नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन के कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. इसकी वजह से वह अपराध भी कम हो गया है जो बीते 12 वर्षों में पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद कम नहीं हो सके थे. पिछले 12 साल में पहली बार वाहन चोरी की वारदातों में कमी देखने को मिल रही है. लॉकडाउन के बाद से इसमें लगभग 80 फीसदी की कमी देखने को मिल रही है.
जानकारी के अनुसार दिल्ली में वाहन चोरी की वारदातों को रोकने में लंबे समय से पुलिस असफल रही है. राजधानी में रोजाना 50 से ज्यादा वाहन चोर गैंग वारदात को अंजाम देते हैं. जनता अपनी गाड़ियों को सुरक्षित करने के लिए कई उपाय अपनाती रही है. वहीं वाहन चोर इन उपायों का तोड़ निकालकर लगातार वाहन चोरी करते रहे हैं. इसके लिए वह लगातार नई तकनीक अपनाते हैं और बेहद सुरक्षित गाड़ियों को भी चुरा लेते हैं. यही वजह है कि अब तक वाहन चोरी के आंकड़ों में पिछले 12 वर्षों में कमी देखने को नहीं मिली है.
लॉकडाउन से 80 फीसदी की कमी आई
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा के अनुसार लॉकडाउन के बाद से राजधानी में होने वाले अधिकांश अपराधों में कमी देखने को मिल रही है. इस क्रम में वाहन चोरी की वारदातों में भी लगभग 80 फीसदी की कमी आई है. पहले जहां एक दिन में लगभग 250 गाड़ियां राजधानी में चोरी हो रही थीं तो वहीं लॉकडाउन के बाद से यह संख्या घटकर लगभग 30 रह गई है. हालांकि, वाहन चोरी की इन घटनाओं से भी पुलिस अभी भी चिंतित है. इन्हें रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
लॉकडाउन में पुलिस ज्यादा सक्रिय
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि लॉकडाउन में सड़कों पर जगह-जगह पिकेट पर पुलिस तैनात है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी अपने अपने क्षेत्र में लगातार गश्त कर रहे हैं. इसके चलते भी अपराधी बाहर नहीं निकल रहे हैं. वाहन चोरी सहित अन्य वारदातों में कमी आने का एक बड़ा कारण सड़क पर पुलिस की बड़ी संख्या में मौजूदगी है. अभी भी कुछ वारदातें हो रही हैं जिन्हें रोकने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है.
- वर्ष 2019 में वाहनचोरी- 1831
- वर्ष 2020 में वाहनचोरी- 344 (आंकड़े 1 से 15 अप्रैल तक)