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दुर्गेश पाठक का आरोप- भ्रष्टाचार के चलते एमसीडी के राजकोष को लगभग 6 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

आप विधायक दुर्गेश पाठक ने एक बार फिर बीजेपी और एमसीडी पर हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि एमसीडी के राजकोष को लगभग 6 करोड़ का नुकसान (MCDs treasury suffered a loss of about Rs 6 crore) हुआ है जिसकी वजह भ्रष्टाचार है.

MCDs treasury suffered a loss of about Rs 6 crore
MCDs treasury suffered a loss of about Rs 6 crore
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Published : Oct 22, 2022, 10:49 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में आप आदमी पार्टी विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया है कि एमसीडी राजकोष को लगभग 6 करोड़ का नुकसान हुआ (MCDs treasury suffered a loss of about Rs 6 crore) है. उन्होंने बताया कि पैसा नहीं मिलने के बावजूद बीजेपी एक ही मालिक की कंपनियों को पार्किंग शुल्क जमा करने का टेंडर देती रही. उन्होंने कहा कि एमसीडी ने एक कंपनी को पार्किंग शुल्क जमा करने का टेंडर दिया था लेकिन पब्लिक से आए 1.5 करोड़ रुपये कभी एमसीडी के पास नहीं पहुंचे.

आप विधायक दुर्गेश पाठक ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा एमसीडी दिवालिया हो गई है. एमसीडी के पास आज तनख्वाह देने के लिए भी पैसे नहीं हैं. और तो और, एमसीडी के पास मूल सुविधाओं के लिए भी पैसे नहीं है. उन्होंने कहा कि एमसीडी ने एक कंपनी को पार्किंग चलाने का टेंडर दिया था कि वह दिल्ली की जनता से आप पार्किंग शुल्क लेंगे और फिर वह सारा पैसा एमसीडी के राजकोष में जमा करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि कंपनी ने पार्किंग का संचालन तो शुरू कर दिया लेकिन लोगों से 20 रूपए पार्किंग शुल्क लेने के बजाए 40 रुपए लिए जाने लगे. और तो और पार्किंग शुल्क इकट्ठा करने के बाद उन्होंने वह पैसा एमसीडी के खाते में जमा भी नहीं कराया. मामला कोर्ट में गया और कोर्ट ने कहा कि कंपनी को एक निश्चित तारीख में पैसा जमा करना होगा अन्यथा एमसीडी उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर सकती है. लेकिन कंपनी ने फिर भी पैसा जमा नहीं किया जिसके बाद एमसीडी ने उसे ब्लैक लिस्ट कर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया.

इस पूरी घटना में एमसीडी के लगभग डेढ़ करोड़ रुपए पहले ही डूब चुके थे. लेकिन उसी कंपनी के लोगों ने एक नई कंपनी बनाई और पार्किंग का टेंडर फिर ले लिया. इस तरह से कंपनियों ने एमसीडी को पैसा नहीं दिया. बार-बार कोर्ट के चक्कर लगे जहां एमसीडी इन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करती रही. इसके बाद कोर्ट ने 2022 में एक कंपनी को किस्तों के अनुसार पैसा देने का आदेश दिया, लेकिन कंपनी पैसा नहीं दे पाई जिसके बाद एमसीडी ने उस कंपनी का भी लाइसेंस रद्द कर दिया. पाठक ने कहा कि मेरे पास एक दस्तावेज मौजूद हैं जिसमें इन सभी कंपनियों के नाम लिखे हुए हैं.

दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि जहां पहले एमसीडी का बकाया डेढ़ करोड़ रुपये था वह अब बढ़कर 6 करोड़ हो गया है. भाजपा एमसीडी में पिछले 15 सालों से है. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या आपको लगता है कि भाजपा के लोगों द्वारा पैसा खाए बिना इतना बड़ा काम हो सकता है? क्या भाजपा के बड़े नेताओं की सहमति और मिलीभगत के बगैर इतना यह संभव है? यह एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है.

यह भी पढ़ें-वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के उद्घाटन को आप ने बताया फर्जी, कहा- कूड़े का पहाड़ देख जाइए...

पाठक ने कहा कि, आम आदमी पार्टी ने पिछले 3 दिनों में आप लोगों को बताया कि किस तरह भाजपा ने लगभग 30 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया. पहले वृद्धाश्रम के नाम पर 10 करोड रुपए डूबा दिए और फिर नरेला में नर्सिंग स्कूल बनाने में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ. आप देख सकते हैं कि किस स्तर का भ्रष्टाचार हो रहा है. यही वजह है कि एमसीडी दिवालिया हो गई है, जिसकी वजह से वह कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है. हम एलजी साहब को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जानकारी देंगे और उनसे जांच की मांग करेंगे. उम्मीद है वह सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे.

नई दिल्ली: राजधानी में आप आदमी पार्टी विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया है कि एमसीडी राजकोष को लगभग 6 करोड़ का नुकसान हुआ (MCDs treasury suffered a loss of about Rs 6 crore) है. उन्होंने बताया कि पैसा नहीं मिलने के बावजूद बीजेपी एक ही मालिक की कंपनियों को पार्किंग शुल्क जमा करने का टेंडर देती रही. उन्होंने कहा कि एमसीडी ने एक कंपनी को पार्किंग शुल्क जमा करने का टेंडर दिया था लेकिन पब्लिक से आए 1.5 करोड़ रुपये कभी एमसीडी के पास नहीं पहुंचे.

आप विधायक दुर्गेश पाठक ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा एमसीडी दिवालिया हो गई है. एमसीडी के पास आज तनख्वाह देने के लिए भी पैसे नहीं हैं. और तो और, एमसीडी के पास मूल सुविधाओं के लिए भी पैसे नहीं है. उन्होंने कहा कि एमसीडी ने एक कंपनी को पार्किंग चलाने का टेंडर दिया था कि वह दिल्ली की जनता से आप पार्किंग शुल्क लेंगे और फिर वह सारा पैसा एमसीडी के राजकोष में जमा करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि कंपनी ने पार्किंग का संचालन तो शुरू कर दिया लेकिन लोगों से 20 रूपए पार्किंग शुल्क लेने के बजाए 40 रुपए लिए जाने लगे. और तो और पार्किंग शुल्क इकट्ठा करने के बाद उन्होंने वह पैसा एमसीडी के खाते में जमा भी नहीं कराया. मामला कोर्ट में गया और कोर्ट ने कहा कि कंपनी को एक निश्चित तारीख में पैसा जमा करना होगा अन्यथा एमसीडी उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर सकती है. लेकिन कंपनी ने फिर भी पैसा जमा नहीं किया जिसके बाद एमसीडी ने उसे ब्लैक लिस्ट कर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया.

इस पूरी घटना में एमसीडी के लगभग डेढ़ करोड़ रुपए पहले ही डूब चुके थे. लेकिन उसी कंपनी के लोगों ने एक नई कंपनी बनाई और पार्किंग का टेंडर फिर ले लिया. इस तरह से कंपनियों ने एमसीडी को पैसा नहीं दिया. बार-बार कोर्ट के चक्कर लगे जहां एमसीडी इन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करती रही. इसके बाद कोर्ट ने 2022 में एक कंपनी को किस्तों के अनुसार पैसा देने का आदेश दिया, लेकिन कंपनी पैसा नहीं दे पाई जिसके बाद एमसीडी ने उस कंपनी का भी लाइसेंस रद्द कर दिया. पाठक ने कहा कि मेरे पास एक दस्तावेज मौजूद हैं जिसमें इन सभी कंपनियों के नाम लिखे हुए हैं.

दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि जहां पहले एमसीडी का बकाया डेढ़ करोड़ रुपये था वह अब बढ़कर 6 करोड़ हो गया है. भाजपा एमसीडी में पिछले 15 सालों से है. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या आपको लगता है कि भाजपा के लोगों द्वारा पैसा खाए बिना इतना बड़ा काम हो सकता है? क्या भाजपा के बड़े नेताओं की सहमति और मिलीभगत के बगैर इतना यह संभव है? यह एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है.

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पाठक ने कहा कि, आम आदमी पार्टी ने पिछले 3 दिनों में आप लोगों को बताया कि किस तरह भाजपा ने लगभग 30 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया. पहले वृद्धाश्रम के नाम पर 10 करोड रुपए डूबा दिए और फिर नरेला में नर्सिंग स्कूल बनाने में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ. आप देख सकते हैं कि किस स्तर का भ्रष्टाचार हो रहा है. यही वजह है कि एमसीडी दिवालिया हो गई है, जिसकी वजह से वह कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है. हम एलजी साहब को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जानकारी देंगे और उनसे जांच की मांग करेंगे. उम्मीद है वह सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे.

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