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AAP moved Supreme Court: अब MCD जोन वार्ड समितियों में भी मनोनीत पार्षदों के वोटिंग अधिकार को चुनौती

दिल्ली मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोट नहीं देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी एक बार फिर उच्चतम न्यायालय का रुख करने जा रही है. इस बार आप जोन वार्ड समितियों के चुनाव में मनोनीत पार्षदों को मिले मतदान के अधिकार को चुनौती देगी.

Aam Aadmi Party
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Published : Feb 21, 2023, 2:24 PM IST

Updated : Feb 21, 2023, 2:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में मेयर चुनाव को लेकर आए नतीजे के बाद अब आम आदमी पार्टी जोन कमेटी में मनोनीत पार्षदों की वोटिंग के अधिकार को खत्म करने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी में है. आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक के मुताबिक पार्टी में अब इस बात पर विचार शुरू हो गया है कि जोन वार्ड समितियों के चुनाव में भी मनोनीत पार्षदों को मिले मतदान के अधिकार को भी चुनौती दी जाए.

दरअसल, बीजेपी ने निगम के तीन जोन में निगम संबंधी मामलों के जानकर 10 लोगों को मनोनीत पार्षद के तौर पर मनोनीत करके अपने लिए वार्ड समितियों में बहुमत का जुगाड़ करने की कोशिश की है. उपराज्यपाल ने सिविल लाइंस और नरेला जोन में 4-4 और सेंट्रल जोन में दो मनोनीत पार्षदों को नियुक्त किया है, जिसकी वजह से बीजेपी 12 में से 7 जोन में बहुमत में नजर आ रही है. जबकि आम आदमी पार्टी के पास 12 जोन में से 5 जोन हैं. ऐसे में स्थायी समिति में बीजेपी के सात और आम आदमी पार्टी के पांच सदस्य चुनकर आ सकते हैं.

स्थायी समिति में कुल 18 सदस्य होते हैं और इनमें से छह सदस्यों का चुनाव सदन की पहली बैठक में होता है. सदन की बैठक में बीजेपी और आपके तीन-तीन सदस्य चुनकर आते हैं, तो बीजेपी के पास स्थायी समिति में बहुमत हो जाएगा. यदि सदन में बीजेपी के दो और आम आदमी पार्टी के 4 सदस्य चुनकर आते हैं तो स्थायी समिति में दोनों के पास नौ-नौ सदस्य होंगे. ऐसे में स्थायी समिति का चुनाव लॉटरी के आधार पर होगा. इस समस्या से बचने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता मनोनीत पार्षदों को वोटिंग के अधिकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रहे हैं.

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक के मुताबिक पार्टी जल्द ही इस मामले में कोई फैसला ले सकती है. दिल्ली म्युनिसिपल एक्ट 1957 में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार नहीं है. लेकिन पिछले दिनों एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने निगम जोन के चुनाव में वोटिंग का अधिकार दे दिया था. अब आम आदमी पार्टी हाईकोर्ट के उसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर रही है.

उल्लेखनीय है कि मेयर चुनाव लगातार स्थगित होने से आम आदमी पार्टी की मेयर पद की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव के आदेश जारी किया था. मेयर का चुनाव कराने के लिए बुधवार को निगम सदन की बैठक बुलाई गई है. कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि चुनाव में मनोनीत पार्षद वोट नहीं डाल सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आत्मविश्वास में आई आम आदमी पार्टी अब जोन कमेटियों के चुनाव में भी मनोनीत पार्षदों को वोटिंग से बाहर करने की याचिका दायर करने की तैयारी में है.

ये भी पढ़ें: dengue: दिल्ली नगर निगम की नई मुहिम, DBC कर्मचारी डेंगू से संक्रमित लोगों की जानकारी करेंगे इक्ठा

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में मेयर चुनाव को लेकर आए नतीजे के बाद अब आम आदमी पार्टी जोन कमेटी में मनोनीत पार्षदों की वोटिंग के अधिकार को खत्म करने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी में है. आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक के मुताबिक पार्टी में अब इस बात पर विचार शुरू हो गया है कि जोन वार्ड समितियों के चुनाव में भी मनोनीत पार्षदों को मिले मतदान के अधिकार को भी चुनौती दी जाए.

दरअसल, बीजेपी ने निगम के तीन जोन में निगम संबंधी मामलों के जानकर 10 लोगों को मनोनीत पार्षद के तौर पर मनोनीत करके अपने लिए वार्ड समितियों में बहुमत का जुगाड़ करने की कोशिश की है. उपराज्यपाल ने सिविल लाइंस और नरेला जोन में 4-4 और सेंट्रल जोन में दो मनोनीत पार्षदों को नियुक्त किया है, जिसकी वजह से बीजेपी 12 में से 7 जोन में बहुमत में नजर आ रही है. जबकि आम आदमी पार्टी के पास 12 जोन में से 5 जोन हैं. ऐसे में स्थायी समिति में बीजेपी के सात और आम आदमी पार्टी के पांच सदस्य चुनकर आ सकते हैं.

स्थायी समिति में कुल 18 सदस्य होते हैं और इनमें से छह सदस्यों का चुनाव सदन की पहली बैठक में होता है. सदन की बैठक में बीजेपी और आपके तीन-तीन सदस्य चुनकर आते हैं, तो बीजेपी के पास स्थायी समिति में बहुमत हो जाएगा. यदि सदन में बीजेपी के दो और आम आदमी पार्टी के 4 सदस्य चुनकर आते हैं तो स्थायी समिति में दोनों के पास नौ-नौ सदस्य होंगे. ऐसे में स्थायी समिति का चुनाव लॉटरी के आधार पर होगा. इस समस्या से बचने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता मनोनीत पार्षदों को वोटिंग के अधिकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रहे हैं.

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक के मुताबिक पार्टी जल्द ही इस मामले में कोई फैसला ले सकती है. दिल्ली म्युनिसिपल एक्ट 1957 में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार नहीं है. लेकिन पिछले दिनों एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने निगम जोन के चुनाव में वोटिंग का अधिकार दे दिया था. अब आम आदमी पार्टी हाईकोर्ट के उसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर रही है.

उल्लेखनीय है कि मेयर चुनाव लगातार स्थगित होने से आम आदमी पार्टी की मेयर पद की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव के आदेश जारी किया था. मेयर का चुनाव कराने के लिए बुधवार को निगम सदन की बैठक बुलाई गई है. कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि चुनाव में मनोनीत पार्षद वोट नहीं डाल सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आत्मविश्वास में आई आम आदमी पार्टी अब जोन कमेटियों के चुनाव में भी मनोनीत पार्षदों को वोटिंग से बाहर करने की याचिका दायर करने की तैयारी में है.

ये भी पढ़ें: dengue: दिल्ली नगर निगम की नई मुहिम, DBC कर्मचारी डेंगू से संक्रमित लोगों की जानकारी करेंगे इक्ठा

Last Updated : Feb 21, 2023, 2:53 PM IST
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