नई दिल्ली: अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली के छात्रों ने कश्मीर में शांति बहाल करने और 49 हस्तियों के खिलाफ एफआईआर करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री की ओर से नागरिकों से उनके स्वतंत्रता के अधिकार छीनने का विरोध किया है और कहा है कि देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उसकी भावनाएं प्रकट करने का अधिकार है.
शांति बहाल कर स्थिति सामान्य की जानी चाहिए
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद 70 दिन से अधिक बीत जाने पर भी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है. इसको लेकर अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली के छात्रों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा जब कश्मीर को अपने ही राज्य का दर्जा दे दिया गया है, तो वहां शांति बहाल कर स्थिति सामान्य की जानी चाहिए. जिससे नागरिकों को अपनी नागरिकता का अधिकार मिल सके और वो सुख चैन से अपना गुजर बसर कर सकें.
49 हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का मुद्दा
वहीं 49 हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का मुद्दा भी अंबेडकर विद्यालय दिल्ली के छात्रों ने उठाया है. उन्होंने प्रधानमंत्री से यह सवाल पूछे कि क्या देश में अपनी बात कहना कोई अपराध है. बता दें कि पिछले दिनों में मॉबलीचिंग को लेकर 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. जिसके चलते उन पर एफआईआर दर्ज कर दी गई थी.
'जम्मू कश्मीर में फिर से खुशहाली बहाल की जाए'
वहीं अन्य छात्रों ने पत्र के जरिए प्रधानमंत्री की कर्तव्य निष्ठा के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की और कहा कि यदि कोई नागरिक समाज में व्याप्त किसी बुराई के प्रति प्रधानमंत्री को अवगत कराता है, तो किस आधार पर उसे देशद्रोही मानकर उसके खिलाफ एफआइआर कर दी जाती है. इन पत्रों के जरिए छात्रों ने प्रधानमंत्री से इस एफआईआर को वापस लेने की मांग की है. साथ ही कहा है कि जम्मू कश्मीर में फिर से खुशहाली बहाल की जाए.
जेएनयू एनएसयूआई के छात्रों ने भी लिखा था पत्र
बता दें कि इन 49 हस्तियों के खिलाफ एफआइआर होने को लेकर जेएनयू से एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से ये फैसला वापस लेने की मांग की थी. कहा था कि मॉबलीचिंग जैसी गंभीर समस्या से यदि इन हस्तियों ने प्रशासन को अवगत कराया, तो ये उनका अधिकार था ना, कि देशद्रोह.