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RapidX Corridor: आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन पर बन रहा पैदल यात्रियों के लिए डेडिकेटेड पुल

आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन में पैदल यात्रियों के आने-जाने के लिए डेडिकेटेड पुल बनाया जा रहा है. ये पुल आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन और चौधरी चरण सिंह मार्ग के बीच गुजर रहे गाजीपुर ड्रेन के ऊपर बनाए जाएंगे.

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Published : Jun 1, 2023, 2:34 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन में पैदल यात्रियों के आने-जाने के लिए डेडिकेटेड पुल बनाया जा रहा है. इसके साथ ही, मल्टी-मॉडल इंटिग्रेशन के तहत वाहनों के प्रवेश और निकास के लिए दो अलग-अलग पुल के साथ कुल 3 पुलों का निर्माण किया जा रहा है. ये पुल आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन और चौधरी चरण सिंह मार्ग के बीच गुजर रहे गाजीपुर ड्रेन के ऊपर बनाए जाएंगे.

इन तीन पुलों में से सबसे दाहिनी ओर के पुल का उपयोग आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन की ओर वाहनों के प्रवेश मार्ग के रूप में, सबसे बायीं ओर के पुल का प्रयोग वाहनों के निकास द्वार के रूप में और बीच के पुल का प्रयोग विशिष्ट रूप से सिर्फ पैदल यात्रियों के आवागमन के लिए होगा. इसके लिए आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन परिसर में वाहनों के प्रवेश हेतु गाजीपुर ड्रेन के ऊपर लगभग 10 मीटर चौड़ा पुल मार्ग बनाया जा रहा है. इस प्रवेश मार्ग से टैक्सी, निजी वाहन आदि परिसर में प्रवेश कर यात्रियों को उतार सकेंगे. साथ ही, इन वाहनों के वापस मुख्य मार्ग पर जाने के लिए स्टेशन के बाएं सिरे पर ड्रेन के ऊपर करीब 13 मीटर चौड़ा निकास हेतु पुल मार्ग बनाया जा रहा है.

रैपिडएक्स स्टेशन पर होगा मल्टीमॉडल इंटिग्रेशन
रैपिडएक्स स्टेशन पर होगा मल्टीमॉडल इंटिग्रेशन

सिर्फ पैदल यात्रियों के लिए इन दोनों मार्गों के बीच में विशिष्ट रूप से एक पैदल पुल मार्ग बनाया जा रहा है, जिसकी चौड़ाई लगभग 5 मीटर होगी. आनंद विहार से रोजाना लाखों यात्री विभिन्न परिवहन साधनों के माध्यम से सफर करते हैं. अक्सर ऐसा देखा गया है कि परिवहन के विभिन्न साधन बदलने के लिए यात्रियों को तमाम परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है. उन्हें भीड़भाड़, अव्यवस्थित ट्रैफिक से जूझते हुए, दूसरे साधन तक पहुंचने के लिए एक लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. इससे इन सार्वजनिक साधनों के पास अत्यधिक भीड़ लग जाती है, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित होती है और सड़क पर ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.

इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, एनसीआरटीसी ने यात्रियों की निर्बाध, सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग प्रवेश एवं निकास मार्ग एवं पैदल पार पुल मार्ग निर्मित करने का निर्णय लिया. इस स्टेशन की लोकेशन की योजना रणनीतिक रूप से इस प्रकार भी बनाई गई है कि इसका निर्माण मौजूदा सार्वजनिक परिवहन साधनों के जितना नजदीक संभव हो, उतना किया जाए ताकि यात्री यहां पर उपलब्ध किसी भी परिवहन के साधन का सुगमता से उपयोग कर सकें.

ये भी पढ़ेंः Land For Job Scam Case: सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल करने के लिए कोर्ट से मांगाऔर समय, सुनवाई 12 जुलाई तक टली

यह स्टेशन सार्वजनिक परिवहन के 6 माध्यमों के साथ इंटीग्रेटेड किया जाएगा, जिसमें स्वामी विवेकानंद (आनंद विहार) अंतर्राज्यीय बस अड्डा, सिटी बस अड्डा, कौशांबी स्थित उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का बस अड्डा, मेट्रो की दो लाइनें (पिंक और ब्लू लाइन) और आनंद विहार रेलवे स्टेशन शामिल हैं. इसके अलावा, इन पुल मार्गों के साथ सामने के मुख्य मार्ग पर निर्धारित बस स्टॉप बनाया जाना भी प्रस्तावित है, जिसकी मदद से यात्री यहां उतरकर इन पुल द्वारा स्टेशन में प्रवेश कर सकें. एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक पूरे 82 किलेमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को परिचालित कर दिया जाए. उससे पहले जल्द ही इस कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड को जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः Money Laundering Case: सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 19 जुलाई तक टली

नई दिल्ली/गाजियाबादः दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन में पैदल यात्रियों के आने-जाने के लिए डेडिकेटेड पुल बनाया जा रहा है. इसके साथ ही, मल्टी-मॉडल इंटिग्रेशन के तहत वाहनों के प्रवेश और निकास के लिए दो अलग-अलग पुल के साथ कुल 3 पुलों का निर्माण किया जा रहा है. ये पुल आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन और चौधरी चरण सिंह मार्ग के बीच गुजर रहे गाजीपुर ड्रेन के ऊपर बनाए जाएंगे.

इन तीन पुलों में से सबसे दाहिनी ओर के पुल का उपयोग आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन की ओर वाहनों के प्रवेश मार्ग के रूप में, सबसे बायीं ओर के पुल का प्रयोग वाहनों के निकास द्वार के रूप में और बीच के पुल का प्रयोग विशिष्ट रूप से सिर्फ पैदल यात्रियों के आवागमन के लिए होगा. इसके लिए आनंद विहार रैपिडएक्स स्टेशन परिसर में वाहनों के प्रवेश हेतु गाजीपुर ड्रेन के ऊपर लगभग 10 मीटर चौड़ा पुल मार्ग बनाया जा रहा है. इस प्रवेश मार्ग से टैक्सी, निजी वाहन आदि परिसर में प्रवेश कर यात्रियों को उतार सकेंगे. साथ ही, इन वाहनों के वापस मुख्य मार्ग पर जाने के लिए स्टेशन के बाएं सिरे पर ड्रेन के ऊपर करीब 13 मीटर चौड़ा निकास हेतु पुल मार्ग बनाया जा रहा है.

रैपिडएक्स स्टेशन पर होगा मल्टीमॉडल इंटिग्रेशन
रैपिडएक्स स्टेशन पर होगा मल्टीमॉडल इंटिग्रेशन

सिर्फ पैदल यात्रियों के लिए इन दोनों मार्गों के बीच में विशिष्ट रूप से एक पैदल पुल मार्ग बनाया जा रहा है, जिसकी चौड़ाई लगभग 5 मीटर होगी. आनंद विहार से रोजाना लाखों यात्री विभिन्न परिवहन साधनों के माध्यम से सफर करते हैं. अक्सर ऐसा देखा गया है कि परिवहन के विभिन्न साधन बदलने के लिए यात्रियों को तमाम परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है. उन्हें भीड़भाड़, अव्यवस्थित ट्रैफिक से जूझते हुए, दूसरे साधन तक पहुंचने के लिए एक लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. इससे इन सार्वजनिक साधनों के पास अत्यधिक भीड़ लग जाती है, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित होती है और सड़क पर ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.

इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, एनसीआरटीसी ने यात्रियों की निर्बाध, सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग प्रवेश एवं निकास मार्ग एवं पैदल पार पुल मार्ग निर्मित करने का निर्णय लिया. इस स्टेशन की लोकेशन की योजना रणनीतिक रूप से इस प्रकार भी बनाई गई है कि इसका निर्माण मौजूदा सार्वजनिक परिवहन साधनों के जितना नजदीक संभव हो, उतना किया जाए ताकि यात्री यहां पर उपलब्ध किसी भी परिवहन के साधन का सुगमता से उपयोग कर सकें.

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यह स्टेशन सार्वजनिक परिवहन के 6 माध्यमों के साथ इंटीग्रेटेड किया जाएगा, जिसमें स्वामी विवेकानंद (आनंद विहार) अंतर्राज्यीय बस अड्डा, सिटी बस अड्डा, कौशांबी स्थित उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का बस अड्डा, मेट्रो की दो लाइनें (पिंक और ब्लू लाइन) और आनंद विहार रेलवे स्टेशन शामिल हैं. इसके अलावा, इन पुल मार्गों के साथ सामने के मुख्य मार्ग पर निर्धारित बस स्टॉप बनाया जाना भी प्रस्तावित है, जिसकी मदद से यात्री यहां उतरकर इन पुल द्वारा स्टेशन में प्रवेश कर सकें. एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक पूरे 82 किलेमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को परिचालित कर दिया जाए. उससे पहले जल्द ही इस कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड को जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

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