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कस्टमर सपोर्ट का झांसा देकर की धोखाधड़ी, आरोपी जामताड़ा से गिरफ्तार - खाता बुक ऐप के कस्टमर सपोर्ट बनकर धोखाधड़ी

दिल्ली की साइबर पुलिस ने खाता बुक ऐप के कस्टमर सपोर्ट बनकर धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी जामताड़ा में बैठकर धोखाधड़ी करता था.

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Published : Apr 11, 2023, 5:31 PM IST

नई दिल्ली: शाहदरा जिला की साइबर पुलिस ने खाता बुक ऐप के कस्टमर सपोर्ट का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से इस गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान झारखंड के जामताड़ा स्थित फतेहपुर गांव निवासी दिलबर के तौर पर हुई है.

शाहदरा जिला के डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि अमित जैन नाम के शख्स ने अपनी शिकायत में कहा था कि उन्होंने गूगल सर्च पर खाताबुक ऐप के कस्टमर केयर नंबर को सर्च किया और एक मोबाइल नंबर पर कॉल किया. जिसने खुद को खाताबुक ऐप के कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताया. उसने उसे एनी डेस्क ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा और शिकायतकर्ता ने एनी डेस्क एप डाउनलोड किया. उसके बाद उसके बैंक खाते से 3.20 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए.

पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जब बैंकिंग विवरण निकाला तो और धोखाधड़ी की राशि आठ अलग-अलग बैंक खातों में स्थानांतरित की गई थी, जो झारखंड के दुमका, देवघर, कोलकाता, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम इलाके में हैं. इन बैंक खातों से धोखाधड़ी की गई राशि को झारखंड के जामताड़ा स्थित फतेहपुर से नकदी निकाली गई थी. तकनीकी जांच के अनुसार, कॉलिंग नंबर लोकेशन भी जामताड़ा के फतेहपुर क्षेत्र की निकली.

इसके बाद साइबर टीम ने मोबाइल नंबर और बैंक खातों के विवरण का गहराई से विश्लेषण किया. तकनीकी जांच में पता चला कि आरोपी का नेटवर्क झारखंड के जामताड़ा स्थित फतेहपुर से संचालित हो रहा है. सभी जानकारी एकत्र की गई और टीम ने झारखंड के दुमका में छापा मार कर मुख्य आरोपी दिलवर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पास से अपराध में इस्तेमाल एक कॉलिंग नंबर और डेबिट कार्ड बरामद हुआ.

इसे भी पढ़ें: Arms Smuggler Arrested: दिल्ली में एएटीएस ने हथियार तस्कर को दबोचा

जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी ने विभिन्न बैंक और कंपनियों के नकली नंबरों को गूगल सर्च पर अपलोड किया है और जब कोई इन फर्जी कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करता, तो वे उन्हें अपने मोबाइल पर एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते और जैसे से पीड़ित एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करता, पीड़ित का लॉगिन आईडी उन्हें पता चल जाता. इसके बाद पीड़ितों से कस्टमर केयर के 10 रुपये सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा जाता. जैसे ही शिकायतकर्ता अपने कार्ड का विवरण दर्ज करता, उन्हें शिकायतकर्ता के कार्ड विवरण और पासवर्ड का पता भी चल जाता और फिर पीड़ित के बैंक खाते से सभी राशि ट्रांसफर कर ली जाती.

इसे भी पढ़ें: Gangster Arrested: क्राइम ब्रांच ने कुख्यात गैंगस्टर को दबोचा , 6 मोबाइल समेत 2 लैपटॉप बरामद

नई दिल्ली: शाहदरा जिला की साइबर पुलिस ने खाता बुक ऐप के कस्टमर सपोर्ट का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से इस गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान झारखंड के जामताड़ा स्थित फतेहपुर गांव निवासी दिलबर के तौर पर हुई है.

शाहदरा जिला के डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि अमित जैन नाम के शख्स ने अपनी शिकायत में कहा था कि उन्होंने गूगल सर्च पर खाताबुक ऐप के कस्टमर केयर नंबर को सर्च किया और एक मोबाइल नंबर पर कॉल किया. जिसने खुद को खाताबुक ऐप के कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताया. उसने उसे एनी डेस्क ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा और शिकायतकर्ता ने एनी डेस्क एप डाउनलोड किया. उसके बाद उसके बैंक खाते से 3.20 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए.

पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जब बैंकिंग विवरण निकाला तो और धोखाधड़ी की राशि आठ अलग-अलग बैंक खातों में स्थानांतरित की गई थी, जो झारखंड के दुमका, देवघर, कोलकाता, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम इलाके में हैं. इन बैंक खातों से धोखाधड़ी की गई राशि को झारखंड के जामताड़ा स्थित फतेहपुर से नकदी निकाली गई थी. तकनीकी जांच के अनुसार, कॉलिंग नंबर लोकेशन भी जामताड़ा के फतेहपुर क्षेत्र की निकली.

इसके बाद साइबर टीम ने मोबाइल नंबर और बैंक खातों के विवरण का गहराई से विश्लेषण किया. तकनीकी जांच में पता चला कि आरोपी का नेटवर्क झारखंड के जामताड़ा स्थित फतेहपुर से संचालित हो रहा है. सभी जानकारी एकत्र की गई और टीम ने झारखंड के दुमका में छापा मार कर मुख्य आरोपी दिलवर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पास से अपराध में इस्तेमाल एक कॉलिंग नंबर और डेबिट कार्ड बरामद हुआ.

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जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी ने विभिन्न बैंक और कंपनियों के नकली नंबरों को गूगल सर्च पर अपलोड किया है और जब कोई इन फर्जी कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करता, तो वे उन्हें अपने मोबाइल पर एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते और जैसे से पीड़ित एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करता, पीड़ित का लॉगिन आईडी उन्हें पता चल जाता. इसके बाद पीड़ितों से कस्टमर केयर के 10 रुपये सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा जाता. जैसे ही शिकायतकर्ता अपने कार्ड का विवरण दर्ज करता, उन्हें शिकायतकर्ता के कार्ड विवरण और पासवर्ड का पता भी चल जाता और फिर पीड़ित के बैंक खाते से सभी राशि ट्रांसफर कर ली जाती.

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