नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम अधिकारियों की उदासीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजधानी के अलग-अलग इलाके में करोड़ों की लागत से लगाया गया जैविक प्लांट धूल फांक रहा है. प्लांट के पार्ट्स चोरी हो रहे हैं, लेकिन निगम इस प्लांट्स को दोबारा से शुरू करना तो दूर, उसे चोरों से भी नहीं बचा पा रहा है.
तत्कालीन पूर्वी दिल्ली नगर निगम की तरफ से कृष्णा नगर वार्ड अंतर्गत गीता कॉलोनी में जैविक गैस संयंत्र लगाया गया था, 14 दिसंबर 2019 को संयंत्र का उद्घाटन बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने किया था. इस जैविक गैस संयंत्र की क्षमता 5 टन की थी, इसमें किचन से निकलने वाले 5 हजार किलोग्राम गीला कूड़ा से रोजाना खाद और बिजली बनाई जाती थी. तकरीबन डेढ़ साल चलने के बाद इसे बंद कर दिया गया. तब से यह प्लांट बंद पड़ा है. शुरुआत में इसके देखरेख के लिए सुरक्षा गार्ड था, लेकिन अब वह भी नहीं है. प्लांट के ज्यादातर कीमती पार्ट्स चोरी हो चुके हैं.
निगम पार्षद संदीप कपूर ने बताया कि 2019 में उनके वार्ड में जैविक प्लांट शुरू हुआ था. इसके बाद दिल्ली के अलग-अलग 10 जगह पर इसी तरीके की प्लांट केंद्र सरकार के फंड से निगम की तरफ से बनाई गई थी. सभी प्लांट की संचालन और मेंटेनेंस का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया था, लेकिन निगम ने उस निजी कंपनी को पैसा नहीं दिया. इसके बाद उस कंपनी ने काम बंद कर दिया. तब से सभी जैविक प्लांट बंद पड़े हैं.
- ये भी पढ़ें: ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में कूड़ा निस्तारण की समस्या सबसे अधिक, मेयर ने जल्द दिए समाधान के आश्वासन
कपूर ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में कई बार निगम अधिकारियों से बातचीत की. एक बार अधिकारियों ने जैविक प्लांट का दौरा भी किया, लेकिन इसके बावजूद जैविक प्लांट शुरू नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि एक प्लांट को बनाने में तकरीबन 2 करोड़ की लागत आई है. ऐसा 10 प्लांट दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में बना है, जिस पर तकरीबन 20 करोड़ रुपए खर्च हुआ है. निगम के उदासीनता की वजह से 20 करोड़ का प्लांट बर्बाद हो रहा है. उन्होंने सीएम केजरीवाल से मांग की है कि वह निगम के अधिकारियों को तत्काल इस प्लांट को शुरू करने का निर्देश दें.