नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने वक्फ बोर्ड में भर्ती में हुई गड़बड़ी के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को सीबीआई के मालखाने में पड़े दस्तावेजों और गवाहों के बयानों को देखने की अनुमति दे दी गई. स्पेशल जज एमके नागपाल ने ये आदेश दिया. कोर्ट ने अमानतुल्लाह समेत 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर 20 दिसंबर को सुनवाई करेगी.
तीन दिन के अंदर परीक्षण: कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान और दूसरे आरोपी महबूब आलम के वकीलों को निर्देश दिया कि वे तीन दिनों के अंदर इस मामले के जांच अधिकारी से दस्तावेजों और गवाहों के बयान का परीक्षण करने का आग्रह करें. कोर्ट ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वो ऐसा आग्रह प्राप्त होने पर आरोपियों या उनके वकीलों को दस्तावेजों और गवाहों के बयान का परीक्षण कराएं. मामले में कोर्ट ने 1 मार्च को सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी. 3 नवंबर 2022 को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.
कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान के अलावा जिन आरोपियों को जमानत दी थी. उनमें दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ महबूब आलम, हामिद अख्तर, किफायतुल्लाह खान, रफीऊशान खान, इमरान अली, मोहम्मद अबरार, आकिब जावेद, अजहर खान, जाकिर खान और अब्दुल मन्नर शामिल हैं. कोर्ट ने इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2), 13((1)(डी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था.
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पद का दुरुपयोग का मामलाा: मामले में 23 नवंबर, 2016 को एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गई. चार्जशीट में कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.
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