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AAP Vs LG: AAP ने LG को बताया साबरमती आश्रम में दंगा फैलाने का आरोपी, राष्ट्रपति से पद से हटाने की अपील

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Published : Mar 7, 2023, 9:28 PM IST

आम आदमी पार्टी दिल्ली के LG वीके सक्सेना पर हमलावर है. पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उपराज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि LG पर 2002 से साबरमती आश्रम में दंगा और मारपीट करने का मुकदमा चल रहा है. वह आरोपी हैं, ऐसे में राष्ट्रपति को उनको पद से हटा देना चाहिए.

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने राष्ट्रपति से उपराज्यपाल को पद से हटाने की मांग की है. सिंह का कहना है कि वीके सक्सेना महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में दंगा फैलाने के आरोपी हैं. उन्होंने पेशी से बचने के लिए कोर्ट को चिट्ठी लिखकर गुमराह किया है.

मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने दावा किया कि 2002 से वीके सक्सेना पर साबरमती आश्रम में दंगा और मारपीट करने का मुकदमा चल रहा है. इसमें वह आरोपी नंबर 4 हैं. कोर्ट ने सक्सेना को 9 मार्च को पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. इस पर उपराज्यपाल ने कोर्ट को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि मेरा ओहदा और पद दूसरे राज्यों के राज्यपाल व केंद्र शासित राज्यों के एलजी से भी बड़ा है, इसीलिए मुझे कोर्ट में पेशी से छूट दी जाए. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल शायद गलतफहमी में है. अगर उनको छूट होती तो न्यायधीश को भी यह बात पता होती और वह समन नहीं करते.

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सांसद ने राष्ट्रपति से अपील की है कि इस मामले का संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना को कोर्ट की प्रक्रिया में शामिल होने का निर्देश दिया जाए. 21 साल पहले 2002 में वीके सक्सेना के ऊपर महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में दंगा फैलाने, मारपीट, झगड़ा करने समेत कई धाराओं पर मुकदमा दर्ज हुआ था. विनय कुमार सक्सेना के ऊपर धारा 147, 145, 321, 341, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. आरोप है कि वीके सक्सेना ने महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में दंगा फैलाया.

कोर्ट को लिखी चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि वे कोर्ट को लिख रहे हैं कि हमको गवाही के लिए ना बुलाया जाए. हम कोर्ट के सामने नहीं आएंगे. क्योंकि मेरा ओहदा और पद दूसरे राज्यों के राज्यपाल से बड़ा है. अभी तक राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का पद ही सुनता था. सिंह ने राष्ट्रपति से अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रपति को इस मामले का अवश्य संज्ञान लेना चाहिए कि कैसे एक व्यक्ति ने 9 मार्च को अपनी पेशी से बचने के लिए झूठी चिट्ठी कोर्ट को लिखी है. वीके सक्सेना को निर्देश दिया जाना चाहिए कि 9 मार्च को कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखने के लिए जरूर जाएं. यह बात राष्ट्रपति को सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से अपील करना तो बेकार है, क्योंकि प्रधानमंत्री महात्मा गांधी के आश्रम में दंगा भड़काने वाले को एलजी बनाते हैं तो वह उनके खिलाफ कुछ नहीं करेंगे.

यह भी पढ़ेंः सौरभ और आतिशी को कैबिनेट मंत्री बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने राष्ट्रपति से उपराज्यपाल को पद से हटाने की मांग की है. सिंह का कहना है कि वीके सक्सेना महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में दंगा फैलाने के आरोपी हैं. उन्होंने पेशी से बचने के लिए कोर्ट को चिट्ठी लिखकर गुमराह किया है.

मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने दावा किया कि 2002 से वीके सक्सेना पर साबरमती आश्रम में दंगा और मारपीट करने का मुकदमा चल रहा है. इसमें वह आरोपी नंबर 4 हैं. कोर्ट ने सक्सेना को 9 मार्च को पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. इस पर उपराज्यपाल ने कोर्ट को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि मेरा ओहदा और पद दूसरे राज्यों के राज्यपाल व केंद्र शासित राज्यों के एलजी से भी बड़ा है, इसीलिए मुझे कोर्ट में पेशी से छूट दी जाए. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल शायद गलतफहमी में है. अगर उनको छूट होती तो न्यायधीश को भी यह बात पता होती और वह समन नहीं करते.

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सांसद ने राष्ट्रपति से अपील की है कि इस मामले का संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना को कोर्ट की प्रक्रिया में शामिल होने का निर्देश दिया जाए. 21 साल पहले 2002 में वीके सक्सेना के ऊपर महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में दंगा फैलाने, मारपीट, झगड़ा करने समेत कई धाराओं पर मुकदमा दर्ज हुआ था. विनय कुमार सक्सेना के ऊपर धारा 147, 145, 321, 341, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. आरोप है कि वीके सक्सेना ने महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में दंगा फैलाया.

कोर्ट को लिखी चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि वे कोर्ट को लिख रहे हैं कि हमको गवाही के लिए ना बुलाया जाए. हम कोर्ट के सामने नहीं आएंगे. क्योंकि मेरा ओहदा और पद दूसरे राज्यों के राज्यपाल से बड़ा है. अभी तक राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का पद ही सुनता था. सिंह ने राष्ट्रपति से अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रपति को इस मामले का अवश्य संज्ञान लेना चाहिए कि कैसे एक व्यक्ति ने 9 मार्च को अपनी पेशी से बचने के लिए झूठी चिट्ठी कोर्ट को लिखी है. वीके सक्सेना को निर्देश दिया जाना चाहिए कि 9 मार्च को कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखने के लिए जरूर जाएं. यह बात राष्ट्रपति को सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से अपील करना तो बेकार है, क्योंकि प्रधानमंत्री महात्मा गांधी के आश्रम में दंगा भड़काने वाले को एलजी बनाते हैं तो वह उनके खिलाफ कुछ नहीं करेंगे.

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