नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली के वसुंधरा एनक्लेव इलाके में स्थित महाराजा अग्रसेन कॉलेज परिसर में बुधवार को जीरो वेस्ट कैंपस (zero waste campus) कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में दिल्ली नगर निगम के शाहदरा दक्षिण क्षेत्र के सहायक आयुक्त रूबल सिंह और कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजीव के तिवारी शामिल हुए. छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की अपशिष्ट प्रबंधन समिति की ओर से इस बारे में आयोजित सभी कार्यक्रमों के बारे में एक प्रस्तुति सभी अतिथियों को दिखाई गई.
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पेपर कचरे और प्लास्टिक कचरे की रीसाइक्लिंग : प्रो. संजीव के. तिवारी ने कॉलेज की ओर से की गई पहल की जानकारी देते हुए बताया कि कि कॉलेज में गीला कचरा प्रबंधन और कंपोस्टिंग के लिए कॉलेज ने 6 एरोबिन लगाए हैं. कॉलेज स्तर पर पेपर वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, वेट वेस्ट और ई-वेस्ट जैसे कचरे को अलग-अलग करने का काम सफलतापूर्वक किया जा रहा है. कॉलेज जागृति एनजीओ के सहयोग से नियमित रूप से सभी पेपर कचरे को रीसाइक्लिंग के लिए भेज रहा है. साथ ही आईपीसीए की मदद से प्लास्टिक कचरे को रीसाइक्लिंग कारखाने में भेजा जा रहा है.
हर्बल और जैविक वनस्पति उद्यान विकसित हो रहा : छात्र न केवल कॉलेज परिसर में बल्कि कॉलेज के आस-पास के क्षेत्रों में भी कचरा पृथक्करण के लिए विभिन्न जागरूकता अभियानों में शामिल हैं. छात्र स्वयंसेवकों, बागवानों और हाउसकीपिंग स्टाफ की पहल की बहुत सराहना की गई. कॉलेज के पास खुद के खाद के गड्ढे हैं. कॉलेज अपने परिसर में एक हर्बल और जैविक वनस्पति उद्यान विकसित कर रहा है. रूबल सिंह ने कॉलेज के कार्यक्रम से संतुष्ट होने के बाद परिसर को जीरो वेस्ट कैंपस घोषित कर दिया. रूबल सिंह ने छात्रों को दिल्ली में लैंडफिल पर और शोध करने और आसपास के मंदिरों से निकलने वाले फूलों के कचरे का पुन: उपयोग करने के लिए भी प्रेरित किया. कार्यक्रम के दौरान भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ (आईपीसीए) के आशीष जैन और पर्यावरण और उपभोक्ता संरक्षण फाउंडेशन के राजेश अग्रवाल के साथ ही कॉलेज के कई प्रोफेसर भी मौजूद थे .
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