नई दिल्ली: होली के त्योहार के अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू धर्म में भाई दूज के त्यौहार का विशेष महत्व है. इस साल 9 मार्च (गुरुवार) को भाई दूज का पावन पर्व मनाया जाएगा. साल में दो बार भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. पहला होली के बाद और दूसरा दीवाली के बाद. भाई दूज के दिन बहन भाई की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ के लिए प्रार्थना कर तिलक लगाती है और रक्षा का सूत्र बांधती है. चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भाई दूज का पावन पर्व मनाया जाता है.
भाई दूज का शुभ मुहूर्त: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि से यानी 8 मार्च (बुधवार) से 7:42 PM से भाई दूज आरंभ है, जबकि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि 9 मार्च (गुरुवार) 8:54 PM पर इसका समापन होगा.
भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त: भाई को तिलक और रक्षासूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त 9 मार्च (गुरुवार) 12:31 PM से 02.00 PM तक है. इसके अलावा 9 मार्च (गुरुवार) 11: 55 AM से 12:42 PM तक अभिजीत मुहूर्त है.
भाई दूज पर तिलक करने की विधि : होली के अगले दिन भाई दूज पर बहनें सुबह सवेरे उठकर आरती की थाली तैयार करें. आरती की थाली में रोली, दीपक , अक्षत मिठाई, सुपारी और सूखा गोला आदि रखें.
भाई दूज के दिन भाई को भोजन के लिए आमंत्रित करें: सबसे पहले भगवान गणेश और भगवान विष्णु को तिलक करें. भाई को लकड़ी के पाट पर बैठाएं. ध्यान रखें कि भाई का मुख उत्तर पश्चिम दिशा की ओर हो. इसके बाद भाई को कुमकुम का टीका लगाएं और फिर टीके पर चावल लगाएं. भाई की सीधे हाथ की कलाई पर कलावा बांधें और मिठाई खिलाएं.
भगवान से भाई की लंबी उम्र और अच्छी स्वास्थ्य की कामना करें: भाई दूज के दिन भाई द्वारा बहन को उपहार देना अच्छा माना गया है. बहन के घर से विदा होते वक्त उपहार भेंट करें. इस दिन भाई बहन को उपहार भेंट करते हैं. बहनें अपने हाथों से बना हुआ भोजन खिलाकर ही भाई को विदा करें.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें.
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