ETV Bharat / state

लॉकडाउन: दिल्ली में राशन ना मिलने से परेशान लोग, ई-कूपन ना मिलने से बढ़ी मुसीबत

author img

By

Published : Apr 27, 2020, 4:36 PM IST

Updated : Apr 27, 2020, 8:43 PM IST

राजधानी दिल्ली में राशन कार्ड धारकों को राशन की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही जो लोग दिल्ली सरकार के जरिये ई-कूपन के लिए अप्लाई कर चुके हैं, उन्हें भी किल्लत से जूझना पड़ रहा है. ईटीवी भारत ने ऐसे ही लोगों से बात की.

people are not getting ration after applying e-coupon by delhi government during lockdown
दिल्ली में राशन न मिलने से परेशान लोग

नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण देश की राजधानी दिल्ली में गरीब तबके के लोगों के लिए पेट की भूख मिटाना भी परेशानी का सबब बना हुआ है. यहां तक की इन लोगों तक दिल्ली सरकार के जरिये मुहैया कराया जाना वाला राशन नहीं पहुंच पा रहा है. सरकार के जरिये ई-कूपन जारी कर इन्हें राशन दिया जा रहा है. लेकिन, इसका विपरीत ही होता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत की टीम पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद के शिव विहार अंबिका विहार पहुंची. वहां लोगों ने रोते-रोते अपनी आपबीती सुनाई.

दिल्ली में राशन न मिलने से परेशान लोग

15 दिनों के इंतजार के बाद भी नहीं राशन

जहां एक तरफ दिल्ली सरकार आधार कार्ड धारकों को भी राशन वितरित कर रही है. वहीं ऐसे भी लोग है जिन्होंने दिल्ली सरकारा के ई-कूपन के लिए अप्लाई किया है, उसके बावजूद भी 15 दिनों के इंतजार के बाद भी उन्हें राशन नहीं मिला. यह लोग रोते हुए अपनी दास्तां बयां कर रहे हैं और दिल्ली सरकार पर राशन न मिलने का आरोप भी लगा रहे हैं.

पड़ोसी कर रहे मदद

इन लोगों के ऊपर खाने का संकट पैदा हो गया है. ऐसे में इनके मोहल्ले के लोग एक दूसरे की मदद इस मुश्किल भरी घड़ी में कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि वे एक दूसरी की हर संभव मदद कर रहे हैं.

विधायक को दिए गए 2000 कूपन

वहीं लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक को सरकार की ओर से 2000 कूपन दिए गए हैं, लेकिन कुछ ऐसे शरारती लोग हैं जो कूपन के नाम पर आधार कार्ड की कॉपी तो ले जाते हैं और राशन बीच में ही खा जाते हैं.

सरकार दें इन लोगों पर ध्यान

दिल्ली सरकार ऐसे लोगों के लिए पके खाने का भी इंतजाम कर रही है. लेकिन छोटे-छोटे बच्चे जो दूध पीते हैं. उनके पास दूध के पैसे तक भी नहीं है. वहीं कैमरे के सामने एक बुजुर्ग महिला अपने पोते को गोद में लिए हुए अपनी दास्तां सुनाते ही रो पड़ी. सरकार से अपील है कि ऐसे लोगों के प्रति ध्यान दें और उनके खाने-पीने और छोटे बच्चों जो दूध पीते हैं उनकी समस्या का तुरंत समाधान करें, वरना ऐसे लोग भूखे मरने की कगार पर आ जाएंगे.

नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण देश की राजधानी दिल्ली में गरीब तबके के लोगों के लिए पेट की भूख मिटाना भी परेशानी का सबब बना हुआ है. यहां तक की इन लोगों तक दिल्ली सरकार के जरिये मुहैया कराया जाना वाला राशन नहीं पहुंच पा रहा है. सरकार के जरिये ई-कूपन जारी कर इन्हें राशन दिया जा रहा है. लेकिन, इसका विपरीत ही होता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत की टीम पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद के शिव विहार अंबिका विहार पहुंची. वहां लोगों ने रोते-रोते अपनी आपबीती सुनाई.

दिल्ली में राशन न मिलने से परेशान लोग

15 दिनों के इंतजार के बाद भी नहीं राशन

जहां एक तरफ दिल्ली सरकार आधार कार्ड धारकों को भी राशन वितरित कर रही है. वहीं ऐसे भी लोग है जिन्होंने दिल्ली सरकारा के ई-कूपन के लिए अप्लाई किया है, उसके बावजूद भी 15 दिनों के इंतजार के बाद भी उन्हें राशन नहीं मिला. यह लोग रोते हुए अपनी दास्तां बयां कर रहे हैं और दिल्ली सरकार पर राशन न मिलने का आरोप भी लगा रहे हैं.

पड़ोसी कर रहे मदद

इन लोगों के ऊपर खाने का संकट पैदा हो गया है. ऐसे में इनके मोहल्ले के लोग एक दूसरे की मदद इस मुश्किल भरी घड़ी में कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि वे एक दूसरी की हर संभव मदद कर रहे हैं.

विधायक को दिए गए 2000 कूपन

वहीं लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक को सरकार की ओर से 2000 कूपन दिए गए हैं, लेकिन कुछ ऐसे शरारती लोग हैं जो कूपन के नाम पर आधार कार्ड की कॉपी तो ले जाते हैं और राशन बीच में ही खा जाते हैं.

सरकार दें इन लोगों पर ध्यान

दिल्ली सरकार ऐसे लोगों के लिए पके खाने का भी इंतजाम कर रही है. लेकिन छोटे-छोटे बच्चे जो दूध पीते हैं. उनके पास दूध के पैसे तक भी नहीं है. वहीं कैमरे के सामने एक बुजुर्ग महिला अपने पोते को गोद में लिए हुए अपनी दास्तां सुनाते ही रो पड़ी. सरकार से अपील है कि ऐसे लोगों के प्रति ध्यान दें और उनके खाने-पीने और छोटे बच्चों जो दूध पीते हैं उनकी समस्या का तुरंत समाधान करें, वरना ऐसे लोग भूखे मरने की कगार पर आ जाएंगे.

Last Updated : Apr 27, 2020, 8:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.