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Diwali 2022: दिवाली पर भूलकर भी न करें ये काम, घर की चौखट से ही वापस चली जाएंगी धन की देवी

दिवाली का दिन मां लक्ष्मी की कृपा (godess lakshmi on diwali) पाने के लिए बेहद खास है. इस दिन आपकी छोटी सी गलती भी मां लक्ष्मी को नाराज कर सकती है. ऐसे में मां लक्ष्मी की प्रिय और अप्रिय चीजों का खास ध्यान रखा जाता है.

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दिवाली पर भूलकर भी न करें ये काम
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Published : Oct 20, 2022, 10:21 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिवाली पर लोग अपने-अपने घरों, संस्थानों, दुकान और ऑफिस को साफ सुथरा करते हैं. मां लक्ष्मी का आह्वान कर अपने संस्थान में व्यापार वृद्धि की कामना करते हैं. घर में लक्ष्मी का आगमन (godess lakshmi on diwali) चाहते हैं. किंतु आजकल, कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल के युग में हमारी नवीन पीढ़ियों को दिवाली (Diwali 2022) जैसे त्योहारों के बारे में अल्प ज्ञान है. जिन घरों में बड़े बुजुर्ग हैं उनको तो पता है लेकिन जो एकल परिवार में रहते हैं वे त्योहारों के बारे में भी इंटरनेट पर सर्च करते हैं.

दिवाली पर किन चीजों को प्रमुखता से करना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहिए? इस पर जानकारी दे रहे हैं गाजियाबाद स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र (Shiv Shankar Jyotish Evam Vastu Anusandhan Kendra, Ghaziabad) के आचार्य शिव कुमार शर्मा (Acharya Shiv Kumar Sharma).

नई झाड़ू खरीदें

दीपावली पर नई झाड़ू खरीदें और दीपावली के बाद प्रातःकाल सफाई नई झाड़ू से ही करें. दूसरी या पुरानी झाड़ू से न करें. प्राचीन काल में घर की महिलाएं दीपावली से अगली प्रातः काल सूर्य उदय से पहले ही घर में झाड़ू लगा कर घर के द्वार पर रंगोली बनाती थी. हम यह परंपरा भूलते जा रहे हैं. देर तक दिवाली उत्सव मनाने के कारण आजकल सभी लोग देर से उठते हैं. जबकि लक्ष्मी माता के आह्वान का दिन वैसे तो जागरण का होता है. किंतु प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफाई करें लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

दो दीपक जलाएं

दिवाली पूजन (Diwali Pooja 2022) के समय दो बड़े दीपक जलाएं, जो रात भर जलते रहे. दीपावली पूजन में अक्सर बड़े दीपक जलाए जाते हैं. एक सरसों के तेल का और एक घी का. मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और भगवान गणेश की मूर्ति के दाहिनी तरफ घी का दिया रखें और बांयी तरफ तेल का दिया रखें. तेल का दिया पूरी रात जलता रहे. ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए. इसका तात्पर्य है कि घर में पूरी रात प्रकाश होता रहे. जिससे मां लक्ष्मी का घर में आने का पथ प्रदर्शन होता रहे. प्रात काल उसी दीपक पर प्राचीन काल में महिलाएं उस दीपक पर एक खाली दिया रखकर स्याही उतारती थी. जो बच्चों व बड़ों को लगाई जाती थी. इससे परिवार के सदस्यों और बच्चों के रूप लावण्य में निखार आता था और नजर नहीं लगती थी. इसलिए उसी दीपक पर कोई खाली दीपक रखकर स्याही उतारें और उसका प्रयोग करें.

बिल्ली का दर्शन होता है शुभ

धनतेरस से दीपावली की रात तक घर के आसपास बिल्ली दिखाई दे तो बहुत ही शुभ है. कहते हैं कि दीपावली की रात बिल्ली के रूप में मां लक्ष्मी हमारे घरों में फेरा लगाती हैं. इसलिए बिल्ली का दर्शन बहुत ही शुभ माना गया है.

भगवान विष्णु का पूजन करें

भगवान गणेश मां लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं. जो सदैव मां लक्ष्मी के बाएं हाथ की ओर रहते हैं. हम लक्ष्मी का आह्वान भगवान गणेश के साथ करते हैं. उसके साथ भगवान विष्णु की भी मूर्ति मां लक्ष्मी के दाहिने हाथ की ओर अवश्य रखें. कहा जाता है कि भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का घर में निवास होना चाहिए.

चित्र अथवा प्रतिमा लगाएं

पहले बड़े बुजुर्ग अपनी दुकानों व संस्थान पर खड़ी हुई लक्ष्मी का फोटो लगा कर उनका पूजन करते थे. इसका तात्पर्य है कि व्यवसायिक संस्थानों में निरंतर व्यापार चलने की कामना से खड़ी हुई मां लक्ष्मी (diwali lakshmi puja 2022) और भगवान गणेश की मूर्ति का ही पूजन करें. जो व्यापार के लिए अच्छा होता है.

ये भी पढ़ें : दिवाली पर बन रहा विशेष संयोग, इस मुहूर्त पर की लक्ष्मी पूजा तो बदलेगी किस्मत

लक्ष्मी पूजन के समय घंटी और शंख न बजाएं

ऐसा कहा जाता है कि शाम की आरती के बाद देवगण सो जाते हैं. इसलिए उसके पश्चात शंख और घंटी बजाने से उनकी निद्रा में बाधा आती है. इसीलिए मां सरस्वती, दुर्गा ,लक्ष्मी की पूजन (Goddess Lakshmi Diwali Pooja Vidhi) में रात्रि को घंटी अथवा शंख नहीं बजाना चाहिए. घंटी बजाने का तात्पर्य होता है कि मां लक्ष्मी को घर से विदा करना. घंटा बजने का अर्थ ही समाप्ति होता है. इसलिए अपने संस्थानों में दिन में लक्ष्मी पूजन के बाद आरती के समय शंख व घंटी बजा सकते हैं किंतु रात्रि के अपने घर में लक्ष्मी पूजन के समय घंटी अथवा शंख नहीं बजाना चाहिए. साधारण रूप से आरती कर भोग लगाएं.

ये भी पढ़ें : दिवाली नजदीक आते ही मिट्टी के दीये बनाने का काम तेज

Note : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है. यहां यह बताना जरूरी है कि ETV Bharat किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिवाली पर लोग अपने-अपने घरों, संस्थानों, दुकान और ऑफिस को साफ सुथरा करते हैं. मां लक्ष्मी का आह्वान कर अपने संस्थान में व्यापार वृद्धि की कामना करते हैं. घर में लक्ष्मी का आगमन (godess lakshmi on diwali) चाहते हैं. किंतु आजकल, कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल के युग में हमारी नवीन पीढ़ियों को दिवाली (Diwali 2022) जैसे त्योहारों के बारे में अल्प ज्ञान है. जिन घरों में बड़े बुजुर्ग हैं उनको तो पता है लेकिन जो एकल परिवार में रहते हैं वे त्योहारों के बारे में भी इंटरनेट पर सर्च करते हैं.

दिवाली पर किन चीजों को प्रमुखता से करना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहिए? इस पर जानकारी दे रहे हैं गाजियाबाद स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र (Shiv Shankar Jyotish Evam Vastu Anusandhan Kendra, Ghaziabad) के आचार्य शिव कुमार शर्मा (Acharya Shiv Kumar Sharma).

नई झाड़ू खरीदें

दीपावली पर नई झाड़ू खरीदें और दीपावली के बाद प्रातःकाल सफाई नई झाड़ू से ही करें. दूसरी या पुरानी झाड़ू से न करें. प्राचीन काल में घर की महिलाएं दीपावली से अगली प्रातः काल सूर्य उदय से पहले ही घर में झाड़ू लगा कर घर के द्वार पर रंगोली बनाती थी. हम यह परंपरा भूलते जा रहे हैं. देर तक दिवाली उत्सव मनाने के कारण आजकल सभी लोग देर से उठते हैं. जबकि लक्ष्मी माता के आह्वान का दिन वैसे तो जागरण का होता है. किंतु प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफाई करें लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

दो दीपक जलाएं

दिवाली पूजन (Diwali Pooja 2022) के समय दो बड़े दीपक जलाएं, जो रात भर जलते रहे. दीपावली पूजन में अक्सर बड़े दीपक जलाए जाते हैं. एक सरसों के तेल का और एक घी का. मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और भगवान गणेश की मूर्ति के दाहिनी तरफ घी का दिया रखें और बांयी तरफ तेल का दिया रखें. तेल का दिया पूरी रात जलता रहे. ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए. इसका तात्पर्य है कि घर में पूरी रात प्रकाश होता रहे. जिससे मां लक्ष्मी का घर में आने का पथ प्रदर्शन होता रहे. प्रात काल उसी दीपक पर प्राचीन काल में महिलाएं उस दीपक पर एक खाली दिया रखकर स्याही उतारती थी. जो बच्चों व बड़ों को लगाई जाती थी. इससे परिवार के सदस्यों और बच्चों के रूप लावण्य में निखार आता था और नजर नहीं लगती थी. इसलिए उसी दीपक पर कोई खाली दीपक रखकर स्याही उतारें और उसका प्रयोग करें.

बिल्ली का दर्शन होता है शुभ

धनतेरस से दीपावली की रात तक घर के आसपास बिल्ली दिखाई दे तो बहुत ही शुभ है. कहते हैं कि दीपावली की रात बिल्ली के रूप में मां लक्ष्मी हमारे घरों में फेरा लगाती हैं. इसलिए बिल्ली का दर्शन बहुत ही शुभ माना गया है.

भगवान विष्णु का पूजन करें

भगवान गणेश मां लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं. जो सदैव मां लक्ष्मी के बाएं हाथ की ओर रहते हैं. हम लक्ष्मी का आह्वान भगवान गणेश के साथ करते हैं. उसके साथ भगवान विष्णु की भी मूर्ति मां लक्ष्मी के दाहिने हाथ की ओर अवश्य रखें. कहा जाता है कि भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का घर में निवास होना चाहिए.

चित्र अथवा प्रतिमा लगाएं

पहले बड़े बुजुर्ग अपनी दुकानों व संस्थान पर खड़ी हुई लक्ष्मी का फोटो लगा कर उनका पूजन करते थे. इसका तात्पर्य है कि व्यवसायिक संस्थानों में निरंतर व्यापार चलने की कामना से खड़ी हुई मां लक्ष्मी (diwali lakshmi puja 2022) और भगवान गणेश की मूर्ति का ही पूजन करें. जो व्यापार के लिए अच्छा होता है.

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लक्ष्मी पूजन के समय घंटी और शंख न बजाएं

ऐसा कहा जाता है कि शाम की आरती के बाद देवगण सो जाते हैं. इसलिए उसके पश्चात शंख और घंटी बजाने से उनकी निद्रा में बाधा आती है. इसीलिए मां सरस्वती, दुर्गा ,लक्ष्मी की पूजन (Goddess Lakshmi Diwali Pooja Vidhi) में रात्रि को घंटी अथवा शंख नहीं बजाना चाहिए. घंटी बजाने का तात्पर्य होता है कि मां लक्ष्मी को घर से विदा करना. घंटा बजने का अर्थ ही समाप्ति होता है. इसलिए अपने संस्थानों में दिन में लक्ष्मी पूजन के बाद आरती के समय शंख व घंटी बजा सकते हैं किंतु रात्रि के अपने घर में लक्ष्मी पूजन के समय घंटी अथवा शंख नहीं बजाना चाहिए. साधारण रूप से आरती कर भोग लगाएं.

ये भी पढ़ें : दिवाली नजदीक आते ही मिट्टी के दीये बनाने का काम तेज

Note : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है. यहां यह बताना जरूरी है कि ETV Bharat किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी.

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