नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में परिवहन व्यवस्था की निगरानी के लिए इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस) तैयार होगा. इसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) कैमरों से 24 घंटे निगरानी की जाएगी. यह कैमरे सड़क हादसे की सूचना देने के साथ हादसों का कारण भी पता कर लेंगे. इतना ही नहीं यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को ई-चालान भेजा जाएगा. इससे यातायात व्यवस्था सुधारने में मदद मिलेगी. सड़क हादसा होने पर जुर्म का पता लगाने में भी पुलिस को आसानी होगी.
अभी दिल्ली की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से ओवर स्पीडिंग का चलना होता है. कुछ ही स्थान पर ऐसे कैमरे लगे हैं जो हेलमेट न पहनने वालों की पहचान करते हैं और नंबर प्लेट के आधार पर पुलिस उनका ई-चालान करती है. दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दिल्ली में शुरू करने की तैयारी कर रहा है. अभी तक देश में केंद्र सरकार की ओर से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर डसना के पास पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर काम किया जा रहा है. विश्व के विकसित देशों में शामिल अमेरिका, इटली, ऑस्ट्रेलिया, रूस, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन आदि देश में इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की व्यवस्था है.
दिल्ली परिवहन विभाग इस योजना में ट्रैफिक पुलिस, पीडब्ल्यूडी व स्वास्थ्य विभाग को भी शामिल करेगा. इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत एक लेन में दो कैमरे लगाए जाएंगे. एक कैमरा यातायात नियमों का उल्लंघन पर नजर रखेगा, जबकि दूसरा कैमरा नंबर प्लेट को पढ़कर चालान करेगा. इसके तहत यदि कोई बिना सीट बेल्ट बिना हेलमेट या मोबाइल पर बात करते हुए या अन्य तरीके से यातायात नियमों का उल्लंघन करता है तो कैमरे उसकी पहचान कर लेंगे. इससे यातायात व्यवस्था में काफी सुधार आएगा. लोगों के यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण सड़क हादसे हो जाते हैं. जिनमें लोगों की मौत तक हो जाती है.
हादसा हुआ तो जल्द पहुंच जाएगी एम्बुलेंस :
सूत्रों के मुताबिक, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत लगाए जाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कैमरे हादसा होने पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को भी सूचना देंगें. इससे मौके पर जल्द एम्बुलेंस पहुंच जाएगी और घायलों को जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा. दिल्ली परिवहन विभाग के पूर्व सहायक आयुक्त अनिल छिकारा ने बताया कि इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लागू होने से यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा. इससे सड़क हादसों में भी कमी आएगी.
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