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इमामों का वेतन बढ़ाकर समुदाय विशेष को लुभाने की कोशिश में हैं केजरीवाल- विजेंद्र गुप्ता

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Published : Apr 30, 2019, 5:33 PM IST

Updated : Apr 30, 2019, 7:07 PM IST

बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है, इस बीच जिस तरह दिल्ली सरकार के निर्देश पर वक्फ बोर्ड ने इमामों के वेतन में बढ़ोतरी कर चेक बांटे, वो गलत है.

विशेष समुदाय को लुभाने की कोशिश में केजरीवाल

नई दिल्ली: चुनाव से ठीक पहले दिल्ली वक्फ बोर्ड के मस्जिदों के इमामों को वेतन बढ़ाकर देना केजरीवाल सरकार को भारी पड़ सकता है. बीजेपी इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने की तैयारी में है.

27 अप्रैल को दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली के सभी इमामों और मोइज्जानों को बढ़ा हुआ वेतन देने का ऐलान किया था. साथ ही कुछ को उसी दिन वेतन का चेक भी जारी कर दिया था. इमाम को 18 हजार और मोइज्जान को 16 हजार रुपये देने का फैसला लिया गया था.

विशेष समुदाय को लुभाने की कोशिश में केजरीवाल

विशेष समुदाय को लुभाने की कोशिश में केजरीवाल
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है, इस बीच जिस तरह दिल्ली सरकार के निर्देश पर वक्फ बोर्ड ने इमामों के वेतन में बढ़ोतरी कर चेक बांटे, वो गलत है. साफ तौर पर देखा जा सकता है कि केजरीवाल सरकार एक समुदाय विशेष को लुभाने की कोशिश कर रही है.

बोर्ड के नियमों की उड़ाई धज्जियां
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आप पार्टी को चुनावों में मतों का फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और विधायक अमानतुल्लाह खान ने बोर्ड के अधिनियमों की धज्जियां उड़ा दी. उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर लागू आचार संहिता से ठीक कुछ घंटे पहले 8 अप्रैल को वक्फ बोर्ड अधिनियम का उल्लंघन करते हुए लिपिकों, जूनियर इंजीनियरों, पटवारी, अकाउंटेंट, लीगल असिस्टेंट जैसे पदों पर कुल 33 कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई.

इनमें से 24 बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान के विधानसभा क्षेत्र से हैं. इन सभी की नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद की बू आती है. इसके लिए न तो विज्ञापन निकाले गए, न योग्यता देखी गई. मनमाफिक तरीके से जिसे चाहा उसे रख लिया गया.

नई दिल्ली: चुनाव से ठीक पहले दिल्ली वक्फ बोर्ड के मस्जिदों के इमामों को वेतन बढ़ाकर देना केजरीवाल सरकार को भारी पड़ सकता है. बीजेपी इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने की तैयारी में है.

27 अप्रैल को दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली के सभी इमामों और मोइज्जानों को बढ़ा हुआ वेतन देने का ऐलान किया था. साथ ही कुछ को उसी दिन वेतन का चेक भी जारी कर दिया था. इमाम को 18 हजार और मोइज्जान को 16 हजार रुपये देने का फैसला लिया गया था.

विशेष समुदाय को लुभाने की कोशिश में केजरीवाल

विशेष समुदाय को लुभाने की कोशिश में केजरीवाल
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है, इस बीच जिस तरह दिल्ली सरकार के निर्देश पर वक्फ बोर्ड ने इमामों के वेतन में बढ़ोतरी कर चेक बांटे, वो गलत है. साफ तौर पर देखा जा सकता है कि केजरीवाल सरकार एक समुदाय विशेष को लुभाने की कोशिश कर रही है.

बोर्ड के नियमों की उड़ाई धज्जियां
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आप पार्टी को चुनावों में मतों का फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और विधायक अमानतुल्लाह खान ने बोर्ड के अधिनियमों की धज्जियां उड़ा दी. उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर लागू आचार संहिता से ठीक कुछ घंटे पहले 8 अप्रैल को वक्फ बोर्ड अधिनियम का उल्लंघन करते हुए लिपिकों, जूनियर इंजीनियरों, पटवारी, अकाउंटेंट, लीगल असिस्टेंट जैसे पदों पर कुल 33 कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई.

इनमें से 24 बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान के विधानसभा क्षेत्र से हैं. इन सभी की नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद की बू आती है. इसके लिए न तो विज्ञापन निकाले गए, न योग्यता देखी गई. मनमाफिक तरीके से जिसे चाहा उसे रख लिया गया.

Intro:नई दिल्ली. चुनाव से ठीक पहले दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा मस्जिद के इमामों को वेतन बढ़ाकर देना आम आदमी पार्टी सरकार को भारी पड़ सकता है. भाजपा इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने की तैयारी में है.


Body:बीते 27 अप्रैल को दिल्ली वक्फ बोर्ड के चैयरमैन अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली के सभी इमामों और मोइज्जानों को बढ़ा हुआ वेतन बीते फरवरी और मार्च महीने से देने का ऐलान किया और कुछ को उसी दिन वेतन का चेक भी जारी किया. इमाम को 18 हज़ार और मोइज्जन को 16 हज़ार रुपये देने का फैसला लिया गया.

भाजपा विधायक व नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है, इस बीच जिस तरह दिल्ली सरकार के निर्देश पर वक्फ बोर्ड ने इमामों के वेतन में बढ़ोतरी कर चैक बांट दिए यह गलत है. अरविंद केजरीवाल शासित दिल्ली सरकार की एक समुदाय विशेष को लुभाने की कोशिश है. इसके खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी को चुनावों में मतों का फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड के चैयरमैन व आप विधायक अमानतुल्लाह खान बोर्ड के अधिनियमों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर लागू आचार संहिता से ठीक कुछ घंटे पहले 8 अप्रैल को वक्फ बोर्ड अधिनियम का उल्लंघन करते हुए लिपिकों, जूनियर इंजीनियर, पटवारी, अकाउंटेंट, लीगल असिस्टेंट जैसे पदों पर कुल 33 कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई. इनमें से 24 बोर्ड के चैयरमैन अमानतुल्लाह खान के विधानसभा इलाके ओखला से हैं. इन सभी नियुक्ति में भाई भतीजावाद की बू आती है. न तो विज्ञापन निकले गए, न योग्यता देखी गयी. मनमाफिक तरीके से जिसे चाहा उसे रख लिया.


Conclusion:चुनाव से पहले इमामों को बढ़ा हुआ वेतन और बोर्ड द्वारा की गई नियुक्तियों से समुदाय विशेष का रुझान आम आदमी पार्टी के प्रति कितना होगा यह 23 मई को मतगणना वाले दिन ही सामने आएगा. लेकिन भाजपा इसकी शिकायत जिस तरह चुनाव आयोग से करने जा रही है, आम आदमी पार्टी के लिए यह नई मुसीबत खड़ी हो सकती है.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Apr 30, 2019, 7:07 PM IST
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