नई दिल्ली: राजधानी में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच एमसीडी चुनाव को लेकर माहौल गर्म है. इस बीच मंगलवार को दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में सिख प्रकोष्ठ की ओर से 1984 दंगा पीड़ितों को लेकर प्रदेश भाजपा कार्यालय से गुरुद्वारा रकाबगंज तक कैंडल मार्च निकाला (candle march in memory of 1984 riot victims) गया. कैंडल मार्च के दौरान 1984 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के विरोध में नारे भी लगाए गए. वहीं मार्च में बड़ी संख्या में दंगा पीड़ितों के परिजन भी शामिल हुए.
इस दौरान आदेश गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 1984 दंगा पीड़ितों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं और उन्हें न्याय दिलाने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा पहली बार 1984 के दंगा पीड़ितों के लिए पुर्नवास पैकेज की घोषण की गई है. घोषित पैकेज में मृतकों के आश्रितों के लिए साढ़े तीन लाख रुपये और घायलों के लिए सवा लाख रुपये की घोषणा की गई है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राज्य सरकारों द्वारा विधवाओं और बुजुर्ग परिजनों को ढाई हजार रुपये मासिक पेंसन देने का भी प्रावधान किया गया. पेंशन पर आने वाला खर्च राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाएगा.
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आदेश गुप्ता ने आगे बताया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों को राहत देने के लिए 2021-22 के केंद्रीय बजट में 4.5 करोड़ रुपये का भी प्रावधान किया गया है. यह भुगतान केंद्र और राज्य सरकार मिल कर करेंगे. लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा आज तक 1984 सिख दंगा पीड़ितों को किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी गई और ना ही मुख्यमंत्री ने अपने वायदों को निभाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा, 1984 के दंगा पीड़ितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हुई है. कैंडल मार्च में राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आर पी सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर के साथ दिल्ली बीजेपी की सिख प्रकोष्ठ के अन्य कई नेता भी मौजूद रहे.
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