ETV Bharat / state

Delhi G20 Summit: पुराने रूप में चमकता दिखाई देगा सफदरजंग मकबरा, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

जी 20 सम्मेलन से पहले पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली के चर्चित और ऐतिहासिक धरोहरों को संवारने का काम शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में सफदरजंग मकबरा को भी चमकाने का काम शुरू कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि इसके लिए राजस्थान से कामगार को बुलाया गया है.

सफदरजंग मकबरा
सफदरजंग मकबरा
author img

By

Published : May 26, 2023, 8:44 PM IST

सफदरजंग मकबरा

नई दिल्ली: दिल्ली के चर्चित और ऐतिहासिक धरोहर में शामिल सफदरजंग मकबरा अब पुराने रूप में चमकता हुआ दिखाई देगा. इस धरोहर को नया रूप देने के लिए राजस्थान से कारीगर बुलाए गए हैं. राजस्थान के मकराना से विशेष तौर पर पत्थर भी मंगवाए जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल मकबरे में किया जाएगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) मकबरे पर संरक्षण कार्य कर रहा है. यहां पर दीवारों पर आर्काइव बनाने का काम शुरू हो गया है.

दरअसल, जी 20 महासम्मेलन की अध्यक्षता भारत कर रहा है. विदेशी मेहमान भारत आने लगे हैं. सितंबर में विदेशी मेहमान दिल्ली में होंगे. यह मेहमान पुराना किला, कुतुब मीनार, लालकिला और सफदरजंग का मकबरा का दीदार करेंगे. इन धरोहर पर विदेशी मेहमान के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. इसे लेकर इन धरोहरों को संवारने का काम शुरू हो गया है.

300 वर्ष पुरानी आर्काइव का डिजाइन तैयार: सफदरजंग मकबरे में लगभग 300 वर्ष पूर्व मुगल शासन के दौरान यहां की दीवारों पर आर्काइव उकेरी गई थी. समय के साथ दीवारों से यह आर्काइव धुंधली होती चली गई. हालांकि अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की लंबी रिसर्च के बाद मुगल शासन के दौरान दीवारों पर उकेरी गई आर्काइव का डिजायन तैयार कर लिया है. एएसआई के अनुसार, साल 2021 में स्मारकों की कुछ दीवारों पर यह आर्काइव बनाई गई. बाकी की दीवारों पर जल्द ही यह कार्य कर किया जाएगा. एएसआई इसके बाद इन पर प्राकृतिक रंग भी लगाएगी. जिससे यह देखने में काफी सुंदर और आकर्षक लगेगा.

ऐसे बढ़ेगी मकबरे की लाइफ: एएसआई के अनुसार मकबरे के ऊपर वाले छोड़ गुम्बद पर प्लास्टर झड़ गया है. जगह-जगह फूल पौधे निकल आए हैं. पत्थरों के बीच दरार आ गई है. अब ऐसे पत्थरों को निकालकर नए पत्थर लगाए जाएंगे. इसके बाद प्लास्टर किया जाएगा. इसके बाद एएसआई द्वारा तैयार किया गया कलर इस पर लगाया जाएगा. जी 20 सम्मेलन को देखते हुए पाथवे को दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि विदेशी मेहमानों के साथ देशी पर्यटकों को भी किसी भी तरह से कोई दिक्कत न हो.

पार्किंग की सुविधा की गई बेहतर: मकबरे के बाहर पार्किंग की सुविधा बेहतर की जा रही है. पहले यहां पार्किंग का स्पेस कम था, लेकिन अब स्पेस को बढ़ाया जा रहा है.

शिशु घर तैयार: अकसर नवजात बच्चों के साथ मां सफदरजंग मकबरे का दीदार करने आती हैं. इस दौरान देखा जाता है कि मां बाहर में ही अपने बच्चे को दूध पिलाती है. कई बार लोगों के बीच में ऐसा करने से उन्हें असहज का अहसास होता है. अब उनकी सुविधा के लिए शिशु घर भी है. अब मां अपने नवजात बच्चों के रुकने के साथ उन्हें दूध पिला सकती हैं.

क्या कहते हैं दिल्ली के ASI अधिकारी: दिल्ली एएसआई के हेड प्रवीण सिंह ने बताया कि सफदरजंग मकबरे पर साल 2021 में संरक्षण कार्य किया गया. इससे पहले कोरोना महामारी में कार्य रोकना पड़ा था. उन्होंने बताया कि बारिश और धूल से स्मारक को नुकसान हुआ है. चूंकि, जी 20 सम्मेलन नजदीक है, इसलिए एक बार फिर संरक्षण कार्य शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि मकबरे के ठीक सामने फाउंटेन को भी ठीक किया जा रहा है. लाइटिंग का कार्य पहले भी हुआ था, लेकिन अब और लाइट लगाई जा रही है. अब देर शाम के बाद रंग बिरंगी लाइट के बीच फाउंटेन देखने को मिलेगा.

ये भी पढ़ें: First Look Of New Parliament Building : देखिए कैसा है नया संसद भवन, जिसको लेकर मचा है सियासी घमासान

क्या कहते हैं इतिहास के प्रोफेसर: डीडीयू में इतिहास पढ़ाने वाले एसएन त्रिपाठी बताते हैं कि मुगल शासन के दौरान इस मकबरे का निर्माण कार्य 1719 के काल में किया गया. करीब 40 वर्ष तक निर्माण कार्य चला. मुगल बादशाह मुहम्मद शाह के कार्यकाल में उनके प्रधानमंत्री सफदरजंग थे. जिनके नाम पर इस मकबरे को बनाया गया. मुगल काल का इसे अंतिम मकबरा भी माना जाता है. यह मकबरा हुमायूँ के मकबरे की तरह ही लगता है.

ये भी पढ़ें: Humayun Tomb : हुमायूं के मकबरे पर अब शुरू होगा संरक्षण कार्य, जल्द जारी होगा टेंडर

सफदरजंग मकबरा

नई दिल्ली: दिल्ली के चर्चित और ऐतिहासिक धरोहर में शामिल सफदरजंग मकबरा अब पुराने रूप में चमकता हुआ दिखाई देगा. इस धरोहर को नया रूप देने के लिए राजस्थान से कारीगर बुलाए गए हैं. राजस्थान के मकराना से विशेष तौर पर पत्थर भी मंगवाए जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल मकबरे में किया जाएगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) मकबरे पर संरक्षण कार्य कर रहा है. यहां पर दीवारों पर आर्काइव बनाने का काम शुरू हो गया है.

दरअसल, जी 20 महासम्मेलन की अध्यक्षता भारत कर रहा है. विदेशी मेहमान भारत आने लगे हैं. सितंबर में विदेशी मेहमान दिल्ली में होंगे. यह मेहमान पुराना किला, कुतुब मीनार, लालकिला और सफदरजंग का मकबरा का दीदार करेंगे. इन धरोहर पर विदेशी मेहमान के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. इसे लेकर इन धरोहरों को संवारने का काम शुरू हो गया है.

300 वर्ष पुरानी आर्काइव का डिजाइन तैयार: सफदरजंग मकबरे में लगभग 300 वर्ष पूर्व मुगल शासन के दौरान यहां की दीवारों पर आर्काइव उकेरी गई थी. समय के साथ दीवारों से यह आर्काइव धुंधली होती चली गई. हालांकि अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की लंबी रिसर्च के बाद मुगल शासन के दौरान दीवारों पर उकेरी गई आर्काइव का डिजायन तैयार कर लिया है. एएसआई के अनुसार, साल 2021 में स्मारकों की कुछ दीवारों पर यह आर्काइव बनाई गई. बाकी की दीवारों पर जल्द ही यह कार्य कर किया जाएगा. एएसआई इसके बाद इन पर प्राकृतिक रंग भी लगाएगी. जिससे यह देखने में काफी सुंदर और आकर्षक लगेगा.

ऐसे बढ़ेगी मकबरे की लाइफ: एएसआई के अनुसार मकबरे के ऊपर वाले छोड़ गुम्बद पर प्लास्टर झड़ गया है. जगह-जगह फूल पौधे निकल आए हैं. पत्थरों के बीच दरार आ गई है. अब ऐसे पत्थरों को निकालकर नए पत्थर लगाए जाएंगे. इसके बाद प्लास्टर किया जाएगा. इसके बाद एएसआई द्वारा तैयार किया गया कलर इस पर लगाया जाएगा. जी 20 सम्मेलन को देखते हुए पाथवे को दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि विदेशी मेहमानों के साथ देशी पर्यटकों को भी किसी भी तरह से कोई दिक्कत न हो.

पार्किंग की सुविधा की गई बेहतर: मकबरे के बाहर पार्किंग की सुविधा बेहतर की जा रही है. पहले यहां पार्किंग का स्पेस कम था, लेकिन अब स्पेस को बढ़ाया जा रहा है.

शिशु घर तैयार: अकसर नवजात बच्चों के साथ मां सफदरजंग मकबरे का दीदार करने आती हैं. इस दौरान देखा जाता है कि मां बाहर में ही अपने बच्चे को दूध पिलाती है. कई बार लोगों के बीच में ऐसा करने से उन्हें असहज का अहसास होता है. अब उनकी सुविधा के लिए शिशु घर भी है. अब मां अपने नवजात बच्चों के रुकने के साथ उन्हें दूध पिला सकती हैं.

क्या कहते हैं दिल्ली के ASI अधिकारी: दिल्ली एएसआई के हेड प्रवीण सिंह ने बताया कि सफदरजंग मकबरे पर साल 2021 में संरक्षण कार्य किया गया. इससे पहले कोरोना महामारी में कार्य रोकना पड़ा था. उन्होंने बताया कि बारिश और धूल से स्मारक को नुकसान हुआ है. चूंकि, जी 20 सम्मेलन नजदीक है, इसलिए एक बार फिर संरक्षण कार्य शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि मकबरे के ठीक सामने फाउंटेन को भी ठीक किया जा रहा है. लाइटिंग का कार्य पहले भी हुआ था, लेकिन अब और लाइट लगाई जा रही है. अब देर शाम के बाद रंग बिरंगी लाइट के बीच फाउंटेन देखने को मिलेगा.

ये भी पढ़ें: First Look Of New Parliament Building : देखिए कैसा है नया संसद भवन, जिसको लेकर मचा है सियासी घमासान

क्या कहते हैं इतिहास के प्रोफेसर: डीडीयू में इतिहास पढ़ाने वाले एसएन त्रिपाठी बताते हैं कि मुगल शासन के दौरान इस मकबरे का निर्माण कार्य 1719 के काल में किया गया. करीब 40 वर्ष तक निर्माण कार्य चला. मुगल बादशाह मुहम्मद शाह के कार्यकाल में उनके प्रधानमंत्री सफदरजंग थे. जिनके नाम पर इस मकबरे को बनाया गया. मुगल काल का इसे अंतिम मकबरा भी माना जाता है. यह मकबरा हुमायूँ के मकबरे की तरह ही लगता है.

ये भी पढ़ें: Humayun Tomb : हुमायूं के मकबरे पर अब शुरू होगा संरक्षण कार्य, जल्द जारी होगा टेंडर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.