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CBSE: मूल्यांकन के दौरान छुट्टी लेने पर शिक्षकों को देना होगा जुर्माना

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों की ओर से अवकाश मांगे जाने पर सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह का अवकाश शिक्षकों को नहीं दिया जाएगा.

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Published : Mar 16, 2020, 11:15 AM IST

नई दिल्ली: इन दिनों देशभर में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं. वहीं साथ ही शिक्षकों की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में ड्यूटी भी लगाई जा चुकी है.

सीबीएसई ने दिए निर्देश

वहीं, सीबीएसई के संज्ञान में आया है कि कई शिक्षक इस दौरान अवकाश की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर सीबीएसई ने सख्त रूख दिखाते हुए बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशकों और अधिकारियों को एक निर्देश जारी किया है.

जिसमें कहा है कि उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के दौरान यदि बिना अनुमति कोई शिक्षक अवकाश लेता है. तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान शिक्षक नहीं ले सकेंगे अवकाश

उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का कार्य समय रहते पूरा हो जाए. इसको लेकर सीबीएसई पूरी तरह से सजग है. वहीं इसी कड़ी में उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों की ओर से अवकाश मांगे जाने पर सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह का अवकाश शिक्षकों को नहीं दिया जाएगा.

वहीं यदि किसी शिक्षक का स्वास्थ्य खराब होता है, तो उसे सरकारी अस्पताल की ओर से जारी किए गए स्वास्थ्य जांच प्रमाण पत्र दिखाने होंगे. उसके बाद ही उसे अवकाश दिया जा सकेगा.

इसके अलावा यदि किसी पारिवारिक कारणों जैसे शादी, मृत्यु या कोई अन्य वजह से किसी शिक्षक को अवकाश चाहिए, तो उसके लिए भी जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे. साथ ही कहा है कि अगर शिक्षक बिना अनुमति अवकाश लेते हैं, तो बोर्ड के दिशा निर्देश के उल्लंघन के आरोप में उनपर जुर्माना लगाया जाएगा.


दिशा निर्देश ना मानने पर 50 हजार का जुर्माना

वहीं सीबीएसई के सख्त निर्देश हैं कि यदि कोई शिक्षक इस्तीफा देता है या स्कूल छोड़ देता है. ऐसे में प्रिंसिपल को उसी स्कूल के किसी अन्य समकक्ष शिक्षक का नाम और विषय जानकारी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में भेजनी होगी.

जिसका सत्यापन करने और स्वीकार लेने के बाद ही पूर्व शिक्षक को कार्यमुक्त किया जा सकेगा. सीबीएसई ने कहा है कि अगर मूल्यांकन प्रक्रिया में गया कोई भी शिक्षक बोर्ड के दिशा निर्देशों को नहीं मानता है, तो उससे संबंधित स्कूल पर 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा.

साथ ही यदि इस्तीफा दिए गए शिक्षक की जगह पर प्रिंसिपल की ओर से कोई अन्य शिक्षक मूल्यांकन के लिए उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो प्रिंसिपल पर भी व्यक्तिगत रूप से 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा.

सीबीएसई का कहना है कि परीक्षा परिणाम समय से घोषित किए जा सकें. इसके लिए जरूरी है कि उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन प्रक्रिया भी निर्धारित समय के अंदर पूरी कर ली जाए. इसलिए इसमें किसी भी तरह की देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि सीबीएसई की 15 फरवरी से देश और विदेश में बोर्ड की परीक्षा जारी है.

नई दिल्ली: इन दिनों देशभर में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं. वहीं साथ ही शिक्षकों की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में ड्यूटी भी लगाई जा चुकी है.

सीबीएसई ने दिए निर्देश

वहीं, सीबीएसई के संज्ञान में आया है कि कई शिक्षक इस दौरान अवकाश की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर सीबीएसई ने सख्त रूख दिखाते हुए बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशकों और अधिकारियों को एक निर्देश जारी किया है.

जिसमें कहा है कि उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के दौरान यदि बिना अनुमति कोई शिक्षक अवकाश लेता है. तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान शिक्षक नहीं ले सकेंगे अवकाश

उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का कार्य समय रहते पूरा हो जाए. इसको लेकर सीबीएसई पूरी तरह से सजग है. वहीं इसी कड़ी में उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों की ओर से अवकाश मांगे जाने पर सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह का अवकाश शिक्षकों को नहीं दिया जाएगा.

वहीं यदि किसी शिक्षक का स्वास्थ्य खराब होता है, तो उसे सरकारी अस्पताल की ओर से जारी किए गए स्वास्थ्य जांच प्रमाण पत्र दिखाने होंगे. उसके बाद ही उसे अवकाश दिया जा सकेगा.

इसके अलावा यदि किसी पारिवारिक कारणों जैसे शादी, मृत्यु या कोई अन्य वजह से किसी शिक्षक को अवकाश चाहिए, तो उसके लिए भी जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे. साथ ही कहा है कि अगर शिक्षक बिना अनुमति अवकाश लेते हैं, तो बोर्ड के दिशा निर्देश के उल्लंघन के आरोप में उनपर जुर्माना लगाया जाएगा.


दिशा निर्देश ना मानने पर 50 हजार का जुर्माना

वहीं सीबीएसई के सख्त निर्देश हैं कि यदि कोई शिक्षक इस्तीफा देता है या स्कूल छोड़ देता है. ऐसे में प्रिंसिपल को उसी स्कूल के किसी अन्य समकक्ष शिक्षक का नाम और विषय जानकारी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में भेजनी होगी.

जिसका सत्यापन करने और स्वीकार लेने के बाद ही पूर्व शिक्षक को कार्यमुक्त किया जा सकेगा. सीबीएसई ने कहा है कि अगर मूल्यांकन प्रक्रिया में गया कोई भी शिक्षक बोर्ड के दिशा निर्देशों को नहीं मानता है, तो उससे संबंधित स्कूल पर 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा.

साथ ही यदि इस्तीफा दिए गए शिक्षक की जगह पर प्रिंसिपल की ओर से कोई अन्य शिक्षक मूल्यांकन के लिए उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो प्रिंसिपल पर भी व्यक्तिगत रूप से 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा.

सीबीएसई का कहना है कि परीक्षा परिणाम समय से घोषित किए जा सकें. इसके लिए जरूरी है कि उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन प्रक्रिया भी निर्धारित समय के अंदर पूरी कर ली जाए. इसलिए इसमें किसी भी तरह की देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि सीबीएसई की 15 फरवरी से देश और विदेश में बोर्ड की परीक्षा जारी है.

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