की संख्या में छात्र शामिल होंगे. फिलहाल, दसवीं और बारहवीं क्लास के छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षाएं चल रही हैं. इसी बीच इन छात्रों के लिए सीबीएसई ने एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है. छात्र इस नोटिस को सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर देख सकते हैं.
दरअसल, छात्रों से उच्च शिक्षा और नौकरी के संबंध में उनके डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई करने को लेकर सीबीएसई से अनुरोध किया जा रहा था. इस पर सीबीएसई ने छात्रों के रिजल्ट्स जो डिजिटल मोड में हैं, उन्हें अपलोड कर दिया है. डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई करने के लिए बोर्ड ने पीकेआई आधारित क्यूआर कोड लगाया गया है. अब कोई भी संगठन ऑनलाइन मोड में पंजीकरण करने के बाद डॉक्यूमेंट्स की जांच कर सकते हैं.
साल 2001 से लेकर 2022 तक के डॉक्यूमेंटः सीबीएसई ने अपने नोटिस में कहा है कि दसवीं से बारहवीं क्लास के रिजल्ट डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं. सीबीएसई ने साल 2001 से लेकर 2022 तक के दौरान दसवीं और बारहवीं क्लास के परिणाम के डाटा को अपलोड किया है. सीबीएसई ने कहा है कि उनके पास उच्च शिक्षा और नौकरी के संबंध में छात्रों के डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन को लेकर संस्थानों की ओर से अनुरोध किया जा रहा था. इसे देखते हुए बोर्ड ने डिजिटल रूप में दस्तावेज अपलोड कर दिए हैं.
ये भी पढ़ेंः स्कूलों के क्लासरूम में सीसीटीवी लगाने का SOP दाखिल करे दिल्ली सरकार: हाईकोर्ट
सीबीएसई को अनुरोध न भेजेः सीबीएसई ने अपने नोटिस में कहा है कि हर साल लगभग 35 लाख छात्र बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होते हैं. इसलिए कई संस्थान और संगठन सीबीएसई से अनुरोध कर रहे हैं कि इन छात्रों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को सत्यापित किया जाए. सीबीएसई के 16 क्षेत्रीय कार्यालय हैं और छात्रों का रिकॉर्ड उनके द्वारा बनाए रखा जाता है. कई संगठन सत्यापन के लिए सीबीएसई को अनुरोध भेज रहे हैं और इस प्रकार, सत्यापन के कार्य में देरी हो रही है. चूंकि सीबीएसई ने डिजिटल शैक्षणिक दस्तावेजों का एक ऑनलाइन भंडार विकसित किया है, इसलिए सभी संगठनों से अनुरोध है कि वे सीबीएसई को अनुरोध न भेजें. वे ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं और उसके बाद सत्यापन करवा सकते हैं.