नई दिल्ली: हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर है. इस मामले में आज दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और विधायक अजय दत्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राजेंद्र पाल गौतम ने कहा है कि हमारे समाज की बेटी के साथ बलात्कार हुआ, उसकी जीभ काटी गई और गहरी चोट के कारण उसकी मौत हो गई.
'एम्स में नहीं मिल सका बेड'
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि समाज के लोगों के दबाव के बाद गैंगरेप का मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन ठीक समय पर इलाज नहीं मिला. दो दिन पहले उसे दिल्ली लाया गया. लेकिन जिस एम्स में नेताओं को आराम से बेड मिल जाता है, वहां उसे बेड नहीं मिल सका और कल उसकी मौत हो गई. इस पूरी मामले को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में राजेंद्र पाल गौतम ने सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश की सरकार और पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया.
'सीबीआई करे मामले की जांच'
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री उसी समुदाय से आते हैं, जिससे इस गैंगरेप के आरोपी आते हैं और शायद इसीलिए उत्तर प्रदेश की पुलिस उन्हें बचा रही है. राजेंद्र पाल गौतम ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि पीड़िता के परिवार को दो करोड़ की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए. आपको बता दें कि बीते दिन सफदरजंग अस्पताल के बाहर इस मामले को लेकर भारी हंगामा हुआ था.
'पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार का आरोप'
उस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक अजय दत्त भी वहां मौजूद थे. उनका आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. इसे लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में अजय दत्त ने कहा कि मैं पीड़िता के पिता से बातचीत करने, उन्हें सम्बल देने के लिए सफदरगंज अस्पताल के सामने मौजूद था. उन्होंने कहा कि पुलिस बिना नंबर प्लेट की गाड़ी में पीड़िता का शव लेकर जा रही थी. मैंने उनसे पूछा कि बिना परिवार को बताए शव लेकर क्यों जा रहे हैं, वो भी बिना नंबर प्लेट की गाड़ी में, तो एसएचओ ने मेरे साथ अभद्रता की.
'निलंबित किए जाएं पुलिसकर्मी'
अजय दत्त ने कहा कि 'एसएचओ मुझे घसीटकर पीछे ले गया और फिर वहां मौजूद डीसीपी और एसीपी ने मेरे साथ बदतमीजी की, मुझे थप्पड़ मारा. अजय दत्त ने सवाल उठाया कि क्या देश में कानून का राज नहीं है, क्या दिल्ली पुलिस संविधान को नहीं मानती है. उन्होंने कहा कि जब एक चुने हुए जनप्रतिनिधि के साथ पुलिस ऐसा करती है, तो आम लोगों के साथ क्या होता होगा. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और दिल पुलिस के कमिश्नर से मांग की कि वे एसएचओ, डीसीपी और एसीपी को निलंबित करें.