ETV Bharat / state

दिल्ली का नाम बदल जाएगा! विजय गोयल बोले- गलत को सही करना है, CM केजरीवाल ने कही ये बात

दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने बुधवार को संसद में दिल्ली के अंग्रेजी नाम की स्पेलिंग बदलने की मांग करके एक नई बहस को जन्म दे दिया है. सीएम केजरीवाल ने इसको लेकर कहा है कि नाम बदलने से दिल्ली का विकास नहीं होगा.

author img

By

Published : Jul 25, 2019, 5:57 PM IST

Updated : Jul 25, 2019, 6:07 PM IST

दिल्ली etv bharat

नई दिल्ली: संसद में विजय गोयल ने डेल्ही (DELHI) का नाम बदलकर दिल्ली (DILLI) करने की मांग की है. इस पर कुछ सांसदों ने ऐतराज किया. उनकी तरफ से कहा गया कि नाम बदलने से काफी खर्च होगा. तब विजय गोयल ने कहा कि इसका मतलब है जो गलत है, उसे गलत ही रहने दें ?

सांसद विजय गोयल

कई शहरों राज्यों के नाम बदले गए हैं और दिल्ली जिसे गलत नाम से पुकारा जाता है इसे क्यों नहीं बदला जाए. विजय गोयल ने फिर दोहराया कि किस महत्व के कारण राजधानी का नाम दिल्ली पड़ा, वह तो निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता.

'लोग दिल्ली के नाम से हैं भ्रमित'
लोकप्रिय धारणाएं बताती हैं कि दिल्ली का नाम मौर्य राजवंश के शासक राजा दिल्लू से मिला है. जिन्होंने पहली शताब्दी ईसा पूर्व में शहर का नाम खुद के नाम पर रख दिया था. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि दिल्ली का नाम दहलीज शब्द से मिला, क्योंकि दिल्ली को एक तरह से सिंधु, गंगा के मैदानों में के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है.

गोयल ने कहा कि राजधानी के नाम में शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की झलक होनी चाहिए और डेल्ही शब्द में ऐसा कुछ भी नहीं है. कई लोग वैसे भी दिल्ली के नाम को लेकर भ्रमित हैं, क्योंकि कुछ लोग इसे डेल्ही कहते हैं तो कुछ दिल्ली कहते हैं.

पहले भी उठी है स्पेलिंग बदलने की मांग
बता दें कि संसद में बजट सत्र के दौरान बुधवार को प्रश्नकाल में विजय गोयल ने मांग की कि डेल्ही (Delhi) शब्द की स्पेलिंग बदलकर उसे दिल्ली (Dilli) कर दिया जाए. प्रश्न संख्या 335 के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि इस तरह के किसी भी प्रस्ताव के प्राप्त होने पर उनका मंत्रालय संबंधित विभाग को भेज देगा और इन विभागों से मिली जानकारी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि राजधानी का नाम इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर रखे जाने की मांग पहले भी उठाई जा चुकी है. किंतु तब तक कम से कम राजधानी का नाम तो सुधार लिया जाए. गोयल ने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक विरासत को प्रतिबिंबित करने के लिए किसी शहर या स्थान का नाम बदला गया है.

स्वतंत्रता के बाद कई नामचीन शहरों के नामों को कानून पास कर बदला गया है. जैसे कोचीन का नाम बदलकर कोच्चि रखा गया. गोहाटी का नाम बदलकर गुवाहाटी रखा गया. बॉम्बे को मुंबई में बदल दिया गया. इंदूर, इंदौर में परिवर्तित हुआ. पुने को पुणे में बदला गया. बनारस वाराणसी बन गया.

cm's tweer
सीएम ने किया ट्वीट

'नाम बदलने से विकास नहीं होगा'

इसको लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विजय गोयल पर पलटवार किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ' हमें दिल्ली का नाम नहीं, दिल्ली वालों की ज़िंदगी बदलनी है. उनकी ज़िंदगी बेहतर बनानी है. लोगों का विकास दिल्ली का नाम बदलने से कैसे होगा? लोगों की ज़िंदगी में ख़ुशहाली तब आएगी जब हम उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा, उनको अच्छा इलाज, उनके लिए अच्छी सड़क, बिजली, पानी का इंतज़ाम करेंगे.'

नई दिल्ली: संसद में विजय गोयल ने डेल्ही (DELHI) का नाम बदलकर दिल्ली (DILLI) करने की मांग की है. इस पर कुछ सांसदों ने ऐतराज किया. उनकी तरफ से कहा गया कि नाम बदलने से काफी खर्च होगा. तब विजय गोयल ने कहा कि इसका मतलब है जो गलत है, उसे गलत ही रहने दें ?

सांसद विजय गोयल

कई शहरों राज्यों के नाम बदले गए हैं और दिल्ली जिसे गलत नाम से पुकारा जाता है इसे क्यों नहीं बदला जाए. विजय गोयल ने फिर दोहराया कि किस महत्व के कारण राजधानी का नाम दिल्ली पड़ा, वह तो निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता.

'लोग दिल्ली के नाम से हैं भ्रमित'
लोकप्रिय धारणाएं बताती हैं कि दिल्ली का नाम मौर्य राजवंश के शासक राजा दिल्लू से मिला है. जिन्होंने पहली शताब्दी ईसा पूर्व में शहर का नाम खुद के नाम पर रख दिया था. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि दिल्ली का नाम दहलीज शब्द से मिला, क्योंकि दिल्ली को एक तरह से सिंधु, गंगा के मैदानों में के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है.

गोयल ने कहा कि राजधानी के नाम में शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की झलक होनी चाहिए और डेल्ही शब्द में ऐसा कुछ भी नहीं है. कई लोग वैसे भी दिल्ली के नाम को लेकर भ्रमित हैं, क्योंकि कुछ लोग इसे डेल्ही कहते हैं तो कुछ दिल्ली कहते हैं.

पहले भी उठी है स्पेलिंग बदलने की मांग
बता दें कि संसद में बजट सत्र के दौरान बुधवार को प्रश्नकाल में विजय गोयल ने मांग की कि डेल्ही (Delhi) शब्द की स्पेलिंग बदलकर उसे दिल्ली (Dilli) कर दिया जाए. प्रश्न संख्या 335 के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि इस तरह के किसी भी प्रस्ताव के प्राप्त होने पर उनका मंत्रालय संबंधित विभाग को भेज देगा और इन विभागों से मिली जानकारी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि राजधानी का नाम इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर रखे जाने की मांग पहले भी उठाई जा चुकी है. किंतु तब तक कम से कम राजधानी का नाम तो सुधार लिया जाए. गोयल ने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक विरासत को प्रतिबिंबित करने के लिए किसी शहर या स्थान का नाम बदला गया है.

स्वतंत्रता के बाद कई नामचीन शहरों के नामों को कानून पास कर बदला गया है. जैसे कोचीन का नाम बदलकर कोच्चि रखा गया. गोहाटी का नाम बदलकर गुवाहाटी रखा गया. बॉम्बे को मुंबई में बदल दिया गया. इंदूर, इंदौर में परिवर्तित हुआ. पुने को पुणे में बदला गया. बनारस वाराणसी बन गया.

cm's tweer
सीएम ने किया ट्वीट

'नाम बदलने से विकास नहीं होगा'

इसको लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विजय गोयल पर पलटवार किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ' हमें दिल्ली का नाम नहीं, दिल्ली वालों की ज़िंदगी बदलनी है. उनकी ज़िंदगी बेहतर बनानी है. लोगों का विकास दिल्ली का नाम बदलने से कैसे होगा? लोगों की ज़िंदगी में ख़ुशहाली तब आएगी जब हम उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा, उनको अच्छा इलाज, उनके लिए अच्छी सड़क, बिजली, पानी का इंतज़ाम करेंगे.'

Intro:नई दिल्ली. संसद के चल रहे बजट सत्र के दौरान अचानक बुधवार को राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने डेल्ही (Delhi) का नाम बदलकर दिल्ली (dilli) करने की मांग की और इस पर जब कुछ सांसदों ने एतराज किया कि नाम बदलने से काफी खर्च होगा? तब विजय गोयल ने कहा कि इसका मतलब जो गलत है, क्या उसे गलत रहने दें?




Body:कई शहरों राज्यों के नाम बदले गए हैं और दिल्ली जिसे गलत नाम से पुकारा जाता है इसे क्यों नहीं बदला जाए. विजय गोयल ने फिर दोहराया कि किस महत्व के कारण राजधानी का नाम दिल्ली पड़ा, वह तो निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता. लेकिन लोकप्रिय धारणाएं बताती हैं कि दिल्ली का नाम मौर्य राजवंश के शासक राजा दिल्लू से मिला है. जिन्होंने पहली शताब्दी ईसा पूर्व में शहर का नाम खुद के नाम पर रख दिया था.

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि दिल्ली का नाम दहलीज शब्द से मिला. क्योंकि दिल्ली को एक तरह से सिंधु, गंगा के मैदानों में के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है. गोयल ने कहा कि राजधानी के नाम में शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की झलक होनी चाहिए और डेल्ही शब्द में ऐसा कुछ भी नहीं है. कई लोग वैसे भी दिल्ली के नाम को लेकर भ्रमित हैं. क्योंकि कुछ लोग इसे डेल्ही कहते हैं तो कुछ दिल्ली कहते हैं.




Conclusion:बता दें कि संसद में बजट सत्र के दौरान बुधवार को प्रश्नकाल में विजय गोयल ने मांग की कि डेल्ही (Delhi) शब्द की स्पेलिंग बदलकर उसे दिल्ली (Dilli) कर दिया जाए. प्रश्न संख्या 335 के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि इस तरह के किसी भी प्रस्ताव के प्राप्त होने पर उनका मंत्रालय संबंधित विभाग को भेज देगा और इन विभागों से मिली जानकारी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

उन्होंने कहा था कि राजधानी का नाम इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर रखे जाने की मांग पहले भी उठाई जा चुकी है. लेकिन इस समय वह नहीं कह रहे हैं कि ऐसा हो. किंतु तब तक कम से कम राजधानी का नाम तो सुधार लिया जाए. गोयल ने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक विरासत को प्रतिबिंबित करने के लिए किसी शहर या स्थान का नाम बदला गया है.

स्वतंत्रता के बाद कई नामचीन शहरों के नामों को कानून पास कर बदला गया है. जैसे कोचीन का नाम बदलकर कोच्चि रखा गया. गोहाटी का नाम बदलकर गुवाहाटी रखा गया. बॉम्बे को मुंबई में बदल दिया गया. इंदूर को इंदौर परिवर्तित हुआ. पुने को पुणे में बदल गया.बनारस वाराणसी बन गया.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Jul 25, 2019, 6:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.