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कैंसर की नकली दवाइयां ऑनलाइन बेचने वाले गैंग के 7 बदमाश दिल्ली से गिरफ्तार, 8 करोड़ की नकली दवा जब्त

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) ने नकली दवा बेचने वाले एक गैंग के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है. उनके बताने पर 8 करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त की हैं. ये कैंसर के मरीजों को नकली दवाएं ऑनलाइन माध्यम से बेचते थे. गाजियाबाद में इनका गोदाम पकड़ा गया है. इस गैंग में डॉक्टर, इंजीनियर और एमबीए सभी शामिल हैं.

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Published : Nov 16, 2022, 4:04 PM IST

Updated : Nov 16, 2022, 4:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवाएं ऑनलाइन बेचने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. क्राइम ब्रांच ने कैंसर की नकली दवा बेचने वाले गिरोह( counterfeit drug gang) के सात बदमाशों को गिरफ्तार किया है. आरोपी पूरे एनसीआर में फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के जरिए मरीजों के परिजनों से संपर्क करते थेे और उन्हें नकली दवाइयां सप्लाई करते थे.

गैंग में शामिल हैं डॉक्टर, इंजीनियर और एमबीए : विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव का कहना है कि कैंसर और जीवन रक्षक नकली दवा बनाने वाले गिरोह को पकड़ा गया है. इसमें सात लोगों की गिरफ़्तारी हुई है, जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर, एमबीए किए हुए लोग शामिल हैं. कुछ लोग फरार हैं, जिनको जल्द पकड़ा जाएगा. ये लोग कीमती दवाओं को यह कहकर बेचते थे कि यह भारत में नहीं मिलती है. सोनीपत आदि जगहों में फैक्ट्री पकड़ी है. गाजियाबाद में एक गोदाम पकड़ा है. इस बारे में वहीं अलग प्राथमिकी दर्ज़ हुई है. यह विभिन्न माध्यमों से दवाओं को बेचते थे. अभी जो खेप पकड़ी गई है उसकी कीमत आठ करोड़ रुपये है. ये लोग तीन से चार वर्ष से ऐसा काम कर रहे थे. आरोपी कैंसर मरीज के तीमारदारों से फोन पर संपर्क कर ऑनलाइन दवा भेजते थे. इसके अलावा भागीरथ पैलेस के दवा विक्रेताओं के जरिए भी नकली दवा बेची जा रही थी. ऐसे में दिल्ली पुलिस ने शक के आधार पर दवा विक्रेताओं के यहां भी छापेमारी कर सकती है. फिलहाल इन शातिरों से लंबी पूछताछ जारी है. आरोपियों की पहचान डॉ प्रतिभा नारायण प्रधान, शुभम मन्ना, पंकज सिंह बोहरा, अंकित शर्मा, राम कुमार, अंकेश वर्मा प्रभात कुमार, के रूप में की गई है.


ये भी पढ़ें :-टिकट बेचने के आरोप में AAP MLA अखिलेश पति त्रिपाठी का साला और पीए गिरफ्तार

अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े होने की आशंका : शुरुआती जांच के मुताबिक सातों गिरफ्तार शातिरों के तार विदेश से जुड़ते नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि इन शातिरों के लिंक नेपाल, बांग्लादेश और चीन से जुड़े हैं. माना जा रहा है कि इसमें अंतरराष्ट्रीय गिरोह भी शामिल हो सकता है.

8 करोड़ रुपये से अधिक की दवाएं बरामद : क्राइम ब्रांचके मुताबिक, जांच पड़ताल के दौरान न केवल सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है, बल्कि इनकी निशानदेही पर करीब आठ करोड़ रुपये मूल्य की दवाइयां भी जब्त की गई हैं. ये शातिर गिरोह दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में सक्रिय है और नकली दवाइयों की सप्लाई करता है. पूछताछ के आधार पर जानकारी सामने आ रही है कि इनका गिरोह दिल्ली-एनसीआर के सक्रिय है. इसके साथ ही यूपी और हरियाणा में नकली दवा बेचने का धंधा करते थे. इनकी निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने आठ करोड़ मूल्य की दवा जब्त की है.

ये भी पढ़ें :-भूमि घोटाले में विधायक नरेंद्र भाटी के भाई समेत तीन गिरफ्तार, सरकार द्वारा गठित SIT ने की कार्रवाई

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवाएं ऑनलाइन बेचने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. क्राइम ब्रांच ने कैंसर की नकली दवा बेचने वाले गिरोह( counterfeit drug gang) के सात बदमाशों को गिरफ्तार किया है. आरोपी पूरे एनसीआर में फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के जरिए मरीजों के परिजनों से संपर्क करते थेे और उन्हें नकली दवाइयां सप्लाई करते थे.

गैंग में शामिल हैं डॉक्टर, इंजीनियर और एमबीए : विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव का कहना है कि कैंसर और जीवन रक्षक नकली दवा बनाने वाले गिरोह को पकड़ा गया है. इसमें सात लोगों की गिरफ़्तारी हुई है, जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर, एमबीए किए हुए लोग शामिल हैं. कुछ लोग फरार हैं, जिनको जल्द पकड़ा जाएगा. ये लोग कीमती दवाओं को यह कहकर बेचते थे कि यह भारत में नहीं मिलती है. सोनीपत आदि जगहों में फैक्ट्री पकड़ी है. गाजियाबाद में एक गोदाम पकड़ा है. इस बारे में वहीं अलग प्राथमिकी दर्ज़ हुई है. यह विभिन्न माध्यमों से दवाओं को बेचते थे. अभी जो खेप पकड़ी गई है उसकी कीमत आठ करोड़ रुपये है. ये लोग तीन से चार वर्ष से ऐसा काम कर रहे थे. आरोपी कैंसर मरीज के तीमारदारों से फोन पर संपर्क कर ऑनलाइन दवा भेजते थे. इसके अलावा भागीरथ पैलेस के दवा विक्रेताओं के जरिए भी नकली दवा बेची जा रही थी. ऐसे में दिल्ली पुलिस ने शक के आधार पर दवा विक्रेताओं के यहां भी छापेमारी कर सकती है. फिलहाल इन शातिरों से लंबी पूछताछ जारी है. आरोपियों की पहचान डॉ प्रतिभा नारायण प्रधान, शुभम मन्ना, पंकज सिंह बोहरा, अंकित शर्मा, राम कुमार, अंकेश वर्मा प्रभात कुमार, के रूप में की गई है.


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अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े होने की आशंका : शुरुआती जांच के मुताबिक सातों गिरफ्तार शातिरों के तार विदेश से जुड़ते नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि इन शातिरों के लिंक नेपाल, बांग्लादेश और चीन से जुड़े हैं. माना जा रहा है कि इसमें अंतरराष्ट्रीय गिरोह भी शामिल हो सकता है.

8 करोड़ रुपये से अधिक की दवाएं बरामद : क्राइम ब्रांचके मुताबिक, जांच पड़ताल के दौरान न केवल सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है, बल्कि इनकी निशानदेही पर करीब आठ करोड़ रुपये मूल्य की दवाइयां भी जब्त की गई हैं. ये शातिर गिरोह दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में सक्रिय है और नकली दवाइयों की सप्लाई करता है. पूछताछ के आधार पर जानकारी सामने आ रही है कि इनका गिरोह दिल्ली-एनसीआर के सक्रिय है. इसके साथ ही यूपी और हरियाणा में नकली दवा बेचने का धंधा करते थे. इनकी निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने आठ करोड़ मूल्य की दवा जब्त की है.

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Last Updated : Nov 16, 2022, 4:32 PM IST
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